Chhattisgarh CM Thanks PM Modi for MSP Hike on 14 Kharif Crops Including Paddy
छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री ने खरीफ फसलों के MSP बढ़ोतरी पर PM मोदी का जताया आभार
AIN NEWS 1 रायपुर, छत्तीसगढ़: केंद्र सरकार द्वारा 14 खरीफ फसलों के लिए न्यूनतम समर्थन मूल्य (MSP) बढ़ाने के फैसले पर छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री विष्णु देव साय ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और केंद्रीय मंत्रिमंडल का आभार जताया है। उन्होंने कहा कि यह निर्णय किसानों के हित में एक बड़ा कदम है, जो विशेष रूप से छत्तीसगढ़ के किसानों को राहत देगा।
✅ MSP में 14 फसलों के लिए बढ़ोतरी
केंद्रीय कैबिनेट की बैठक में 14 प्रमुख खरीफ फसलों के लिए MSP में वृद्धि की घोषणा की गई। इनमें चावल (धान), मक्का, बाजरा, मूंग, उड़द, सोयाबीन, तिल, मूंगफली, कपास आदि फसलें शामिल हैं। यह बढ़ोतरी किसानों को बेहतर मूल्य देने और उनकी आमदनी में सुधार लाने के उद्देश्य से की गई है।
मुख्यमंत्री विष्णु देव साय ने मीडिया से बातचीत में कहा:
“मैं प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और भारत सरकार का हृदय से धन्यवाद करता हूं। केंद्र सरकार ने 14 कृषि फसलों का MSP बढ़ाया है, जिनमें हमारे छत्तीसगढ़ के धान को भी शामिल किया गया है। धान का MSP 69 रुपये प्रति क्विंटल बढ़ाया गया है, जिससे हमारे किसानों को निश्चित रूप से लाभ मिलेगा।”
✅ धान किसानों को होगा सीधा लाभ
छत्तीसगढ़ मुख्य रूप से एक कृषि प्रधान राज्य है, जहां धान प्रमुख फसल के रूप में उगाई जाती है। राज्य में लाखों किसान धान की खेती करते हैं और सरकार द्वारा खरीदी गई फसल पर ही उनका जीवन निर्भर होता है।
अब जब धान का MSP 69 रुपये प्रति क्विंटल बढ़ाया गया है, तो इसका सीधा फायदा किसानों की आय में होगा। इससे राज्य की ग्रामीण अर्थव्यवस्था को मजबूती मिलेगी और किसान परिवारों की आर्थिक स्थिति बेहतर होगी।
✅ केंद्र सरकार की किसान-हितैषी नीतियां
पिछले कुछ वर्षों से केंद्र सरकार लगातार किसानों की आय दोगुनी करने की दिशा में प्रयासरत है। MSP बढ़ाना उसी नीति का हिस्सा है, जिससे किसानों को उनकी मेहनत का वाजिब दाम मिल सके।
केंद्र सरकार की यह घोषणा ऐसे समय में आई है जब देश में मानसून की तैयारी चल रही है और किसान खरीफ सीजन की बुवाई में जुटे हैं। MSP में बढ़ोतरी से किसानों को नई ऊर्जा और प्रोत्साहन मिलेगा।
✅ MSP क्या है और क्यों जरूरी है?
न्यूनतम समर्थन मूल्य (MSP) वह न्यूनतम मूल्य है जिस पर सरकार किसानों से उनकी उपज खरीदती है। यह मूल्य इसलिए तय किया जाता है ताकि किसानों को बाजार में गिरती कीमतों से सुरक्षा मिल सके और उन्हें नुकसान न हो।
MSP की घोषणा हर वर्ष होती है और इसका निर्धारण कृषि लागत, उत्पादन खर्च, बाजार मूल्य, और लाभ को ध्यान में रखकर किया जाता है। यह एक प्रकार की सुरक्षा व्यवस्था होती है, जिससे किसान अपनी फसल की कीमत को लेकर निश्चिंत हो सकें।
✅ किसान संगठनों की प्रतिक्रिया
MSP बढ़ोतरी की खबर आने के बाद विभिन्न किसान संगठनों ने भी केंद्र सरकार के इस निर्णय की सराहना की है। उनका कहना है कि यह कदम किसानों के लिए राहत भरा है, खासकर तब जब उर्वरक, डीजल, और अन्य लागतें लगातार बढ़ रही हैं।
✅ विपक्ष की प्रतिक्रिया
हालांकि कुछ विपक्षी दलों ने MSP बढ़ोतरी को “बहुत कम” बताते हुए कहा है कि यह किसानों की वास्तविक जरूरतों के अनुरूप नहीं है। उनका मानना है कि अगर सरकार वाकई किसानों की मदद करना चाहती है, तो यह बढ़ोतरी और अधिक होनी चाहिए थी।
✅ राज्य सरकार की तैयारी
मुख्यमंत्री विष्णु देव साय ने कहा कि छत्तीसगढ़ सरकार केंद्र सरकार के फैसले के अनुरूप किसानों को लाभ पहुंचाने के लिए पूरी तरह तैयार है। राज्य सरकार धान खरीदी की प्रक्रिया को और पारदर्शी और सुगम बनाएगी ताकि हर पात्र किसान को लाभ मिल सके।
राज्य में समर्थन मूल्य पर फसल खरीदने की व्यवस्था पहले से ही मजबूत है और सरकार यह सुनिश्चित कर रही है कि किसानों को भुगतान समय पर मिले।
केंद्र सरकार द्वारा 14 खरीफ फसलों के MSP में की गई यह बढ़ोतरी निश्चित रूप से एक सकारात्मक कदम है। इससे किसानों को आर्थिक संबल मिलेगा, विशेष रूप से उन राज्यों में जहां कृषि मुख्य आजीविका है। छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री विष्णु देव साय का यह आभार प्रदर्शन यह दर्शाता है कि राज्य सरकारें भी किसानों के मुद्दों को लेकर गंभीर हैं और केंद्र के साथ समन्वय में काम कर रही हैं।
Chhattisgarh Chief Minister Vishnu Deo Sai has expressed gratitude to Prime Minister Narendra Modi and the Union Cabinet for increasing the Minimum Support Price (MSP) of 14 Kharif crops, including paddy. The MSP hike of Rs. 69 per quintal on paddy will directly benefit lakhs of farmers in Chhattisgarh, where paddy is a key crop. This announcement is expected to boost agricultural income and strengthen the rural economy across India.