Ainnews1.com:–आरोपी केवल 10 साल में ही करोड़पति बने, बाजार में नकली फूड-सप्लीमेंट और शक्तिवर्धक इंजेक्शन बेचकर। एसओजी की जांच में पता चला,कि 10 साल पहले इनमें से कोई साइकिल में पंचर लगाता,तो कोई मजदूरी करता। एसपी क्राइम अनित कुमार ने यह बताया, कि ऐसे 12 लोग निशाने पर लिए गए हैं। इन पर गैंगस्टर एक्ट के तहत भी मामला दर्ज करने की पूरी तैयारी है।
मेरठ के हापुड़ रोड पर दो साल पहले नकली फूड-सप्लीमेंट बनाने की फैक्टरी पकड़ी थी। मंगलवार को अरेस्ट किए गए,दाउद का भाई तब उस फैक्टरी के मामले में जेल गया। पुलिस का मानना है कि फैक्टरी बंद कर इन लोगों ने खैरनगर में अपना ये धंधा शुरू किया। अब अमेरिका, रूस, बैंकाक की कंपनियों के रैपर लगाकर 200 रुपये की लागत में नकली सप्लीमेंट तैयार करके चार से छह हजार तक में बेचते थे।इसके लिए आरोपियों ने एजेंटों का नेटवर्क भी बनाया था। एसओजी प्रभारी रामफल सिंह ने बताया कि ये खेलों और भर्तियों में जाने की मंशा रखने वाले युवाओं को अपना टारगेट बनाते। यदि आप जिम जाते हैं, वर्कआउट करते हैं और प्रोटीन व फूड-सप्लीमेंट लेते हैं तो सतर्क हो जाएं। जो फूड सप्लीमेंट आप इस्तेमाल कर रहे हैं, वो नकली भी हो सकते हैं। पुलिस का यह दावा है कि खैरनगर की दुकानदारों की दुकान में नकली फूड-सप्लीमेंट पकड़ा गया है उनका रोजाना का कारोबार 20 लाख रुपये से ज्यादा का था।
शहर में लिसाड़ी गेट क्षेत्र में अवैध रूप से फूड सप्लीमेंट का धंधा चल रहा है। श्यामनगर, समर गार्डन, तारापुरी और हापुड़ रोड जमनानगर समेत कई इलाकों में पहले भी पुलिस छापा मार चुकी है।लिवर, किडनी और दिमाग पर भी बुरा असर पड़ता है इस नकली-फूड सप्लीमेंट का, यह शरीर के लिए घातक है। डॉ. विजय कुमार बिंद्रा,वरिष्ठ फिजिशियन कहते हैं। कि सेहत से खिलवाड़ कर बॉडी बनाने के लिए इस तरह के सप्लीमेंट जो भी युवा ले रहे हैं, वह अपनी सेहत से खिलवाड़ कर रहे हैं।