AIN NEWS 1: दिल्ली के ओल्ड राजेंद्र नगर में एक UPSC छात्रा द्वारा आत्महत्या करने की घटना ने सबको झकझोर दिया है। ढाई पन्नों के सुसाइड नोट में छात्रा ने दिल्ली के पीजी जीवन की कड़वी हकीकत को बयां किया। उसने अपने नोट में लिखा कि बड़े शहर के छोटे से कमरे में रहकर, सीलन भरी दीवारों पर अपने सपनों को टांगकर और जिम्मेदारियों का बोझ ढोते हुए जिन्दगी बिता रही है।
सपनों की कीमत:
सुसाइड नोट में छात्रा ने अपनी पीड़ा व्यक्त करते हुए कहा कि कैसे छोटे कमरे, ऊंचे किराए और तंग हालात में जीना मुश्किल हो गया था। उसने लिखा कि इस भीड़भाड़ वाले इलाके में ज़िन्दगी जीने की कीमत इतनी ज्यादा हो गई है कि वह अपने सपनों की कीमत चुका नहीं पा रही थी।
दिल्ली की भीड़ और सपने:
दिल्ली के ओल्ड राजेंद्र नगर की गलियों में हमेशा भीड़ रहती है। यहाँ की छोटी-छोटी बिल्डिंगों में देश के भविष्य के सपने बसते हैं। लेकिन, यहाँ के छोटे-छोटे कमरों में रहने वाले छात्रों को न तो ताजे हवा की सुविधा है और न ही कपड़े सुखाने की जगह। इन कमरों में किताबों, कपड़ों और यादों के साथ जीवन की जद्दोजहद चलती रहती है।
आर्थिक दबाव और आत्महत्या:
इस दुखद घटना ने एक बार फिर दिखा दिया है कि कैसे आर्थिक दबाव और मानसिक तनाव के कारण कई युवा अपने जीवन की सबसे कठिन परीक्षा का सामना करते हैं। छात्रा ने सुसाइड नोट में इस बात की गुजारिश की कि सरकार इच्छामृत्यु या यूथेनेशिया को लीगल करे, ताकि जिन्दगी की मुश्किलें सहन करने से बेहतर विकल्प मिल सके।
सारांश:
यह घटना केवल अंजलि की कहानी नहीं है, बल्कि कई छात्रों की रोजमर्रा की जिंदगी की सच्चाई है। दिल्ली के पीजी में रहकर UPSC जैसी कठिन परीक्षाओं की तैयारी करना आसान नहीं है। उच्च किराया, तंग कमरे और मानसिक तनाव, ये सभी चीजें छात्रों के सपनों के बीच एक बड़ी बाधा बन जाती हैं।