आज सुप्रीम कोर्ट में हाथरस भगदड़ की जांच के संबंध में याचिका पर सुनवाई होगी। इस सुनवाई के दौरान सीजेआई जस्टिस डीवाई चंद्रचूड़, जस्टिस जेबी पारदीवाला और जस्टिस मनोज मिश्रा की पीठ याचिका पर विचार करेगी।
याचिका की मांगें
अधिवक्ता विशाल तिवारी द्वारा दायर इस याचिका में निम्नलिखित मांगें की गई हैं:
- उत्तर प्रदेश सरकार को घटना पर स्थिति रिपोर्ट प्रस्तुत करने का निर्देश।
- अधिकारियों, कर्मचारियों और अन्य संबंधित लोगों के खिलाफ लापरवाही के लिए कानूनी कार्रवाई शुरू करने का आदेश।
- सुप्रीम कोर्ट के सेवानिवृत्त जज की अध्यक्षता में पांच सदस्यीय विशेषज्ञ समिति का गठन।
- राज्यों को किसी भी धार्मिक या अन्य आयोजनों में जनता की सुरक्षा के लिए दिशानिर्देश जारी करने का निर्देश।
घटना का विवरण
2 जुलाई को हाथरस के सिकंदराराऊ के फुलरई मुगलगढ़ी गांव में साकार विश्वहरि बाबा उर्फ भोले बाबा का सत्संग आयोजित हुआ था। सत्संग में 80 हजार लोगों की अनुमति थी, लेकिन करीब 2.50 लाख से अधिक लोग आ गए। सत्संग समाप्ति की घोषणा के बाद बाबा की प्राइवेट आर्मी ने कार्यक्रम स्थल की व्यवस्था संभाली, लेकिन भीड़ को नियंत्रित करने में वे असफल रहे।
भगदड़ की स्थिति
जब बाबा का काफिला निकला, तो भीड़ को रोक दिया गया। चरणों की रज लेने के चक्कर में अनुयायी अनियंत्रित हो गए और भगदड़ मच गई। इस भगदड़ में 121 लोगों की मौत हो गई।
प्रशासनिक कार्रवाई
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के निर्देश के बाद यूपी पुलिस ने ताबड़तोड़ कार्रवाई शुरू की। पुलिस ने छह अभियुक्तों को गिरफ्तार किया, जिनमें सत्संग आयोजन समिति से जुड़े चार पुरुष और दो महिलाएं शामिल हैं:
- राम लडैते यादव (मैनपुरी)
- मंजू यादव (हाथरस)
- उपेंद्र सिंह यादव (फिरोजाबाद)
- मंजू देवी यादव (हाथरस)
- मेघ सिंह (हाथरस)
- मुकेश कुमार (हाथरस)
ये सभी सेवादार के रूप में कार्यरत थे।
सुप्रीम कोर्ट की सुनवाई
सुप्रीम कोर्ट की पीठ 12 जुलाई को इस याचिका पर सुनवाई करेगी। याचिका में दिए गए अनुरोधों पर विचार करते हुए कोर्ट द्वारा कोई महत्वपूर्ण निर्देश जारी किए जा सकते हैं।