Sunday, November 24, 2024

भारत का हरित भविष्य: प्रधानमंत्री मोदी ने 4वें वैश्विक नवीकरणीय ऊर्जा निवेशक सम्मेलन में दी सशक्त संदेश?

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AIN NEWS 1 गांधीनगर, गुजरात: 4वें वैश्विक नवीकरणीय ऊर्जा निवेशक सम्मेलन और एक्सपो (RE-INVEST) के उद्घाटन पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने महत्वपूर्ण बातें साझा कीं। उन्होंने कहा कि जब दुनिया में जलवायु परिवर्तन का मुद्दा भी उभरा नहीं था, तब महात्मा गांधी ने इस पर चिंता जताई थी। गांधीजी का जीवन न्यूनतम कार्बन फुटप्रिंट का आदर्श था। उन्होंने कहा था कि धरती की संपत्ति हमारी जरूरतों को पूरा करने के लिए पर्याप्त है, लेकिन हमारी लालसा के लिए नहीं।

प्रधानमंत्री मोदी ने आगे कहा कि हमारे लिए हरित भविष्य और नेट जीरो केवल शब्द नहीं हैं, बल्कि भारत की प्रतिबद्धता है। एक विकासशील अर्थव्यवस्था होने के नाते हमारे पास इन प्रतिबद्धताओं को न मानने का एक सही बहाना हो सकता था। लेकिन भारत ने ऐसा नहीं किया। हमने मानवता के भविष्य के बारे में चिंतन किया और आज का भारत अगले 1000 वर्षों के लिए आधार तैयार कर रहा है। हमारा लक्ष्य केवल शीर्ष पर पहुंचना नहीं है, बल्कि शीर्ष पर बने रहना भी है।

प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि भारत अपने ऊर्जा जरूरतों को समझता है और 2047 तक एक विकसित राष्ट्र बनने के लिए अपनी योजना तैयार कर चुका है। हमें अपने देश में तेल और गैस के प्राकृतिक संसाधन नहीं हैं, इसलिए हमने भविष्य को सौर, पवन, परमाणु और जल ऊर्जा पर आधारित बनाने का निर्णय लिया है।

इस अवसर पर, मोदी ने यह भी स्पष्ट किया कि भारत का लक्ष्य न केवल ऊँचाइयों को छूना है, बल्कि उन ऊँचाइयों को बनाए रखना भी है। यह दृष्टिकोण भारत के लंबे समय तक समृद्ध और स्थिर भविष्य की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है।

इस प्रकार, भारत ने हरित ऊर्जा के क्षेत्र में अपनी भूमिका को स्वीकार करते हुए एक नई दिशा की ओर कदम बढ़ाया है।

 

 

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सत्यमेव जयते नानृतं सत्येन पन्था विततो देवयानः।
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