AIN NEWS 1: सुप्रीम कोर्ट ने लोकसभा चुनावों के अंतिम चरण के समाप्त होने के तुरंत बाद एग्जिट पोल प्रसारित करने वाले मीडिया हाउसेस और उनके सहयोगियों/कंपनियों के खिलाफ जांच की मांग वाली जनहित याचिका (PIL) को खारिज कर दिया है। अदालत ने कहा कि चुनाव अब समाप्त हो चुका है और नई सरकार का गठन हो चुका है, इसलिए अब चुनावी प्रक्रिया की बातें बंद कर दी जाएं और देश के शासन कार्यों पर ध्यान केंद्रित किया जाए।
सुप्रीम कोर्ट ने इस जनहित याचिका को खारिज करते हुए स्पष्ट किया कि यह एक राजनीतिक स्वार्थ की याचिका थी। अदालत ने टिप्पणी की कि चुनावी प्रक्रिया के दौरान जो भी हुआ, अब वह खत्म हो चुका है। अदालत ने कहा, “सरकार अब चुनी जा चुकी है। अब हमें चुनाव के दौरान की घटनाओं को समाप्त कर देना चाहिए और देश के शासन कार्यों की ओर बढ़ना चाहिए। यह स्पष्ट रूप से एक राजनीतिक स्वार्थ की याचिका है।”
यह याचिका एग्जिट पोल के प्रसारण के खिलाफ थी, जिनके बारे में याचिकाकर्ता का कहना था कि ये चुनाव परिणामों पर प्रभाव डाल सकते हैं और चुनावी प्रक्रिया की निष्पक्षता को प्रभावित कर सकते हैं। याचिकाकर्ता ने यह भी आरोप लगाया कि मीडिया हाउसेस और उनकी कंपनियों ने चुनाव के बाद जल्दबाजी में एग्जिट पोल प्रसारित किए, जो कि चुनावी प्रक्रिया की ईमानदारी पर सवाल खड़ा करता है।
हालांकि, सुप्रीम कोर्ट ने इस याचिका को स्वीकार करने से इनकार कर दिया और कहा कि यह याचिका केवल राजनीतिक लाभ के लिए दायर की गई थी। अदालत ने निर्णय में कहा कि अब चुनावी विवादों को समाप्त कर देना चाहिए और नए शासन के कामकाज पर ध्यान केंद्रित करना चाहिए।
सुप्रीम कोर्ट का यह निर्णय इस बात की पुष्टि करता है कि चुनावी मामलों को सुलझाने के बजाय शासन और प्रशासन के अन्य मुद्दों पर ध्यान केंद्रित किया जाना चाहिए। यह निर्णय राजनीतिक स्वार्थ की याचिकाओं के खिलाफ एक महत्वपूर्ण संदेश भी देता है, यह दिखाते हुए कि अदालतें केवल उन मामलों पर ध्यान देंगी जो वास्तविक और गंभीर सार्वजनिक हित से संबंधित हों।