AIN NEWS 1 | प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 26 सितंबर 2024 को राष्ट्रीय सुपरकंप्यूटिंग मिशन (NSM) के तहत तीन PARAM रुद्र सुपरकंप्यूटर्स राष्ट्र को समर्पित किए। ये सुपरकंप्यूटर्स पूरी तरह से स्वदेशी तकनीक से बनाए गए हैं और इनकी लागत 130 करोड़ रुपये है। इनसे देश में वैज्ञानिक अनुसंधान, मौसम पूर्वानुमान और उन्नत तकनीकी विकास में बड़ा योगदान मिलेगा।
PARAM रुद्र सुपरकंप्यूटर के मुख्य लाभ:
- वैज्ञानिक अनुसंधान में बढ़ावा:
- पुणे: यहां सुपरकंप्यूटर का उपयोग जायंट मीटरवेव रेडियो टेलीस्कोप (GMRT) और फास्ट रेडियो बर्स्ट (FRB) जैसी खगोलीय घटनाओं का पता लगाने में किया जाएगा।
- दिल्ली: इसे इंटर-यूनिवर्सिटी एक्सेलेरेटर सेंटर (IUAC) में लगाया गया है, जहां यह पदार्थ विज्ञान और परमाणु भौतिकी में अनुसंधान को बढ़ावा देगा।
- कोलकाता: यहां का सुपरकंप्यूटर एस.एन. बोस सेंटर में भौतिकी, ब्रह्मांड विज्ञान और पृथ्वी विज्ञान के उन्नत अनुसंधान के लिए काम करेगा।
- मौसम और जलवायु अनुसंधान में सुधार:
- प्रधानमंत्री ने एक उच्च प्रदर्शन कंप्यूटिंग (HPC) प्रणाली भी लॉन्च की है, जो मौसम और जलवायु पूर्वानुमान के लिए उपयोगी होगी। इसे 850 करोड़ रुपये के निवेश से तैयार किया गया है।
सुपरकंप्यूटर्स के लाभ और उपयोग:
- तकनीकी उन्नति: प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि इन सुपरकंप्यूटर्स से भारत में उच्च तकनीकी अनुसंधान को बढ़ावा मिलेगा, जिससे आम लोगों को भी फायदा होगा। इस तकनीकी विकास से आईटी, निर्माण, MSME, और स्टार्ट-अप क्षेत्रों में बड़ी प्रगति होगी।
- मौसम और आपदा पूर्वानुमान: नए HPC सिस्टम जिनका नाम अर्का और अरुणिका रखा गया है, वे भारत की मौसम पूर्वानुमान क्षमताओं में वृद्धि करेंगे। इनसे निम्नलिखित मौसम घटनाओं की सटीक भविष्यवाणी की जा सकेगी:
- उष्णकटिबंधीय चक्रवात
- भारी वर्षा
- ओलावृष्टि
- लू
- सूखा
- क्वांटम कंप्यूटिंग का भविष्य: प्रधानमंत्री मोदी ने यह भी कहा कि भारत जल्द ही क्वांटम कंप्यूटिंग में दुनिया के अग्रणी देशों में शामिल होगा। इससे आईटी, फाइनेंस, और आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस जैसे क्षेत्रों में नए अवसर बनेंगे।
भविष्य की दृष्टि:
प्रधानमंत्री ने अपने संबोधन में कहा कि सरकार विज्ञान, तकनीक और अनुसंधान को प्राथमिकता दे रही है। उन्होंने मिशन गगनयान और 2035 तक भारत के अपने अंतरिक्ष स्टेशन की योजना का भी जिक्र किया। इसके पहले चरण को मंजूरी मिल चुकी है, जो भारत को आत्मनिर्भर बनाने की दिशा में महत्वपूर्ण कदम है।
PARAM रुद्र सुपरकंप्यूटर्स और अन्य तकनीकी विकास के साथ, भारत विज्ञान और तकनीक के क्षेत्र में वैश्विक प्रतिस्पर्धा में बड़ी छलांग लगा रहा है।