AIN NEWS 1: असम के मुख्यमंत्री हिमंता बिस्वा सरमा ने विपक्षी नेता को कड़ी चेतावनी दी है और आरोप लगाया है कि उनकी राजनीतिक असफलताओं को छिपाने के लिए वे असम और भारत को संकट में डालने की कोशिश कर रहे हैं। सरमा ने कहा है कि उनके द्वारा इस्तेमाल की जा रही विभाजनकारी भाषा अस्वीकार्य है और यह असम के लिए एक गंभीर खतरा पैदा कर रही है।
मुख्यमंत्री सरमा ने अपने बयान में कहा कि असम के लोगों की भावनाओं को ठेस पहुँचाना और राज्य की गरिमा को नुकसान पहुँचाना उचित नहीं है। उन्होंने विपक्षी नेताओं को चेतावनी दी कि वे अपनी राजनीतिक असफलताओं को छिपाने के लिए राज्य को धमकाने और विभाजनकारी राजनीति की नीति अपनाने से बाज आएं। सरमा ने इस बात पर जोर दिया कि असम की सुरक्षा और अखंडता के साथ किसी भी तरह का समझौता नहीं किया जा सकता और किसी भी प्रकार की धमकी या विभाजनकारी भाषा का इस्तेमाल असम के नागरिकों और उनके अधिकारों के खिलाफ है।
मुख्यमंत्री ने अपने बयान में कहा, “हमें असम की गरिमा और सुरक्षा की चिंता है और हम इसकी रक्षा के लिए हर संभव प्रयास करेंगे। विपक्षी नेताओं को अपनी राजनीति को सही दिशा में ले जाना चाहिए और किसी भी प्रकार की असामाजिक और विभाजनकारी भाषा का उपयोग नहीं करना चाहिए।”
हिमंता बिस्वा सरमा ने कहा कि राजनीतिक मतभेदों को शांतिपूर्ण और संवैधानिक तरीके से हल करना चाहिए और किसी भी राजनीतिक दल को असम की सामाजिक और सांस्कृतिक एकता को नुकसान पहुँचाने की कोशिश नहीं करनी चाहिए। उन्होंने आरोप लगाया कि कुछ नेता जानबूझकर असम के लोगों के बीच में तनाव पैदा करने की कोशिश कर रहे हैं, जो कि पूरी तरह से निंदनीय है।
इस स्थिति पर टिप्पणी करते हुए, मुख्यमंत्री ने कहा कि असम का विकास और खुशहाली केवल तब संभव है जब सभी राजनीतिक दल मिलकर काम करें और राज्य के लोगों की भलाई के लिए एकजुट हों। उन्होंने विपक्षी नेताओं से अपील की कि वे अपनी राजनीति को संवेदनशीलता और जिम्मेदारी के साथ करें और असम के लोगों की भलाई को प्राथमिकता दें।
मुख्यमंत्री ने यह भी स्पष्ट किया कि उनकी सरकार असम की जनता के अधिकारों और सुरक्षा की रक्षा के लिए प्रतिबद्ध है और किसी भी प्रकार की असामाजिक गतिविधियों को बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। उन्होंने विश्वास दिलाया कि असम के लोग एकजुट रहेंगे और किसी भी प्रकार की धमकियों या विभाजनकारी भाषाओं के खिलाफ मजबूती से खड़े होंगे।