AIN NEWS 1: हाल ही में, इजरायली सैनिकों पर गाजा की एक मस्जिद में रखी कुरान की प्रतियों को जलाने का आरोप लगा है। इस घटना ने हमास को आक्रोशित कर दिया है, और संगठन ने मुस्लिम और अरब देशों से इस मामले में कार्रवाई की अपील की है।
काउंसिल ऑन अमेरिकन-इस्लामिक रिलेशंस (CAIR) ने इस अपमानजनक घटना की निंदा की है। संगठन का कहना है कि कुरान की प्रतियों को जलाना और गाजा में मस्जिदों को निशाना बनाना यह साबित करता है कि इजरायल का फिलिस्तीनियों के खिलाफ युद्ध धार्मिक रूप से प्रेरित है। CAIR ने अमेरिका के राष्ट्रपति जो बाइडेन से भी इस मामले में इजरायल की निंदा करने और गाजा में जारी हिंसा को रोकने के लिए इजरायल को हथियारों की आपूर्ति पर प्रतिबंध लगाने की मांग की है।
हमास ने इस घटना की तीव्र निंदा की है। उन्होंने आरोप लगाया कि इजरायली सैनिकों का यह कृत्य घृणा और अपराध का प्रमाण है। हमास ने शनिवार को एक बयान जारी कर कहा, “कुरान की प्रतियां जलाना और मस्जिदों को अपवित्र करना इस्लाम के खिलाफ है। हम इसे बर्दाश्त नहीं कर सकते।” साथ ही, उन्होंने मुस्लिम देशों से इस मुद्दे पर आक्रोश प्रकट करने और गाजा पट्टी में जारी युद्ध को समाप्त करने का आह्वान किया है।
अल जजीरा अरबी ने इस घटना के वीडियो भी जारी किए हैं, जिसमें इजरायली सैनिकों को कुरान की प्रतियां जलाते हुए देखा जा सकता है। इसके अलावा, चैनल ने उत्तरी गाजा में स्थित सालेह मस्जिद को जलाने का एक अन्य वीडियो भी प्रसारित किया है।
गाजा सरकार के मीडिया कार्यालय के अनुसार, पिछले दस महीनों में इजरायल ने गाजा में 610 मस्जिदों और तीन चर्चों को पूरी तरह से नष्ट कर दिया है। वर्तमान में, इजरायली हमलों में 40,200 से अधिक फिलिस्तीनी मारे जा चुके हैं और फिलिस्तीन के बड़े हिस्से में मलबा ही मलबा दिखाई दे रहा है।
पिछले महीने उत्तरी गाजा के शाति शरणार्थी शिविर में एक मस्जिद के पास नमाज पढ़ने के लिए एकत्र हुए लोगों पर इजरायली सैनिकों ने हमला किया था, जिसमें कम से कम 20 लोग मारे गए थे। इससे पहले दिसंबर में, इजरायली सैनिकों पर वेस्ट बैंक के जेनिन में एक मस्जिद के मंच से यहूदी प्रार्थनाएं और हनुक्काह गीत पढ़ने का आरोप लगाया गया था।
यह घटनाएँ इजरायली सैनिकों पर बार-बार मुस्लिम पवित्र स्थलों के अपमान का आरोप लगाने का आधार बनती हैं और गाजा में जारी हिंसा की अंतरराष्ट्रीय स्तर पर निंदा की जा रही है।