AIN NEWS 1: विनेश फोगाट पेरिस ओलंपिक्स में 50 किलोग्राम वर्ग में प्रतिस्पर्धा कर रही थीं, लेकिन वजन कटने में असफल होने के कारण वह गोल्ड मेडल मुकाबले में शामिल नहीं हो सकीं। आइए जानें क्यों वज़न कटना इतना चुनौतीपूर्ण है और विनेश की स्थिति में क्या गलत हुआ।
वजन कटना क्या है?
कुश्ती, बॉक्सिंग और अन्य कॉम्बैट स्पोर्ट्स में एथलीटों के लिए विभिन्न वजन श्रेणियाँ निर्धारित की जाती हैं। इन श्रेणियों का उद्देश्य यह सुनिश्चित करना है कि बड़े एथलीट छोटे एथलीट के साथ प्रतिस्पर्धा न करें। कुछ एथलीट इस उद्देश्य के लिए निर्धारित वजन श्रेणी से कम वज़न में प्रतिस्पर्धा करने के लिए जल्दी से वजन घटाते हैं, जिसे वजन कटना कहा जाता है। यह प्रक्रिया विशेषकर कॉम्बैट स्पोर्ट्स में आम है।
कुश्ती के लिए वज़न कटने की प्रक्रिया
संयुक्त वर्ल्ड रेसलिंग (UWW) के नियमों के अनुसार, कुश्ती के मुकाबले के दिन सुबह वज़न लिया जाता है। पहले दिन की वज़न जांच से पहले एथलीट को मेडिकल जांच के लिए आना होता है, जहां वह अपने सिंगलेट में होते हैं। पहले दिन वज़न जांच के लिए 30 मिनट होते हैं, और एथलीट कई बार वज़न माप सकते हैं। यदि मुकाबले के दूसरे दिन भी वज़न जांच होती है, तो 15 मिनट का समय होता है।
विनेश फोगाट के लिए वज़न कटना क्यों कठिन था?
विनेश फोगाट हमेशा 50 किलोग्राम श्रेणी में वजन कटने में कठिनाई का सामना करती रही हैं। वह पहले 53 किलोग्राम श्रेणी में प्रतिस्पर्धा कर रही थीं, लेकिन हाल ही में उन्होंने 50 किलोग्राम श्रेणी में प्रतिस्पर्धा करने का निर्णय लिया। उनकी सामान्य वजन 55-56 किलोग्राम के आसपास है, जिसे उन्हें प्रतियोगिता के दिनों में 50 किलोग्राम तक लाना होता है। इस प्रक्रिया में शरीर का अतिरिक्त पानी जल्दी से निकालना और अत्यधिक पसीना बहाना बहुत कठिन हो जाता है।
पहले दिन वज़न पूरा करने के बावजूद क्यों हुई अयोग्यता?
UWW के नियमों के अनुसार, एथलीट को सभी प्रतियोगिता दिनों में वज़न पूरा करना होता है। ओलंपिक कुश्ती प्रतियोगिता एक वज़न श्रेणी में दो दिन होती है, और विनेश को दोनों दिनों में 50 किलोग्राम या उससे कम वज़न दिखाना पड़ता है। पहले दिन वज़न पूरा करने के बावजूद, वह दूसरे दिन वज़न में सफल नहीं हो पाईं और इसी कारण वह अयोग्य हो गईं।
क्या चोट लगने पर विनेश को मेडल मिल सकता था?
UWW के अनुसार, यदि एथलीट को पहले दिन चोट लगती है, तो उन्हें दूसरे दिन वज़न जांच की आवश्यकता नहीं होती और उन्हें उनके परिणाम मिलते हैं। यदि चोट प्रतियोगिता के पहले दिन के बाद लगती है, तो एथलीट को दूसरे दिन वज़न जांच में उपस्थित होना पड़ता है। अगर विनेश को पहले दिन चोट लगी होती, तो उन्हें सिल्वर मेडल मिल सकता था।
ओलंपिक कुश्ती में दो दिन का वज़न जांच क्यों होता है?
ओलंपिक में, पहले दिन शुरुआती राउंड से लेकर सेमी-फाइनल तक मुकाबले होते हैं और दूसरे दिन गोल्ड मेडल और रिपेचेज राउंड होते हैं। अगर एथलीट को दूसरे दिन मुकाबले में भाग लेना है, तो उन्हें दूसरे दिन भी वज़न जांच की आवश्यकता होती है। 2017 में UWW ने इस प्रक्रिया को बदलकर एक-दिन की प्रतिस्पर्धा के बजाय दो दिन की प्रणाली अपनाई थी, ताकि एथलीट एक ही दिन में बहुत अधिक वज़न न घटाएं।
दो दिन के बाद वज़न कैसे बढ़ सकता है?
अधिकांश कुश्ती एथलीट अंतिम दिनों में अत्यधिक वजन कटने की तकनीकों का उपयोग करते हैं, जिसमें कार्बोहाइड्रेट का कम सेवन, पानी न पीना और तीव्र व्यायाम शामिल हैं। वजन जल्दी घटाने के लिए पानी की कमी और पसीना बहाना प्रमुख तरीका है। विनेश ने पहले दिन वज़न पूरा किया, लेकिन अगले दिन के वज़न जांच के समय उनके शरीर का वज़न वापस आ गया, जिससे वह कुछ ग्रामों से वज़न पूरा नहीं कर पाईं।