Friday, December 27, 2024

ईरान-इजरायल संघर्ष: संभावित सहयोगी और शत्रु देशों की सूची?

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AIN NEWS 1: पश्चिम एशिया में हालात तेजी से बदल रहे हैं, खासकर ईरान और इजरायल के बीच बढ़ते तनाव के बीच। हाल ही में ईरान ने इजरायल पर 200 से ज्यादा क्रूज मिसाइलें दागी हैं, जिसके जवाब में इजरायल ने अपनी रक्षा क्षमताओं का प्रदर्शन किया है। इस स्थिति में, कौन से देश किसका समर्थन करेंगे, यह जानना महत्वपूर्ण है।

ईरान के खिलाफ समर्थन में देश

1. अमेरिका

अमेरिका, जो इजरायल का करीबी सहयोगी है, ने ईरान के हमले की कड़ी निंदा की है। राष्ट्रपति जो बिडेन ने इजरायल को समर्थन देने का आश्वासन दिया और कहा कि वह सहयोगियों के साथ सक्रिय चर्चा कर रहे हैं। विदेश मंत्री एंटनी ब्लिंकन ने ईरानी मिसाइल हमले को “पूरी तरह से अस्वीकार्य” बताया।

2. ब्रिटेन

ब्रिटिश प्रधानमंत्री कीर स्टारमर ने भी इजरायल के आत्मरक्षा के अधिकार का समर्थन किया। उन्होंने ईरान को पश्चिम एशिया के लिए खतरा बताया और इजरायल की रक्षा में मदद की बात की।

3. फ्रांस

फ्रांसीसी राष्ट्रपति इमैनुएल मैक्रोन ने कहा है कि उनका देश ईरानी खतरे का मुकाबला करने के लिए अतिरिक्त सैन्य संसाधन पश्चिम एशिया में भेजेगा। फ्रांस ने इजरायल की सुरक्षा के प्रति अपनी प्रतिबद्धता जताई है।

4. जर्मनी

जर्मन विदेश मंत्री एनालेना बारबॉक ने ईरान से उकसावे वाली कार्रवाई तुरंत रोकने का आग्रह किया। उन्होंने इस हमले की कड़ी निंदा की है।

5. ऑस्ट्रेलिया

ऑस्ट्रेलिया के प्रधानमंत्री एंथनी अल्बानी ने भी ईरान के हमले की निंदा की और कहा कि इजरायल को अपनी रक्षा करने का अधिकार है।

6. जापान

जापान ने ईरान के मिसाइल हमले को “अस्वीकृत” किया है और स्थिति को शांत करने में अमेरिका के साथ सहयोग की इच्छा जताई है।

ईरान के समर्थन में देश

1. रूस

रूस और ईरान के बीच दशकों का सहयोग है, विशेषकर पश्चिमी विचारों के खिलाफ। रूस ने ईरान के प्रति अपने समर्थन का इजहार किया है, और ईरान द्वारा इजरायल पर हमले के समय रूस के पीएम मिखाइल मिशुस्तीन तेहरान में थे।

2. चीन

चीन ने भी ईरान का समर्थन किया है, खासकर हिजबुल्लाह और इजरायल के बीच बढ़ते संघर्ष के संदर्भ में। चीनी विदेश मंत्री ने ईरान की सुरक्षा की रक्षा करने में बीजिंग के समर्थन की बात की।

3. लेबनान

लेबनान हमेशा से ईरान का करीबी सहयोगी रहा है। हिजबुल्लाह के नेता हसन नसरल्लाह की मौत के बाद ईरान ने इजरायल पर हमला किया।

4. यमन

ईरान समर्थित हौथी विद्रोही भी इजरायल के खिलाफ सक्रिय हैं। उन्होंने हाल ही में इजरायल पर हमले की कोशिश की है।

5. सीरिया

सीरिया ने भी ईरान का समर्थन किया है और कई मौकों पर ईरान को मदद देने की पेशकश की है।

संभावित परिणाम

ईरान और इजरायल के बीच संघर्ष बढ़ने पर, यह क्षेत्रीय और वैश्विक स्तर पर गंभीर परिणाम ला सकता है। अमेरिका और उसके सहयोगियों का समर्थन इजरायल को मजबूती देगा, जबकि रूस, चीन और अन्य देश ईरान का समर्थन कर सकते हैं। इस प्रकार, स्थिति और भी जटिल होती जा रही है।

निष्कर्ष

ईरान और इजरायल के बीच मौजूदा तनाव ने न केवल इन दोनों देशों के लिए बल्कि पूरी क्षेत्रीय और वैश्विक राजनीति के लिए चुनौती पेश की है। इस स्थिति में, देश एक-दूसरे के प्रति किस तरह की प्रतिक्रिया देंगे, यह देखना महत्वपूर्ण होगा। संघर्ष की यह स्थिति न केवल युद्ध के संभावित खतरे को दर्शाती है, बल्कि यह भी दिखाती है कि कैसे वैश्विक शक्तियाँ अपने हितों के लिए क्षेत्रीय गतिशीलताओं में हस्तक्षेप कर सकती हैं।

 

 

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सत्यमेव जयते नानृतं सत्येन पन्था विततो देवयानः।
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