AIN NEWS 1: हाल ही में उत्तर प्रदेश से हैदराबाद जा रही चॉकलेट की एक खेप में गांजा पाए जाने की घटना ने नशे की प्रवृत्ति को लेकर चिंताओं को बढ़ा दिया है। साइबराबाद पुलिस ने पेट्बाशीराबाद में स्थित एक किराना स्टोर से इन चॉकलेट्स की बड़ी मात्रा को जब्त किया है। यह चॉकलेट ‘आयुर्वेदिक औषध’ के नाम से बेची जा रही थी और इसके पैकेट पर लिखा था कि यह अपच और पेट संबंधी समस्याओं के इलाज के लिए है। हालांकि, जांच में पाया गया कि इन चॉकलेट्स में गांजा मिला हुआ था।
एमएलघटना का विवरण
साइबराबाद पुलिस की स्पेशल ऑपरेशन टीम ने रविवार को पेट्बाशीराबाद के कोमल किराना स्टोर पर छापेमारी की। इस छापेमारी के दौरान पुलिस को 200 पैकेट चॉकलेट मिले, जिनमें गांजा मिला हुआ था। रिपोर्ट के अनुसार, हर 100 ग्राम चॉकलेट में 14 ग्राम गांजा था। ये चॉकलेट्स हैदराबाद से बाहर जा रही थीं और इसी वजह से पुलिस ने इस मामले को गंभीरता से लिया।
चॉकलेट की पैकेजिंग और बिक्री
ये चॉकलेट्स आकर्षक पैकिंग के साथ ‘आयुर्वेदिक औषध’ के नाम पर बेची जा रही थीं। पैकेट पर लिखा था कि इसका उपयोग अपच और पेट संबंधी समस्याओं के इलाज के लिए दिन में दो बार पानी के साथ किया जा सकता है। हालांकि, जब पुलिस ने जांच की, तो पाया कि इसमें नशीला पदार्थ गांजा मिला हुआ था, जो कि स्वास्थ्य के लिए खतरनाक है।
स्टोर के मालिक का बयान
साइबराबाद पुलिस ने बताया कि स्टोर का मालिक पिवेश पांडे उत्तर प्रदेश का रहने वाला है। उसने पुलिस को बताया कि यह चॉकलेट्स यूपी में आसानी से उपलब्ध हैं और इसे डायबिटीज के इलाज के लिए इस्तेमाल किया जाता है। हालांकि, उसकी इस दलील से पुलिस संतुष्ट नहीं हुई, क्योंकि चॉकलेट्स में गांजा मिला होना एक गंभीर अपराध है।
नशे की प्रवृत्ति पर चिंता
इस घटना से यह स्पष्ट हो गया है कि नशा अब आम जनता के बीच भी विभिन्न रूपों में दस्तक दे रहा है। चॉकलेट जैसे आम उत्पाद में गांजा मिलाना न केवल स्वास्थ्य के लिए खतरनाक है, बल्कि यह नशे के अवैध व्यापार के फैलाव को भी दर्शाता है। तेलंगाना नार्कोटिक्स ब्यूरो ने यूपी और राजस्थान में ऐसे कई लोगों की पहचान की है जो इस प्रकार की चॉकलेट्स का निर्माण और वितरण कर रहे हैं।
जांच और कार्रवाई
पुलिस अधिकारियों ने इस मामले की गहन जांच शुरू कर दी है। वे यह पता लगाने की कोशिश कर रहे हैं कि इन चॉकलेट्स का निर्माण और वितरण किस हद तक फैला हुआ है और इसके पीछे कौन से अन्य लोग शामिल हैं। इस तरह की घटनाओं से न केवल स्वास्थ्य सुरक्षा, बल्कि समाज में नशे की प्रवृत्ति को नियंत्रित करने की आवश्यकता भी प्रकट होती है।
इस घटना ने एक बार फिर से नशे के खिलाफ जागरूकता बढ़ाने और ऐसे अवैध व्यापारों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की आवश्यकता को उजागर किया है। यह सुनिश्चित करने की आवश्यकता है कि ऐसे उत्पादों के निर्माण और बिक्री पर कड़ी निगरानी रखी जाए, ताकि समाज को नशे के दुष्परिणामों से बचाया जा सके।