AIN NEWS 1: उत्तराखंड, जिसे देवभूमि भी कहा जाता है, में हाल के दिनों में सरकारी जमीनों पर अवैध मजारों का निर्माण तेजी से हो रहा है। यह स्थिति तब सामने आई जब शाम को खाली पड़ी जमीन पर अगली सुबह मजारें बन जाती हैं। इस प्रक्रिया के माध्यम से सरकारी जमीनों पर अतिक्रमण किया जा रहा है।
कैसे हो रहा अतिक्रमण?
सरकारी जमीन पर अवैध मजारों का निर्माण रातोंरात किया जा रहा है। शाम को जिस जमीन पर घास उगी होती है, उसी पर अगली सुबह मजारें देखी जाती हैं। यह तरीका अतिक्रमण करने का एक नया तरीका बन गया है, जिससे सरकारी भूमि पर कब्जा किया जा रहा है।
मामले की ताजातरीन घटनाएँ
हाल ही में हल्द्वानी कैंट एरिया में कई नए मजार अचानक बन गए हैं। काठगोदाम रेलवे स्टेशन के पास वन भूमि पर एक मजार और उसके साथ एक भव्य इमारत भी बनाई गई है। वन विभाग ने इस पर नोटिस जारी किया है, लेकिन जब सड़क चौड़ीकरण के लिए झाड़ियों को काटा गया, तो समुदाय के लोग विरोध में आ गए और नया मजार बनाने के लिए जमीन की मांग करने लगे।
अवैध मजारों की संख्या
उत्तराखंड में अब तक एक हजार से अधिक अवैध मजारों की पहचान की जा चुकी है। ये मजार या तो वन विभाग की जमीन पर या सरकारी जमीनों पर बनाई गई हैं। इनमें से कई मजारों को ध्वस्त भी किया जा चुका है, लेकिन यह समस्या अभी भी जारी है।
अधिकारियों की जिम्मेदारी
इस तेजी से बढ़ते अतिक्रमण की स्थिति को देखते हुए प्रशासन को जल्द कार्रवाई करनी चाहिए ताकि सरकारी जमीनों पर कब्जा करने की इस प्रवृत्ति को रोका जा सके।