AIN NEWS 1: सहारनपुर में हुए सौरभ बब्बर के सुसाइड मामले में कई महत्वपूर्ण प्रश्न अभी भी अनसुलझे हैं। सौरभ का शव 11 अगस्त को गंगनहर से बरामद कर लिया गया था, लेकिन उनकी पत्नी मोना का शव 10 दिन बाद भी नहीं मिला है। दंपति ने एकसाथ हरिद्वार की गंगा में आत्महत्या करने का निर्णय लिया था। सौरभ ने अपने सुसाइड नोट में उल्लेख किया था कि वह कर्ज के बोझ से परेशान होकर अपनी जीवनलीला समाप्त कर रहा है। उसने मौत से पहले अपनी अंतिम सेल्फी भी अपने परिचित को भेजी थी।
मामले का विवरण:
सौरभ बब्बर, एक व्यापारी और ज्वैलर, अपनी पत्नी मोना और दो बच्चों के साथ 9-10 अगस्त की रात को सहारनपुर से हरिद्वार गए। वहां, उन्होंने गंगा में छलांग लगाकर आत्महत्या कर ली। सौरभ के पिता दर्शनलाल ने बताया कि उन्हें विश्वास नहीं हुआ कि सौरभ ऐसा कदम उठाएगा। उन्होंने कहा कि अगर उन्हें कर्ज के बारे में जानकारी होती, तो वे उसे समझाते और उसे ऐसा कदम उठाने से रोकते।
सौरभ ने आत्महत्या से पहले अपने परिजनों को सुसाइड नोट, सेल्फी और लोकेशन भेजी थी। वह अपने परिवार के साथ बाइक से हरिद्वार गया और वहां पुल से गंगा में कूद गया। 11 अगस्त को सौरभ का शव गंगनहर के किनारे से बरामद कर लिया गया, लेकिन मोना का शव अब तक नहीं मिला है। पुलिस और गोताखोर मोना की तलाश में हरिद्वार से रुड़की तक खोजबीन कर रहे हैं।
कमेटी निवेशकों की समस्याएं:
सौरभ बब्बर का एक बड़ा गोल्ड कमेटी भी था जिसमें लगभग 1400 मेंबर थे। हर मेंबर सौरभ के पास हर महीने 2000 रुपये जमा करता था। इस हिसाब से हर महीने सौरभ के पास करीब 28 लाख रुपये आते थे। इस कमेटी की अवधि 20 महीने थी, जिसमें हर व्यक्ति ने 40 हजार रुपये जमा किए थे। इन पैसों को सौरभ ने एक बड़े ज्वैलर को दे दिया था ताकि वह सोने के जेवरात बनवाकर उन्हें लकी ड्रॉ के जरिए वितरित कर सके।
लेकिन सौरभ की आत्महत्या से पहले 10 अगस्त को लकी ड्रॉ होना था। यह भी कहा जा रहा है कि जिस ज्वैलर को सौरभ ने पैसे दिए थे, उसका बेटा रकम लेकर दुबई भाग गया। इससे सौरभ को कैश के बदले ज्वैलरी नहीं मिली। इसके अलावा, सौरभ ने एक बड़ा हिस्सा शेयर मार्केट में भी निवेश किया था, लेकिन उसे बड़ा नुकसान हुआ, जिससे वह कर्ज में डूब गया।
सौरभ के आत्महत्या के बाद अब उसके निवेशक परेशान हैं क्योंकि उन्होंने अपनी गाढ़ी कमाई सौरभ के पास जमा की थी और अब उन्हें अपनी मूलधन की भी चिंता हो रही है।
सुसाइड नोट में सौरभ की पीड़ा:
सौरभ ने अपने सुसाइड नोट में लिखा, “ब्याज दे-देकर परेशान हो चुके हैं, अब और ब्याज नहीं दिया जा रहा है, इसलिए आत्महत्या कर रहे हैं। जहां से भी आत्महत्या करेंगे, वहां से सेल्फी भेज देंगे।” आत्महत्या से पहले सौरभ ने अपने परिजनों को फोन किया था, जिसकी रिकॉर्डिंग भी वायरल हो गई है।
अभी भी मोना की तलाश जारी है और सौरभ के निवेशक अपनी जमा पूंजी के लौटने की उम्मीद कर रहे हैं। इस मामले ने कई परिवारों की जिंदगी को प्रभावित किया है और अब इसका हल निकलना बाकी है।