AIN NEWS 1: बीमा पॉलिसी लेते समय कई महत्वपूर्ण पहलुओं पर ध्यान देना जरूरी होता है। कई बार ऐसी परिस्थितियाँ उत्पन्न हो जाती हैं, जिनमें बीमाधारक की मृत्यु के बाद नॉमिनी को बीमा राशि नहीं मिलती। एडलवाइज़ लाइफ के अनुसार, यहाँ कुछ प्रमुख कारण दिए गए हैं जिनकी वजह से बीमा क्लेम खारिज हो सकता है:
1. नॉमिनी की संलिप्तता
अगर बीमाधारक की मृत्यु में नॉमिनी की संलिप्तता पाई जाती है, तो बीमा कंपनी क्लेम को अस्वीकार कर सकती है। यह स्थिति तब उत्पन्न होती है जब यह साबित हो जाता है कि नॉमिनी ने बीमाधारक की हत्या या किसी प्रकार का अन्याय किया है।
2. धूम्रपान की आदत का खुलासा न करना
यदि बीमाधारक ने बीमा लेते समय अपनी धूम्रपान की आदत का खुलासा नहीं किया और उनकी मृत्यु धूम्रपान से संबंधित बीमारी के कारण होती है, तो बीमा राशि का भुगतान नहीं किया जाएगा। यह बीमा अनुबंध में छुपी हुई जानकारी के कारण हो सकता है।
3. नशे और खतरनाक गतिविधियों में संलग्नता
अगर बीमाधारक की मृत्यु नशे के सेवन या किसी खतरनाक गतिविधि के दौरान होती है, तो बीमा कंपनी क्लेम को अस्वीकार कर सकती है। यह इसलिए होता है क्योंकि बीमा पॉलिसी में इन गतिविधियों को उच्च जोखिम के रूप में देखा जाता है।
4. आत्महत्या
बीमा पॉलिसी के तहत, यदि बीमाधारक ने पॉलिसी लेने के बाद निर्धारित समय में आत्महत्या की, तो भी बीमा राशि का भुगतान नहीं किया जाएगा। यह अवधि आमतौर पर एक या दो वर्ष होती है। इस नियम का उद्देश्य बीमा धोखाधड़ी को रोकना है।
5. पूर्ववर्ती बीमारियाँ
अगर बीमाधारक की मृत्यु किसी पूर्ववर्ती बीमारी के कारण होती है, जिसे पॉलिसी लेते समय बताया नहीं गया था, तो बीमा कंपनी क्लेम को अस्वीकार कर सकती है। यह इसलिए महत्वपूर्ण है कि सभी स्वास्थ्य संबंधी जानकारी पूरी ईमानदारी से दी जाए।
निष्कर्ष
बीमा पॉलिसी लेते समय आवश्यक है कि सभी नियमों और शर्तों को ध्यान से पढ़ा जाए। बीमाधारक को अपने स्वास्थ्य, आदतों और किसी भी संभावित खतरनाक गतिविधियों के बारे में पूरी जानकारी देनी चाहिए। इससे न केवल बीमा का सही लाभ मिल सकेगा, बल्कि भविष्य में क्लेम के समय किसी भी समस्या से बचा जा सकेगा। उचित जानकारी और पारदर्शिता से बीमा पॉलिसी का लाभ सही तरीके से उठाया जा सकता है।