Three Youths Infected with HIV Due to Unsafe Tattooing at Religious Fair
टैटू बनवाने से तीन युवक हुए एचआईवी संक्रमित, मेले में हुई लापरवाही बनी वजह
AIN NEWS 1: उत्तर प्रदेश के प्रतापगढ़ जिले से एक चौंकाने वाला मामला सामने आया है, जहां तीन युवक सिर्फ टैटू बनवाने के कारण एचआईवी पॉजिटिव हो गए। इन युवकों की उम्र 30 से 35 वर्ष के बीच है। तीनों का इलाज प्रतापगढ़ के मेडिकल कॉलेज स्थित एंटी रेट्रोवायरल थेरेपी (ART) सेंटर में चल रहा है। ART सेंटर के इंचार्ज डॉ. राकेश त्रिपाठी ने बताया कि यह संक्रमण टैटू बनवाने की असुरक्षित प्रक्रिया के कारण हुआ है।
बुखार और खांसी से शुरू हुई जांच
इन तीनों युवकों ने जब लगातार बुखार और खांसी की शिकायत की, तो उन्होंने पहले गांव में इलाज कराया। जब वहां आराम नहीं मिला, तो वे प्रतापगढ़ मेडिकल कॉलेज पहुंचे। यहां डॉक्टरों ने सबसे पहले सामान्य वायरल बीमारियों जैसे डेंगू, मलेरिया और फाइलेरिया की जांच की, लेकिन सभी रिपोर्ट निगेटिव आईं। इसके बाद डॉक्टरों ने एचआईवी की जांच कराई, जिसमें सभी की रिपोर्ट पॉजिटिव आई।
कहीं और से संक्रमण की कोई संभावना नहीं
जब इन युवकों की काउंसलिंग की गई तो चौंकाने वाली जानकारी सामने आई। तीनों ने बताया कि उन्होंने कभी किसी से असुरक्षित यौन संबंध नहीं बनाए हैं, न ही कभी संक्रमित रक्त चढ़ाया गया है। तीनों गांव के रहने वाले हैं और खेती-किसानी से जुड़े काम करते हैं। इनमें से एक युवक शादीशुदा भी है।
धार्मिक मेले में बनवाया था टैटू
काउंसलिंग के दौरान सभी युवकों ने बताया कि उन्होंने कुछ समय पहले एक धार्मिक मेले में हाथ में टैटू बनवाया था। वहां एक अस्थायी टैटू स्टॉल लगा था, जहां बिना किसी सुरक्षा मानकों के टैटू बनाए जा रहे थे। न सुइयों को सेनिटाइज किया गया और न ही टैटू मशीन की सफाई की गई। डॉक्टरों का मानना है कि यही मुख्य कारण हो सकता है जिससे तीनों युवक एचआईवी संक्रमित हुए।
डॉक्टरों की चेतावनी और सलाह
डॉ. राकेश त्रिपाठी का कहना है कि ऐसे मामलों में जागरूकता बेहद जरूरी है। उन्होंने बताया कि टैटू बनवाना आजकल एक आम फैशन बन गया है, लेकिन अगर यह असुरक्षित ढंग से किया जाए तो यह जानलेवा साबित हो सकता है। उन्होंने लोगों से अपील की कि टैटू बनवाने से पहले सुनिश्चित करें कि इस्तेमाल की जा रही सुई और मशीन पूरी तरह से सेनेटाइज हो।
गांवों में जागरूकता की कमी बनी बड़ी समस्या
गांवों में जागरूकता की कमी और मेडिकल सुविधाओं की कमी के चलते ऐसे मामले सामने आना चिंता का विषय है। अधिकतर लोग टैटू बनवाने को एक सामान्य प्रक्रिया मानते हैं और सुरक्षा का ध्यान नहीं रखते। मेलों और सड़क किनारे लगे अस्थायी टैटू स्टॉल्स में न सुरक्षा मानक होते हैं और न ही प्रशिक्षित कलाकार। ये असुरक्षित प्रक्रियाएं सीधे तौर पर एचआईवी और हेपेटाइटिस जैसे संक्रमण फैला सकती हैं।
स्वास्थ्य विभाग करेगा जांच
इस मामले के सामने आने के बाद स्वास्थ्य विभाग ने धार्मिक मेलों में लगे टैटू स्टॉल्स की जांच करने का निर्णय लिया है। जिला स्वास्थ्य अधिकारी ने कहा है कि भविष्य में ऐसे अस्थायी टैटू स्टॉल्स की अनुमति देने से पहले उनके सुरक्षा इंतजामों की जांच की जाएगी और नियमों का उल्लंघन करने वालों के खिलाफ कार्रवाई की जाएगी।
प्रतापगढ़ में टैटू बनवाने के बाद एचआईवी संक्रमण के तीन मामले सामने आना एक गंभीर चेतावनी है। इससे यह स्पष्ट होता है कि किसी भी प्रकार की बॉडी आर्ट या मेडिकल प्रक्रिया, चाहे वह कितनी भी सामान्य क्यों न लगे, यदि असुरक्षित ढंग से की जाए तो जानलेवा साबित हो सकती है। आम जनता को जागरूक करना और प्रशासन द्वारा ऐसे स्टॉल्स की निगरानी करना बेहद आवश्यक है, ताकि भविष्य में इस तरह की घटनाएं रोकी जा सकें।
Three young men from Pratapgarh, Uttar Pradesh, have tested HIV positive after getting tattoos at a religious fair, raising alarm over HIV infection from tattooing. Medical reports from the ART Centre at the local medical college confirm the diagnosis. The unsafe use of tattoo machines, possibly reused without sterilization, is suspected to be the primary cause of HIV transmission. This HIV positive youth case in India highlights the urgent need for strict hygiene regulations in tattoo practices, especially in rural fairs and public gatherings.