AIN NEWS 1 | भारत ने एक बार फिर से मालदीव को आपातकालीन वित्तीय सहायता प्रदान करते हुए 50 मिलियन डॉलर के सरकारी ट्रेजरी बिलों की सदस्यता बढ़ा दी है। यह निर्णय तब लिया गया है जब मालदीव आर्थिक संकट का सामना कर रहा है और हाल ही में दोनों देशों के बीच संबंधों में तनाव भी देखा गया था।
सहायता का महत्व
- आपातकालीन वित्तीय सहायता: भारतीय स्टेट बैंक (SBI) ने मालदीव सरकार के अनुरोध पर यह सहायता दी है। यह इस साल का दूसरा मौका है जब भारत ने मालदीव को इस तरह की सहायता प्रदान की है।
- आर्थिक स्थिरता: मालदीव के पर्यटन मंत्री अहमद अदीब ने इस सहायता के लिए भारत का आभार व्यक्त किया, इसे आर्थिक स्थिरता और विकास की दिशा में महत्वपूर्ण बताया।
पृष्ठभूमि
- “इंडिया आउट” अभियान: पिछले साल राष्ट्रपति मोहम्मद मुइज्जू के सत्ता में आने के बाद मालदीव में “इंडिया आउट” का नारा उठाया गया था। इसके तहत उन्होंने भारत से सैन्यकर्मियों की वापसी की मांग की थी।
- संबंधों में नरमी: हाल के दिनों में भारत ने अपने “पड़ोसी पहले” नीति के तहत मालदीव को एक महत्वपूर्ण भागीदार के रूप में देखा है, और यह सहायता भी इसी दिशा में उठाया गया कदम है।
आर्थिक चुनौतियाँ
मालदीव की अर्थव्यवस्था COVID-19 महामारी और रूस-यूक्रेन संघर्ष से प्रभावित हुई है, जिसके कारण देश का कुल कर्ज बढ़कर लगभग 8 बिलियन डॉलर हो गया है।
भारत की यह दरियादिली दिखाती है कि वह संकट के समय अपने समुद्री पड़ोसी का समर्थन करने के लिए तैयार है, और इस सहयोग से दोनों देशों के बीच संबंध और मजबूत हो सकते हैं।