AIN NEWS 1 बागपत। जिलाधिकारी जितेंद्र प्रताप सिंह ने शनिवार को विकास भवन सभागार में पोषण समिति की बैठक की। बैठक के दौरान, उन्हें बिसलेरी ब्रांड की नकल से बनी “बिलसेरी” नामक बोतलें टेबल पर दिखाई दीं। इस पर जिलाधिकारी ने सहायक आयुक्त खाद्य को तुरंत जांच के निर्देश दिए।
सहायक आयुक्त खाद्य मानवेंद्र सिंह के मुताबिक, जिलाधिकारी के निर्देशों के अनुसार, शनिवार को सिनौली गांव स्थित अमित कुमार के “अभि बेवरेज” नामक प्लांट पर छापा मारा गया। यहां बड़ी मात्रा में बिलसेरी के नकली लेबल बरामद किए गए, जिन पर गाजियाबाद का पता लिखा था। जांच के दौरान लगभग चार हजार नकली पेयजल बोतलें जब्त की गईं। इसके अलावा, पैकिंग मशीन, स्टॉक और अन्य उपकरण भी सील कर दिए गए। दो नमूने प्रयोगशाला जांच के लिए भेजे गए हैं।
मानवेंद्र सिंह ने बताया कि इस प्लांट का पंजीकरण निलंबित कर दिया गया है। उन्होंने स्पष्ट किया कि यदि प्लांट में कोई छेड़खानी की जाती है, तो इसके खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी। साथ ही, ग्रामीणों से अपील की गई है कि वे नकली उत्पादों के बारे में प्रशासन को सूचित करें।
उसी दिन, डीएम जितेंद्र प्रताप सिंह ने बड़ौत तहसील में आयोजित संपूर्ण समाधान दिवस के दौरान जन समस्याओं की सुनवाई की। इस अवसर पर ढिकाना गांव की एक महिला ने शिकायत की कि उसकी विरासत की कृषि भूमि सात साल बाद भी खतौनी में दर्ज नहीं की गई है। महिला का कहना था कि उसके पति की मृत्यु 22 साल पहले हो गई थी और उनकी सास की मृत्यु सात साल पहले हुई थी। इसके बावजूद, उसकी भूमि खतौनी में दर्ज नहीं की गई और वह तहसील के चक्कर लगा रही है।
डीएम ने इस मामले पर ढिकाना के हलका लेखपाल से जवाब तलब किया। लेखपाल ने बताया कि पिछले सात सालों में ढिकाना में तैनात लेखपाल इसके लिए जिम्मेदार हैं। डीएम ने इस मामले में भारत भूषण, शैलेष यादव, जितेंद्र शर्मा, और कपिल नामक लेखपालों के खिलाफ विभागीय कार्रवाई के निर्देश दिए। उन्होंने सभी लेखपालों को विरासत के मामलों को प्राथमिकता पर निस्तारित करने की हिदायत भी दी।
इस प्रकार, बागपत में नकली पेयजल उत्पादों की समस्या और विरासत की भूमि से संबंधित मामलों में तेजी से कार्रवाई की गई है।