PM Narendra Modi ने इजरायली प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू से की फोन पर बातचीत
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने सोमवार को इजरायल के प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू से फोन पर महत्वपूर्ण बातचीत की। यह बातचीत ऐसे समय में हुई, जब इजरायल लेबनान में हिजबुल्लाह और यमन में हूती विद्रोहियों के ठिकानों पर हमले कर रहा है। इन हमलों के चलते पश्चिम एशिया में तनाव काफी बढ़ गया है।
पीएम मोदी ने इस बातचीत की जानकारी सोशल मीडिया पर साझा की। उन्होंने लिखा, “पश्चिम एशिया में हाल के घटनाक्रमों के बारे में इजरायल के प्रधानमंत्री नेतन्याहू से बात की। हमारी दुनिया में आतंकवाद के लिए कोई जगह नहीं है। क्षेत्रीय तनाव को कम करने और सभी बंधकों की सुरक्षित रिहाई सुनिश्चित करना बेहद जरूरी है। भारत, शांति और स्थिरता की शीघ्र बहाली के प्रयासों का पूर्ण समर्थन करता है।”
इजरायल-हिजबुल्लाह संघर्ष और हालिया हमले
इजरायल ने हाल ही में लेबनान में हिजबुल्लाह के ठिकानों पर हमले तेज कर दिए हैं। इन हमलों में हिजबुल्लाह के चीफ हसन नसरल्लाह समेत कई कमांडर मारे गए हैं, जिसके बाद से हिजबुल्लाह और ईरान से इजरायल को धमकियां मिल रही हैं। हिजबुल्लाह को ईरान का समर्थन प्राप्त है, और इजरायल के साथ उसका संघर्ष लंबे समय से चल रहा है।
इजरायल की इन कार्रवाइयों ने मध्य पूर्व में तनाव को और बढ़ा दिया है। इजरायल न केवल लेबनान में हिजबुल्लाह के ठिकानों पर हमला कर रहा है, बल्कि यमन में हूती विद्रोहियों के ठिकानों पर भी निशाना साध रहा है।
नेतन्याहू का ईरान को कड़ा संदेश
इजरायली प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू ने सोमवार को ईरान के लोगों को सीधा संदेश दिया। उन्होंने कहा कि मध्य पूर्व में कोई ऐसी जगह नहीं है, जो इजरायल की पहुंच से बाहर हो। नेतन्याहू ने अपने बयान में ईरान के शासन की आलोचना करते हुए कहा, “आपका देश आपको अंधकार और युद्ध की ओर ले जा रहा है। ईरान के नेता हर रोज उग्र भाषण देकर लेबनान और गाजा की रक्षा की बातें करते हैं, जबकि वास्तव में वे आपको रसातल के करीब ले जा रहे हैं।”
भारत की भूमिका और वैश्विक परिप्रेक्ष्य
भारत, जो लंबे समय से मध्य पूर्व में शांति और स्थिरता का समर्थक रहा है, इस क्षेत्र में बढ़ते तनाव पर अपनी चिंताओं को लगातार व्यक्त करता रहा है। प्रधानमंत्री मोदी का यह बयान भारत की उस कूटनीतिक नीति को दर्शाता है, जो आतंकवाद के खिलाफ सख्त रुख अपनाने के साथ-साथ क्षेत्रीय तनाव को कम करने पर जोर देती है।
भारत, इजरायल के साथ अपने संबंधों को मजबूत करता आ रहा है, और दोनों देशों के बीच कूटनीतिक, रक्षा, और आर्थिक सहयोग भी लगातार बढ़ता जा रहा है। वहीं, प्रधानमंत्री मोदी ने इजरायल और हिजबुल्लाह के बीच जारी संघर्ष के मद्देनजर शांति की बहाली और आतंकवाद को जड़ से खत्म करने की अपनी प्रतिबद्धता को दोहराया है।
आगे क्या?
इजरायल और हिजबुल्लाह के बीच तनाव फिलहाल थमता नहीं दिख रहा है, लेकिन इस संघर्ष से पूरे मध्य पूर्व क्षेत्र में अस्थिरता की आशंका बढ़ गई है। पीएम मोदी और नेतन्याहू के बीच इस बातचीत से संकेत मिलता है कि भारत इस क्षेत्र में अपने कूटनीतिक प्रभाव को बढ़ाने के लिए सक्रिय है और क्षेत्रीय शांति के प्रयासों का समर्थन कर रहा है।
आने वाले दिनों में इस संघर्ष पर नज़र रखना महत्वपूर्ण होगा, क्योंकि हिजबुल्लाह और इजरायल के बीच संघर्ष एक बड़ा रूप ले सकता है, और इसका वैश्विक सुरक्षा और स्थिरता पर भी व्यापक प्रभाव पड़ सकता है।