AIN NEWS 1: दिल के दौरे की पुनरावृत्ति को रोकने और हृदय को स्वस्थ रखने के लिए एक विशेष घरेलू उपाय किया जा सकता है। इस उपाय में पीपल के पत्तों का प्रयोग किया जाता है:
1. पीपल के पत्तों की तैयारी:
– 15 ताजे पीपल के पत्ते लें। ये पत्ते हरे, कोमल और पूरी तरह विकसित होने चाहिए, गुलाबी कोपलें नहीं।
– पत्तों का ऊपर और नीचे का हिस्सा कैंची से काट लें और बीच का हिस्सा स्वच्छ पानी से धो लें।
– इन 15 पत्तों को एक गिलास (लगभग 270 ग्राम) पानी में डालकर धीमी आंच पर पकाएं। जब पानी उबालकर एक तिहाई (लगभग 90 ग्राम या तीन औंस) रह जाए, तब ठंडा कर छान लें। इस पानी को स्वच्छ स्थान पर ढक कर रख लें।
2. उपयोग विधि:
– इस काढ़े की तीन खुराकें (लगभग एक-एक औंस) दिन में तीन घंटे के अंतराल पर लें।
– हार्ट अटैक के बाद सामान्य स्थिति में आने के बाद लगातार पंद्रह दिन तक इसका सेवन करें। इससे हृदय स्वस्थ हो सकता है और दिल के दौरे की संभावना कम हो सकती है।
3. विशेष बातें:
– पीपल की कोमल पत्तियाँ हृदय को बल और शांति देने में सक्षम होती हैं।
– काढ़े की खुराक सुबह 8 बजे, 11 बजे और 2 बजे ली जा सकती है।
– खुराक लेने से पहले पेट पूरी तरह से खाली नहीं होना चाहिए; सुपाच्य नाश्ता जैसे दलिया या दो बिस्कुट लेना चाहिए।
4. परहेज:
– तली-भुनी चीजें, चावल, मास, मछली, अंडे, शराब, धूम्रपान का प्रयोग बंद करें।
– नमक और चिकनाई का प्रयोग कम करें।
5. पथ्य:
– हृदय रोग में विशेष रूप से उपयोगी पदार्थ: अनार, पपीता, आंवला, बथुआ, लहसुन, दाना मेथी, मौसमी, सेव का मुरब्बा, रात में भिगोये काले चने, किशमिश, गुग्गुल, दही, छाछ आदि।
6. अतिरिक्त उपाय:
– रोजाना 25-30 ग्राम भुने हुए चने का सेवन करें। इन्हें पिसकर शीशी में भर लें और रोजाना पानी या दूध के साथ लें।
– दिल के दौरे से बचाव और गैस्ट्रिक अल्सर के घाव भरने में लाभ होगा।
7. पोदीना का उपयोग:
– पोदीना की पत्तियाँ छाया में सुखाकर बारीक चूर्ण बना लें। इस चूर्ण को एक शीशी में रखें।
– सुबह-शाम भोजन के बाद दो चुटकी पोदीना चूर्ण में एक चुटकी काली मिर्च का चूर्ण मिलाकर खाएं और ऊपर से पानी पी लें। इससे गैस और एसिडिटी की समस्या कम होगी और दिल की सेहत भी बनी रहेगी।
इन उपायों को अपनाकर दिल के दौरे से बचाव किया जा सकता है और हृदय को स्वस्थ रखा जा सकता है। (ज्यादा अच्छे से जानने के लिए अपने डॉक्टर से परामर्श अवस्य ले)