AIN NEWS 1: मध्य प्रदेश के छतरपुर जिले में हाल ही में हुई हिंसा के बाद पुलिस और प्रशासन ने बड़े पैमाने पर कार्रवाई की है। मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव के निर्देश पर उपद्रवियों की आलीशान कोठियों और महंगी कारों को बुलडोजर की मदद से नष्ट कर दिया गया। इस कार्रवाई का उद्देश्य हिंसा और उपद्रव में शामिल लोगों को सजा देना और भविष्य में ऐसी घटनाओं की पुनरावृत्ति को रोकना है।
घटना की पृष्ठभूमि
छतरपुर में बुधवार को मुस्लिम समुदाय के सदस्यों ने धार्मिक नेता रामगिरी महाराज के खिलाफ विरोध प्रदर्शन किया। इस दौरान पथराव और उपद्रव की घटनाएँ हुईं, जिससे कई वाहन क्षतिग्रस्त हो गए। रामगिरी महाराज ने पैगंबर मोहम्मद और इस्लाम पर कथित आपत्तिजनक टिप्पणी की थी, जिसके विरोध में प्रदर्शन किया गया था।
पुलिस और प्रशासन की कार्रवाई
प्रदर्शनकारियों द्वारा किए गए पथराव और उपद्रव के बाद, पुलिस और प्रशासन ने छतरपुर कोतवाली में उपद्रवियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की। मस्तान साहब कॉलोनी में हाजी शहजाद अली की आलीशान कोठी पर सबसे पहले बुलडोजर चलाया गया। हाजी शहजाद अली, जो कि अंजुमन इस्लामिया कमेटी के पूर्व सदर और कांग्रेस के जिला उपाध्यक्ष हैं, का नाम उपद्रव और पथराव में शामिल लोगों की सूची में था। उनकी कोठी में रखी तीन महंगी कारों को भी क्रेन मशीन की मदद से बाहर निकाल कर बुलडोजर से नष्ट कर दिया गया।
उपद्रव की जांच और पुलिस की स्थिति
पथराव की घटना के दौरान कोतवाली थाना प्रभारी अनिल कुजूर और आरक्षक भूपेंद्र प्रजापति घायल हो गए। पुलिस ने सीसीटीवी फुटेज और वीडियो क्लिप्स की मदद से उपद्रवियों की पहचान शुरू कर दी है। छतरपुर DIG ललित शाक्यवार ने बताया कि पथराव के कारण पुलिस को आंसूगैस के गोले दागने पड़े और पुलिस टीमें इलाके में गश्त कर रही हैं।
मुख्यमंत्री की प्रतिक्रिया
मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने घटना पर गहरा दुख जताया और उच्च अधिकारियों को निर्देश दिए कि दोषियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाए। उन्होंने कहा कि मध्य प्रदेश ‘शांति का प्रदेश’ है और इस तरह की घटनाओं को बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। मुख्यमंत्री ने यह भी कहा कि प्रदेश में शांति और सौहार्द बनाए रखना उनकी प्राथमिकता है।
धार्मिक टिप्पणी का विवाद
धार्मिक नेता रामगिरी महाराज ने बांग्लादेश में हिंदुओं पर हो रहे अत्याचारों के विरोध में कथित आपत्तिजनक टिप्पणी की थी। इस टिप्पणी के विरोध में महाराष्ट्र में पहले से ही कई FIR दर्ज हैं। रामगिरी महाराज ने अपनी टिप्पणी के पीछे के कारणों की जानकारी दी है, लेकिन इस बयान से धार्मिक भावनाएं भड़क गईं और छतरपुर में हिंसा फैल गई।
इस घटना की जांच अभी जारी है और पुलिस उपद्रवियों की पहचान करके उन्हें सजा देने की प्रक्रिया में है। प्रशासन का उद्देश्य है कि भविष्य में इस प्रकार की घटनाओं को पूरी तरह से रोका जा सके और शांति एवं कानून व्यवस्था बनाए रखी जा सके।