AIN NEWS 1 | कन्हैया लाल मित्तल ने हाल ही में कांग्रेस में शामिल होने के अपने फैसले को वापस ले लिया है और अब वह संतान धर्म के प्रति अपनी निष्ठा जाहिर कर रहे हैं। मित्तल ने कांग्रेस के साथ अपने राजनीतिक जुड़ाव को समाप्त करने की घोषणा करते हुए कहा कि उनका लक्ष्य अब संतान धर्म की सेवा करना है।
कन्हैया लाल मित्तल का कहना है कि उनका इरादा केवल सेवा करना है, लेकिन भाजपा ने उनके इस प्रयास को लेकर कोई समर्थन नहीं दिया। इसके चलते उन्होंने कांग्रेस में शामिल होने का निर्णय लिया था। हालांकि, मित्तल ने अब कांग्रेस में शामिल होने के अपने फैसले पर पछतावा व्यक्त किया है और संतान धर्म के प्रति अपनी प्रतिबद्धता को दर्शाने का इरादा जताया है।
मित्तल ने अपने बयान में यह भी स्पष्ट किया कि उन्होंने धर्म के नाम पर राजनीति करने की बजाय समाज की सेवा करने का निर्णय लिया है। उनके अनुसार, एक टिकट के लिए धर्म के नाम पर पैसे कमाना सही नहीं है और इसे धर्म योद्धा बनने की संज्ञा नहीं दी जा सकती।
कन्हैया लाल मित्तल ने अपने फैसले की समीक्षा की है और अब वे संतान धर्म की सेवा में सक्रिय रहना चाहते हैं। इस प्रक्रिया में उन्होंने कांग्रेस से अपने संबंधों को समाप्त करने का निर्णय लिया और अपने पुराने उद्देश्यों की ओर लौटने का ऐलान किया है।
मित्तल का यह कदम यह भी दिखाता है कि वह व्यक्तिगत और राजनीतिक निर्णयों को लेकर गंभीर हैं और धर्म और समाज की सेवा के प्रति उनकी प्रतिबद्धता अब और भी मजबूत है।
इस प्रकार, कन्हैया लाल मित्तल की यह स्थिति उनके राजनीतिक और धार्मिक दृष्टिकोण की गंभीरता को उजागर करती है और उनके द्वारा किए गए निर्णयों की पुनरावृत्ति समाज और राजनीति दोनों के लिए महत्वपूर्ण हो सकती है।