AIN NEWS 1: दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल के आधिकारिक आवास के रेनोवेशन में कथित अनियमितताओं के मामले में तीन इंजीनियरों को सस्पेंड कर दिया गया है। इन पर आरोप है कि इन्होंने नियमों का उल्लंघन किया और लागत बढ़ाकर दिखायी।
आरोप और सस्पेंशन
सस्पेंड किए गए इंजीनियरों के नाम प्रदीप कुमार परमार, अभिषेक राज, और अशोक कुमार राजदेव हैं। इन पर आरोप है कि इन्होंने कोविड-19 के दौरान आपातकालीन स्थिति का हवाला देकर केजरीवाल के बंगले के निर्माण की अनुमति प्राप्त की, जबकि उस समय कोई आपातकालीन स्थिति नहीं थी। इसके अलावा, इन्होंने सार्वजनिक निर्माण विभाग (PWD) के साथ साठगांठ कर लागत बढ़ाने और नियमों का उल्लंघन करने के आरोप लगाए गए हैं।
खर्च का विवरण
विजिलेंस विभाग की रिपोर्ट के अनुसार, केजरीवाल के नए बंगले पर कुल 33.49 करोड़ रुपये खर्च हुए, जबकि उनके ऑफिस पर 19.22 करोड़ रुपये खर्च किए गए। रिपोर्ट में कहा गया है कि बंगले के रेनोवेशन में बेतहाशा खर्च बढ़ा दिया गया, जिसमें आर्टिस्टिक काम, सजावटी सामग्री, उच्च गुणवत्ता की फ्लोरिंग और लकड़ी के दरवाजे शामिल थे।
बंगले का निर्माण
केजरीवाल के पुराने बंगले को गिराकर नया बंगला बनाया गया। 2020 से 2022 के बीच किए गए खर्च में इंटीरियर डेकोरेशन पर 11.30 करोड़ रुपये, इलेक्ट्रिकल फिटिंग पर 2.85 करोड़ रुपये, और स्टोन-मार्बल फ्लोरिंग पर 6.02 करोड़ रुपये खर्च हुए। PWD मंत्री ने 2020 में बंगले में बदलाव का प्रस्ताव रखा था, जिसके अंतर्गत ड्राइंग रूम, मीटिंग रूम, और बड़े डाइनिंग रूम का निर्माण शामिल था।
राजनीतिक प्रतिक्रियाएं
भाजपा ने इस मामले में गड़बड़ी के आरोप लगाए, जिसके बाद उपराज्यपाल ने चीफ सेक्रेटरी को फाइलें सुरक्षित रखने और फैक्टुअल रिपोर्ट पेश करने का आदेश दिया। आम आदमी पार्टी (AAP) ने इन आरोपों को खारिज करते हुए कहा कि यह सभी आरोप भाजपा की ओर से केजरीवाल की छवि बिगाड़ने के लिए हैं और रिपोर्ट में कोई ठोस अपराध सिद्ध नहीं हुआ है।
निष्कर्ष
विजिलेंस विभाग की जांच और मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, केजरीवाल के बंगले के रेनोवेशन में हुई अनियमितताओं के चलते अब तक तीन इंजीनियर सस्पेंड किए गए हैं और चार अन्य को भी निलंबित किया गया है। इस मामले की जांच केंद्रीय अन्वेषण ब्यूरो (CBI) द्वारा की जा रही है।