AIN NEWS 1 : सुप्रीम कोर्ट ने हाल ही में बुलडोजर एक्शन को लेकर महत्वपूर्ण टिप्पणी की है। यह मामला विशेष रूप से उदयपुर में चाकू मारने के आरोपी बच्चे के पिता के घर पर बुलडोजर चलाए जाने से जुड़ा है। इस मुद्दे पर सुनवाई सोमवार, 2 सितंबर 2024 को सुप्रीम कोर्ट में हुई।
सुप्रीम कोर्ट ने इस मामले में सुनवाई के दौरान कहा कि किसी भी अवैध निर्माण को ढहाने के लिए नगरपालिका नियमों के अनुसार नोटिस देना आवश्यक है, न कि किसी अपराधी के परिवार के घर को ढहाकर। कोर्ट ने इस बात की पुष्टि की कि अवैध निर्माण को रोकने के लिए नोटिस देना आवश्यक है, लेकिन किसी व्यक्ति के अपराध के आधार पर उसके परिवार के घर को नष्ट करना उचित नहीं है।
सॉलिसीटर जनरल तुषार मेहता ने अदालत को बताया कि म्युनिसिपल नियमों के अनुसार, अवैध निर्माण के खिलाफ पहले ही नोटिस जारी किया जाना चाहिए, और किसी अपराध के आरोप में घर को गिराना सही नहीं है। उन्होंने यह भी कहा कि अधिकांश मामलों में अवैध निर्माण के खिलाफ पहले से ही नोटिस जारी किया गया था। सुप्रीम कोर्ट ने इस पर सहमति जताई कि अवैध निर्माण को रोकना महत्वपूर्ण है, लेकिन किसी बच्चे की गलती के चलते उसके पिता के घर को ढहाना सही तरीका नहीं है।
कोर्ट ने यह भी आदेश दिया कि इस मामले में दिशानिर्देश बनाए जाएं, जिनका सभी राज्यों को पालन करना होगा। इस दिशा-निर्देश को लागू करने के लिए, कोर्ट ने वरिष्ठ वकील नचिकेता जोशी को सभी पक्षों से सुझाव देने के लिए कहा। इसके बाद, इन सुझावों के आधार पर पूरे देश के लिए गाइडलाइंस तैयार की जाएंगी।
अगली सुनवाई 17 सितंबर को होगी, जिसमें इस मामले पर आगे की कारवाई और दिशानिर्देशों पर चर्चा की जाएगी। कोर्ट ने यह भी कहा कि एक पिता का बेटा चाहे कितना भी गलत हो, लेकिन उसके कारण उसके घर को नष्ट करना उचित नहीं है। इस मामले में सुप्रीम कोर्ट की टिप्पणी ने स्पष्ट किया है कि न्यायिक प्रक्रिया में पारदर्शिता और उचितता बनाए रखना कितना आवश्यक है।
इस तरह, सुप्रीम कोर्ट ने बुलडोजर एक्शन पर अपनी सख्त राय व्यक्त की है और दिशानिर्देशों की आवश्यकता को उजागर किया है, ताकि भविष्य में इस तरह की कार्रवाई में न्याय और समानता सुनिश्चित की जा सके।