AIN NEWS 1 मुंबई, 25 सितंबर: भारतीय नौसेना के लिए ‘मिसाइल कम एम्यूनिशन बार्ज, LSAM 13 (यार्ड 81)’ की डिलीवरी, जो 08 मिसाइल कम एम्यूनिशन बार्ज प्रोजेक्ट का पांचवां बार्ज है, मुंबई के नौसैनिक डाकयार्ड में की गई। इस समारोह की अध्यक्षता कमोडोर सी. रामि रेड्डी ने की, जो INS तुनिर के कमांडिंग ऑफिसर हैं।
स्वदेशी डिजाइन और निर्माण
ये बार्ज पूरी तरह से स्वदेशी रूप से डिजाइन और निर्मित किए गए हैं, जो भारतीय नौसेना के नियमों और भारतीय शिपिंग रजिस्टर के तहत मान्यता प्राप्त हैं। बार्ज के डिजाइन चरण के दौरान इसके मॉडल परीक्षण का आयोजन नौसेना विज्ञान और प्रौद्योगिकी प्रयोगशाला, विशाखापत्तनम में किया गया था।
Make in India का योगदान
ये बार्ज भारत सरकार के ‘Make in India’ पहल के गर्वित प्रतीक हैं। रक्षा मंत्रालय की इस पहल का उद्देश्य स्वदेशी उत्पादन को बढ़ावा देना और देश की रक्षा क्षमताओं को मजबूत करना है।
सामग्री और प्रौद्योगिकी
इस बार्ज में उन्नत प्रौद्योगिकी का उपयोग किया गया है, जिससे यह मिसाइल और शस्त्रागार के लिए एक सुरक्षित और प्रभावी प्लेटफार्म बनता है। इसकी निर्माण प्रक्रिया में भारतीय कंपनियों और इंजीनियरों की महत्त्वपूर्ण भूमिका रही है, जो आत्मनिर्भरता की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है।
उपकरण और क्षमताएँ
LSAM 13 बार्ज को विशेष रूप से भारतीय नौसेना की आवश्यकताओं के अनुसार तैयार किया गया है। यह विभिन्न प्रकार के मिसाइलों और अन्य शस्त्रों के परिवहन में सक्षम है, जिससे युद्धक्षेत्र में इसकी उपयोगिता बढ़ जाती है।
भविष्य की दिशा
इस सफल डिलीवरी के साथ, भारतीय नौसेना की सामरिक क्षमताएँ और भी मजबूत होंगी। आने वाले समय में, इस प्रकार के और बार्जों का निर्माण जारी रहेगा, जिससे भारतीय नौसेना को आधुनिक और स्वदेशी सामरिक संसाधनों से लैस किया जा सके।
इस प्रकार, LSAM 13 बार्ज न केवल भारत की रक्षा तैयारियों में योगदान देगा, बल्कि देश के आत्मनिर्भरता के लक्ष्य की दिशा में भी एक महत्वपूर्ण कदम साबित होगा।
निष्कर्ष
इस समारोह के साथ, भारतीय नौसेना ने एक और महत्वपूर्ण मील का पत्थर स्थापित किया है। स्वदेशी निर्माण की दिशा में यह पहल न केवल रक्षा क्षेत्र में, बल्कि संपूर्ण राष्ट्र की आर्थिक और तकनीकी क्षमता को भी बढ़ाने में सहायक होगी।
(चित्र स्रोत: भारतीय नौसेना)