Friday, December 27, 2024

वक्फ बिल पर QR कोड कैंपेन: हिन्दू संगठनों ने किया समर्थन, मुस्लिम संगठनों ने विरोध?

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AIN NEWS 1: गोधरा में गणेश महोत्सव के दौरान वक्फ संशोधन अधिनियम पर विवाद गहरा गया है। इस बिल को लेकर हिन्दू और मुस्लिम समुदायों के बीच तीखी बहस चल रही है। हिन्दू संगठनों ने वक्फ बिल के समर्थन में QR कोड कैंपेन शुरू किया है, जबकि मुस्लिम संगठनों ने इसके खिलाफ विरोध प्रदर्शन तेज कर दिए हैं।

हिन्दू संगठनों का कैंपेन

वीएचपी और अन्य हिन्दू संगठनों ने गोधरा के गणेश पंडालों में वक्फ संशोधन बिल के समर्थन में QR कोड के बैनर लगाए हैं। लोगों को इन QR कोड्स को स्कैन करके बिल के समर्थन में अपनी राय भेजने के लिए प्रेरित किया जा रहा है। गणेश महोत्सव के दौरान बड़ी संख्या में लोग इस अभियान का हिस्सा बन रहे हैं और बिल के समर्थन में अपनी राय दे रहे हैं।

मुस्लिम संगठनों की प्रतिक्रिया

वहीं, मुस्लिम संगठनों ने इस बिल के खिलाफ विरोध प्रदर्शन तेज कर दिए हैं। भगोड़े जाकिर नाइक और अन्य कट्टरपंथी नेताओं ने दावा किया है कि वक्फ बिल लागू होने पर सरकार मस्जिदों और कब्रिस्तानों को हड़प लेगी। उनके अनुसार, अगर 50 लाख मुसलमान भी इस बिल के खिलाफ अपनी आपत्तियां भेज दें, तो यह बिल रद्द हो जाएगा। इसके विरोध में मुस्लिम समुदाय विभिन्न क्षेत्रों में QR कोड वाले बैनर लेकर विरोध प्रदर्शन कर रहा है और इन QR कोड्स को स्कैन करके अपनी आपत्तियां Joint Parliamentary Committee को भेज रहा है।

वक्फ एक्ट और इसका संशोधन

वक्फ एक्ट मुस्लिम समुदाय की संपत्तियों और धार्मिक संस्थानों के प्रबंधन के लिए एक महत्वपूर्ण कानून है। इसका उद्देश्य वक्फ संपत्तियों का उचित संरक्षण और प्रबंधन सुनिश्चित करना है। वक्फ संपत्तियां धार्मिक और चैरिटेबल उद्देश्यों के लिए समर्पित की जाती हैं और इनका प्रबंधन संबंधित राज्य वक्फ बोर्ड द्वारा किया जाता है।

हाल ही में, मोदी सरकार ने वक्फ एक्ट में लगभग 40 संशोधनों को मंजूरी दी है। इन संशोधनों का मुख्य उद्देश्य वक्फ बोर्ड की संपत्तियों को ‘वक्फ संपत्ति’ के रूप में नामित करने की शक्तियों पर अंकुश लगाना है। इसके तहत वक्फ बोर्ड द्वारा संपत्तियों पर किए गए दावों का सत्यापन अनिवार्य होगा और ट्रांसफर में भी बदलाव किए जाएंगे।

इस प्रकार, वक्फ संशोधन अधिनियम पर चल रहे इस विवाद में हिन्दू और मुस्लिम दोनों ही समुदायों ने अपने-अपने तरीके से समर्थन और विरोध प्रदर्शन किया है। यह मामला अब संसद में चर्चा के लिए प्रस्तुत किया जाएगा, जहां इस पर अंतिम निर्णय लिया जाएगा।

 

 

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सत्यमेव जयते नानृतं सत्येन पन्था विततो देवयानः।
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