AIN NEWS 1: दिल्ली के शाहदरा में रामलीला के मंच पर भगवान श्री राम का रोल निभाने वाले 54 वर्षीय अभिनेता सुशील कौशिक की हार्ट अटैक से मौत हो गई। यह घटना तब घटी जब वह मंच पर अपनी भूमिका में थे। अचानक उनकी तबीयत बिगड़ गई, जिससे उनके परिवार और रामलीला कमेटी के सदस्य स्तब्ध रह गए।
घटनाक्रम
सुशील कौशिक ने रामलीला के मंच पर श्री राम का किरदार निभाते समय अचानक सीने में तेज दर्द और घबराहट महसूस की। मंच पर उनकी हालत बिगड़ती देख, रामलीला कमेटी के अन्य सदस्यों ने तुरंत एंबुलेंस बुलाने का निर्णय लिया। दुर्भाग्यवश, एंबुलेंस के पहुंचने से पहले ही उनकी स्थिति गंभीर हो गई और अस्पताल ले जाते समय उन्होंने दम तोड़ दिया।
परिवार का हाल
परिवार के सदस्यों का रो-रो कर बुरा हाल है। उन्होंने कहा कि उन्हें इस घटना की कोई पूर्व सूचना नहीं थी और यह अचानक हुई दुखद घटना उनके लिए बेहद दुखदायी है। सुशील कौशिक प्रॉपर्टी डीलिंग के व्यवसाय से जुड़े हुए थे और पिछले एक दशक से रामलीला कमेटी के साथ जुड़े हुए थे। उनका रामलीला के प्रति समर्पण और अभिनय कौशल हमेशा सराहा जाता रहा है।
मंच पर उनके प्रदर्शन का वीडियो
इस घटना का एक वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा है। वीडियो में देखा जा सकता है कि सुशील कौशिक रामलीला मंच पर भगवान श्री राम की भूमिका में डायलाग बोल रहे हैं। कुछ समय बाद, वह मंच से नीचे जाने लगे, जहां उन्होंने अपने सीने में दर्द और उलझन की बात की। इसके तुरंत बाद, अन्य कलाकारों ने उन्हें सहायता प्रदान की और एंबुलेंस का इंतजार किया।
एक अन्य वीडियो में, सुशील भजन गाते हुए भी नजर आ रहे हैं, जिसमें उनके आस-पास अन्य कलाकार भी शामिल हैं। यह दृश्य उनके समर्पण और मंच पर उनके आकर्षक व्यक्तित्व को दर्शाता है।
रामलीला का महत्व
रामलीला का मंचन हर वर्ष शारदीय नवरात्रि के दौरान किया जाता है, जो कि विजय दशमी के साथ समाप्त होता है। यह पर्व न केवल धार्मिक दृष्टि से महत्वपूर्ण है, बल्कि समाज में सांस्कृतिक धरोहर के रूप में भी महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है। रामलीला में भगवान राम के जीवन के प्रमुख प्रसंगों को प्रदर्शित किया जाता है, जो दर्शकों के बीच धर्म और नैतिकता का संदेश पहुंचाता है।
निष्कर्ष
सुशील कौशिक का अचानक निधन न केवल उनके परिवार के लिए एक गहरा दुख है, बल्कि रामलीला के मंच पर उनकी अद्वितीय उपस्थिति को भी एक बड़ी क्षति है। उनके योगदान को हमेशा याद रखा जाएगा और उनकी याद में श्रद्धांजलि अर्पित की जाएगी। रामलीला की दुनिया में उनका नाम सदैव जीवित रहेगा।