AIN NEWS 1: ईरान के सुप्रीम लीडर अयातुल्ला अली खामेनेई ने हाल ही में तेहरान में आयोजित शुक्रवार की नमाज के दौरान लाखों लोगों को संबोधित किया। इस अवसर पर उन्होंने मुस्लिम देशों के बीच एकता का आह्वान किया और अमेरिका तथा इजरायल को इस्लाम का दुश्मन बताया।
मुस्लिम एकता की आवश्यकता
खामेनेई ने अपने भाषण में कहा कि सभी मुस्लिम समुदायों को एकजुट रहना चाहिए। उनका मानना है कि अगर मुस्लिम देश एकजुट होते हैं, तो दुश्मनों के सभी मनसूबे असफल होंगे। उन्होंने कहा, “ईरानी राष्ट्र का दुश्मन वही है, जो इराकी, लेबनानी और मिस्र के राष्ट्रों का भी दुश्मन है। हम सबका दुश्मन एक है।”
खामेनेई का यह बयान मुस्लिम राष्ट्रों के लिए एकजुटता का स्पष्ट संदेश है। उन्होंने कहा कि मुस्लिम देशों के बीच भाईचारा स्थापित करने से ही वे अपने दुश्मनों के खिलाफ खड़े हो सकेंगे।
इजरायल और अमेरिका के प्रति सख्त शब्द
खामेनेई ने इजरायल और अमेरिका की नीतियों पर कड़ी आलोचना की। उन्होंने कहा, “जब इजरायल किसी एक देश से संतुष्ट हो जाता है, तो वह दूसरे देश की ओर बढ़ता है। इसलिए, जो देश दुश्मन के कब्जे में नहीं आना चाहता, उसे सतर्क रहना चाहिए।”
इससे यह स्पष्ट होता है कि खामेनेई इजरायल की सैन्य गतिविधियों को लेकर चिंतित हैं और मुस्लिम देशों को एकजुट होकर इनका मुकाबला करने का आग्रह कर रहे हैं।
इजरायल को चेतावनी
खामेनेई ने इजरायल को स्पष्ट रूप से धमकी दी कि अगर इजरायल ने 180 मिसाइलों के हमले का जवाब दिया, तो वह तेल अविव और हाइफा को नष्ट कर देंगे। उन्होंने कहा, “क्षेत्र में प्रतिरोध की भावना कम नहीं होगी।”
यह बयान क्षेत्र में बढ़ती हुई तनावपूर्ण स्थितियों को देखते हुए महत्वपूर्ण है, जहां युद्ध का खतरा मंडरा रहा है।
शहीदों का उल्लेख
खामेनेई ने अपने भाषण में उन शहीदों का भी जिक्र किया, जिन्होंने ईरान की क्रांति के दौरान अपनी जान दी। उन्होंने कहा, “हमारी क्रांति की शुरुआत में कई महत्वपूर्ण हस्तियों की हत्या कर दी गई थी, लेकिन इससे क्रांति का मार्च नहीं रुका।”
उन्होंने लेबनान और गाजा के लड़ाकों को भी संबोधित किया, यह कहते हुए कि उनकी शहादतें प्रतिरोध की भावना को कमजोर नहीं करेंगी।
निष्कर्ष
अयातुल्ला खामेनेई का यह संबोधन स्पष्ट रूप से मुस्लिम देशों के बीच एकता की आवश्यकता को दर्शाता है। उनका संदेश है कि अगर मुस्लिम समुदाय एकजुट रहता है, तो वे अपने दुश्मनों के खिलाफ मजबूती से खड़े हो सकते हैं।
यह बयान उस समय आया है जब क्षेत्र में तनाव बढ़ रहा है और ऐसे में खामेनेई का आह्वान मुस्लिम एकता के महत्व को और अधिक महत्वपूर्ण बना देता है।