AIN NEWS 1 | महाराष्ट्र के उपमुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने महायुति गठबंधन को लेकर बड़ा दावा किया है। उन्होंने कहा कि 2024 के लोकसभा चुनाव में भाजपा को अजित पवार की एनसीपी के साथ गठबंधन के कारण वोटों का नुकसान हुआ। उनके अनुसार, भाजपा के 80 प्रतिशत मूल वोटर इस गठबंधन से खुश नहीं थे। हालांकि, अब पार्टी कार्यकर्ता और जनता इस गठबंधन को समझ चुके हैं और इसे स्वीकार कर रहे हैं।
2024 लोकसभा चुनाव में भाजपा का प्रदर्शन
महाराष्ट्र में 2024 के लोकसभा चुनाव में भाजपा, एनसीपी, और मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे की शिवसेना ने मिलकर 48 सीटों पर चुनाव लड़ा, लेकिन गठबंधन को केवल 17 सीटों पर जीत मिली। भाजपा ने 2019 के मुकाबले 23 सीटें कम जीतीं और सिर्फ 9 सीटों तक सीमित रह गई।
फडणवीस ने स्वीकार किया कि इस बार भाजपा का प्रदर्शन पिछले चुनावों की तुलना में कमजोर रहा। पार्टी ने 28 सीटों पर चुनाव लड़ा, लेकिन कई सीटों पर बहुत कम अंतर से हार गई। उन्होंने बताया कि 12 सीटों पर भाजपा तीन प्रतिशत से भी कम वोटों के अंतर से हार गई।
एनसीपी गठबंधन की चुनौती
फडणवीस ने कहा कि भाजपा और शिवसेना का गठबंधन पहले से था, इसलिए उनके मतदाताओं के बीच वोट ट्रांसफर कराना आसान था। लेकिन एनसीपी के साथ यह गठबंधन नई बात थी, इसलिए शुरू में मतदाता इसे लेकर असहज थे।
उन्होंने माना कि भाजपा के कोर वोटर को एनसीपी से गठबंधन पसंद नहीं आया, लेकिन पार्टी ने अपने कार्यकर्ताओं और मतदाताओं को इसके महत्व के बारे में समझाया। अब लगभग 80 प्रतिशत मतदाता इस गठबंधन को लेकर आश्वस्त हैं।
विधानसभा चुनाव की तैयारी
फडणवीस ने यह भी कहा कि महाराष्ट्र की 288 विधानसभा सीटों में से 80 प्रतिशत पर गठबंधन और सीटों के बंटवारे को लेकर चर्चा पूरी हो चुकी है। उन्होंने जोर दिया कि भाजपा के लिए जीतना प्राथमिकता है और गठबंधन के जरिए यह संभव है।
इस बयान से स्पष्ट होता है कि भाजपा आगामी चुनावों में महायुति गठबंधन को और मजबूत करने की दिशा में काम कर रही है, ताकि पिछले चुनावों में हुए नुकसान की भरपाई की जा सके।