AIN NEWS 1 | गाजियाबाद से एक बड़ी साइबर ठगी का मामला सामने आया है। साइबर थाना पुलिस ने इस मामले का खुलासा किया है, जिसमें बताया गया कि दो दिनों के भीतर 24 लोगों से 9.38 करोड़ रुपए की ठगी की गई है। यह ठगी 10 राज्यों में फैले लोगों से की गई थी। अपर पुलिस आयुक्त (क्राइम) सच्चिदानंद ने बताया कि इस मामले में दो शातिर ठगों को गिरफ्तार किया गया है।
ठगी का तरीका
गिरफ्तार ठग शेयर ट्रेडिंग के नाम पर भोले-भाले लोगों को फंसाते थे और उनसे मोटी रकम ऐंठ लेते थे। यह ठगी एक अंतरराष्ट्रीय नेटवर्क के जरिए संचालित होती थी, जहां विदेश में बैठे ठग शेयर ट्रेडिंग की ट्रेनिंग देने के बहाने लोगों से संपर्क करते थे। फर्जी नामों से खोले गए खातों में रकम प्राप्त कर, एक ट्रांजेक्शन के बाद खातों में सेंधमारी कर बाकी की रकम भी निकाल ली जाती थी।
ठगों का परिचय
- अदनान हुसैन अंसारी: हमीरपुर जिले के राठ क्षेत्र का निवासी, बीसीए की पढ़ाई के दौरान ठगों के संपर्क में आया।
- मोहम्मद रिजवान खान: दसवीं तक पढ़ाई की है, अदनान का साथी।
ठगी का खुलासा
गाजियाबाद निवासी मनीष भाटी ने साइबर थाने में शिकायत दर्ज कराई थी कि उनसे 6.42 लाख रुपये ठग लिए गए थे। इस मामले की जांच के दौरान पुलिस ने अदनान और रिजवान को गिरफ्तार किया और इनके अंतरराष्ट्रीय नेटवर्क का खुलासा हुआ। पुलिस ने एक खाते में 3.75 लाख रुपये फ्रीज कराए हैं और बाकी ठगी गई रकम को भी ट्रैक करने के प्रयास जारी हैं।
सोशल मीडिया के जरिए ठगी
अदनान सोशल मीडिया के जरिए लोगों को शेयर ट्रेडिंग के लिए प्रेरित करता था और उन्हें ‘मोतीलाल ओसवाल फाइनेंसियल सर्विस’ नामक एक ग्रुप से जोड़ता था। इस ग्रुप के माध्यम से लोगों को ठगने का काम किया जाता था।
पुलिस की कार्रवाई
एडीसीपी सच्चिदानंद ने बताया कि पुलिस ने जिन 24 लोगों के साथ ठगी की जानकारी मिली है, उनसे संपर्क करने के प्रयास किए जा रहे हैं। इस ठगी के जाल को तोड़ने के लिए पुलिस ने जांच को तेज कर दिया है और संबंधित खातों की निगरानी बढ़ा दी है।
इस घटना ने साइबर सुरक्षा को लेकर कई गंभीर सवाल खड़े कर दिए हैं और लोगों को सचेत रहने की जरूरत है। पुलिस की जांच जारी है और उम्मीद है कि इस जालसाजी के सभी पहलुओं को जल्द ही उजागर किया जाएगा।