AIN NEWS 1 नोएडा, दिल्ली से सटे एक इलाके में एक अनोखा मामला सामने आया है। बैंगलुरु का एक इंजीनियर अपनी पत्नी से प्रताड़ित होकर नोएडा भाग आया। इस दौरान, उसने मॉल में फिल्म देखकर बाहर निकलते समय पुलिस द्वारा पकड़े जाने के बाद खुद को जेल में डालने की इच्छा जताई, लेकिन पत्नी के पास लौटने से मना कर दिया। इस अप्रत्याशित प्रतिक्रिया ने पुलिसकर्मियों को भी चौंका दिया।
प्रस्तावना:
यह कहानी एक बैंगलुरु के इंजीनियर की है, जो घरेलू परेशानियों के चलते इतनी दूर भागने पर मजबूर हो गया कि पुलिस को उसकी तलाश करनी पड़ी। यह मामला न केवल उसकी मानसिक स्थिति को उजागर करता है, बल्कि समाज में घरेलू हिंसा के मुद्दे को भी सामने लाता है।
पलायन की कहानी:
बैंगलुरु का इंजीनियर अपनी पत्नी से लगातार उत्पीड़न का शिकार हो रहा था। अपनी परेशानियों से तंग आकर, उसने नोएडा में भागने का निर्णय लिया। नोएडा में एक मॉल में फिल्म देखने के बाद, जब वह मॉल से बाहर निकला, तो पुलिस ने उसे पकड़ लिया। जब पुलिसकर्मियों ने उसे बैंगलुरु लौटने के लिए कहा, तो उसने उल्टा जेल में डालने की इच्छा व्यक्त की और पत्नी के पास वापस जाने से मना कर दिया।
पुलिस की भूमिका:
पुलिस के अनुसार, यह शख्स पहले तिरुपति गया, फिर ट्रेन से भुवनेश्वर पहुंचा और वहां से दिल्ली और अंत में नोएडा आया। पुलिस ने जब उसे मॉल के बाहर पकड़ा, तो उसकी प्रतिक्रिया से वे भी दंग रह गए। इंजीनियर ने पुलिस को साफ-साफ कह दिया कि वह जेल में रहना पसंद करेगा, लेकिन पत्नी के पास वापस नहीं जाएगा।
पत्नी का बयान और सोशल मीडिया पर गुहार:
इंजीनियर की पत्नी ने सोशल मीडिया पर अपने पति के लापता होने की शिकायत की और आरोप लगाया कि पुलिस उनकी तलाश में गंभीर नहीं है। पत्नी का कहना था कि उसके पति का अपहरण हो सकता है। प्रारंभ में पुलिस ने तकनीकी तरीकों से उसकी लोकेशन पता करने की कोशिश की, लेकिन फोन बंद होने के कारण सफलता नहीं मिली।
इंजीनियर की परेशानियों का खुलासा:
पुलिस ने मॉल के बाहर से पकड़े गए इंजीनियर से बातचीत की और पता चला कि उसकी पत्नी उसे अक्सर परेशान करती थी। इंजीनियर ने बताया कि पत्नी चावल के दाने गिरने या रोटी का टुकड़ा गिरने पर भी उसे गालियाँ देती थी। वह उसे अपने तरीके से कपड़े पहनने को कहती और अकेले चाय पीने की भी अनुमति नहीं देती थी।
समझौता और वापसी:
जब इंजीनियर ने पत्नी के पास लौटने से मना किया, तो पुलिस ने उसे समझाया कि पत्नी द्वारा दर्ज की गई गुमशुदगी की शिकायत केवल उसकी मौजूदगी में ही बंद की जा सकती है। अंततः, पुलिस ने उसे वापस बैंगलुरु ले जाने में सफलता प्राप्त की।
निष्कर्ष:
यह घटना न केवल घरेलू हिंसा की गंभीरता को दर्शाती है, बल्कि यह भी दिखाती है कि कैसे कुछ लोग अपनी समस्याओं से बचने के लिए चरम कदम उठा सकते हैं। बैंगलुरु का यह इंजीनियर अपनी परेशानियों से छुटकारा पाने के लिए इतना दूर भाग गया कि पुलिस को उसकी तलाश करनी पड़ी। यह घटना समाज में घरेलू हिंसा और मानसिक स्वास्थ्य की समस्याओं पर ध्यान आकर्षित करती है।