AIN NEWS 1 : दिल्ली विश्वविद्यालय छात्र संघ (डूसू) चुनावों को लेकर छात्र संगठनों के बीच कड़ी प्रतिस्पर्धा चल रही है। इस संदर्भ में अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद (एबीवीपी) के राष्ट्रीय महासचिव यज्ञवल्क्य शुक्ला ने अपनी पार्टी के पक्ष में आशावाद व्यक्त किया है।
यज्ञवल्क्य शुक्ला ने कहा, “हमारे कार्यकर्ताओं से मिल रही प्रतिक्रिया के अनुसार, इस चुनाव में छात्र एबीवीपी के सभी चार उम्मीदवारों को बड़ा समर्थन दे रहे हैं। हमें विश्वास है कि हम NSUI को सभी चार पदों पर हराएंगे। पिछले चुनाव में जो वादे किए थे, उन पर हमने पूरे साल काम किया है, जिससे अब मतदान एबीवीपी के पक्ष में हो रहा है।”
#WATCH | On Delhi University Students' Union (DUSU) elections, Yagywalkya Shukla, National General Secretary, ABVP says, " …The way the feedback of our workers is coming, in this election, students are extending great support to all 4 candidates of ABVP…ABVP will defeat NSUI… pic.twitter.com/Wq2zLNsFmZ
— ANI (@ANI) September 27, 2024
एबीवीपी की चुनावी रणनीति
एबीवीपी ने अपने चुनावी अभियान में विभिन्न मुद्दों पर ध्यान केंद्रित किया है। उन्होंने छात्रों के विकास, रोजगार के अवसर, और विश्वविद्यालय में सुविधाओं को बढ़ाने का वादा किया है। शुक्ला ने यह भी कहा कि उनकी पार्टी ने पिछले वर्ष में अपने वादों को पूरा करने के लिए निरंतर प्रयास किए हैं, जो छात्रों में विश्वास बढ़ाने का कार्य कर रहा है।
समर्थन का आधार
यज्ञवल्क्य शुक्ला ने बताया कि उनके कार्यकर्ताओं से मिल रही सकारात्मक प्रतिक्रिया ने उनके आत्मविश्वास को और बढ़ा दिया है। एबीवीपी का मानना है कि छात्र एक बार फिर उन्हें मौका देंगे, क्योंकि उन्होंने अपने पिछले कार्यकाल में जो वादे किए थे, उन पर काम किया है।
NSUI की चुनौती
हालांकि, एबीवीपी को NSUI (राष्ट्रीय छात्र संघ परिषद) से कड़ी चुनौती का सामना करना पड़ सकता है। NSUI भी अपने कार्यक्रमों और वादों के साथ चुनाव में उतरी है और वे भी छात्रों का समर्थन हासिल करने के लिए मेहनत कर रहे हैं।
निष्कर्ष
दिल्ली विश्वविद्यालय के छात्र संघ चुनावों में अब कुछ ही समय बचा है। एबीवीपी अपने कार्यकर्ताओं की प्रतिक्रिया और पिछले कार्यकाल में किए गए काम के आधार पर आत्मविश्वास से भरी हुई है। चुनाव परिणामों में क्या होगा, यह तो भविष्य ही बताएगा, लेकिन इस बार की चुनावी जंग निश्चित रूप से दिलचस्प होगी।
इस प्रकार, एबीवीपी अपने चारों उम्मीदवारों के माध्यम से छात्रों के बीच एक सशक्त नेतृत्व स्थापित करने का प्रयास कर रही है, जबकि NSUI भी अपनी रणनीतियों के साथ मैदान में उतरी है। दोनों संगठनों के बीच मुकाबला निश्चित रूप से छात्र राजनीति को नया मोड़ देने वाला होगा।