AIN NEWS 1 | राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) के प्रमुख मोहन भागवत ने स्वतंत्रता दिवस के अवसर पर बांग्लादेश में हिंदुओं पर हो रहे हमलों को लेकर चिंता जताई। नागपुर स्थित आरएसएस मुख्यालय में ध्वजारोहण के बाद अपने संबोधन में उन्होंने कहा कि बांग्लादेश में हिंदू समुदाय के लोगों को बेवजह हिंसा का शिकार बनाया जा रहा है, और यह भारत की जिम्मेदारी है कि वह इन घटनाओं पर ध्यान दे और सुनिश्चित करे कि हिंदुओं को किसी प्रकार के अन्याय और अत्याचार का सामना न करना पड़े।
भारत की परंपरा और जिम्मेदारी
भागवत ने भारत की परंपरा का जिक्र करते हुए कहा, “हमारे देश में हमेशा से दूसरों की मदद करने की परंपरा रही है। हमने कभी किसी पर हमला नहीं किया, बल्कि हमेशा मुसीबत में फंसे लोगों की सहायता की है, चाहे वे हमारे साथ कैसा भी व्यवहार करें। आज के समय में, हमें यह सुनिश्चित करना होगा कि हमारा देश सुरक्षित रहे और साथ ही, अन्य देशों की मदद भी करता रहे।”
आने वाली पीढ़ियों का कर्तव्य
भागवत ने कहा कि आने वाली पीढ़ियों का कर्तव्य है कि वे स्वतंत्रता के ‘स्व’ की रक्षा करें। उन्होंने कहा, “दुनिया में हमेशा ऐसे लोग होते हैं जो दूसरे देशों पर प्रभुत्व जताना चाहते हैं। हमें चौकस और सावधान रहना चाहिए, और अपनी रक्षा करनी चाहिए। समय-समय पर स्थिति बदलती रहती है। कभी यह अच्छी होती है, तो कभी चुनौतीपूर्ण। यह उतार-चढ़ाव हमेशा बना रहेगा।”
बांग्लादेश में हिंदुओं पर हमले
शेख हसीना के नेतृत्व वाली बांग्लादेश सरकार के पतन के बाद से अल्पसंख्यक हिंदू समुदाय के लोगों पर कथित तौर पर हमले हो रहे हैं। बांग्लादेश के राष्ट्रीय हिंदू महागठबंधन ने दावा किया है कि हसीना के पद से हटने के बाद से अल्पसंख्यक समुदाय को 48 जिलों में 278 स्थानों पर हमलों और धमकियों का सामना करना पड़ा है।
समाज की जिम्मेदारी
भागवत ने यह भी कहा कि अस्थिरता और अराजकता के कारण किसी भी व्यक्ति को अन्याय और अत्याचार का सामना न करना पड़े, यह सुनिश्चित करना समाज की जिम्मेदारी है। उन्होंने जोर दिया कि सरकार को अपनी भूमिका निभानी चाहिए, लेकिन उसे तब ही ताकत मिलती है जब समाज अपने दायित्वों को पूरा करता है और देश के प्रति प्रतिबद्धता दिखाता है।
संयुक्त राष्ट्र की जांच
संयुक्त राष्ट्र के विशेषज्ञों की एक टीम ने घोषणा की है कि वे जल्द ही बांग्लादेश का दौरा करेंगे, जहां वे शेख हसीना के इस्तीफे से पहले और उसके बाद प्रदर्शनकारियों की हत्याओं की जांच करेंगे।
भागवत के इस बयान ने बांग्लादेश में हो रहे हिंसा और हिंदुओं की स्थिति पर अंतरराष्ट्रीय ध्यान आकर्षित किया है।