Wednesday, October 16, 2024

चुनाव आयोग ने झारखंड, महाराष्ट्र और उप-चुनाव क्षेत्रों के लिए पर्यवेक्षकों की बैठक आयोजित की?

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AIN NEWS 1 नई दिल्ली: चुनाव आयोग ने आज झारखंड, महाराष्ट्र और उन निर्वाचन क्षेत्रों के लिए जनरल, पुलिस और व्यय पर्यवेक्षकों के लिए एक महत्वपूर्ण ब्रीफिंग का आयोजन किया, जहां उप-चुनाव की घोषणा 15 अक्टूबर 2024 को की गई थी। इस बैठक में 625 से अधिक वरिष्ठ अधिकारियों ने भाग लिया, जो भारतीय प्रशासनिक सेवा (IAS), भारतीय पुलिस सेवा (IPS) और भारतीय राजस्व सेवा के अधिकारियों के साथ-साथ अन्य केंद्रीय सेवाओं के अधिकारियों से लिए गए थे।

बैठक का आयोजन विज्ञान भवन, नई दिल्ली में किया गया। चुनाव आयुक्त ज्ञानेश कुमार और डॉ. सुखबीर सिंह संधू ने व्यक्तिगत रूप से पर्यवेक्षकों को उनके महत्वपूर्ण कार्यों के बारे में जानकारी दी। उन्होंने बताया कि चुनाव प्रक्रिया के दौरान पर्यवेक्षकों की भूमिका कितनी महत्वपूर्ण होती है, विशेषकर उन क्षेत्रों में जहां उप-चुनाव हो रहे हैं।

बैठक के प्रमुख बिंदु:

1. पर्यवेक्षकों की जिम्मेदारियां: पर्यवेक्षकों को चुनावी प्रक्रिया की निगरानी करने, निष्पक्षता सुनिश्चित करने और चुनाव में धन का उपयोग नियंत्रित करने की जिम्मेदारी दी गई है।

2. तैनाती की प्रक्रिया: पर्यवेक्षकों को उनके निर्धारित निर्वाचन क्षेत्रों में तैनात किया जाएगा, जहां उन्हें स्थानीय चुनाव अधिकारियों के साथ समन्वय स्थापित करना होगा।

3. चुनाव की तैयारी: चुनाव आयोग ने सभी पर्यवेक्षकों को चुनाव के दौरान होने वाली गतिविधियों के लिए तैयार रहने के लिए कहा। इसके अंतर्गत मतदान केंद्रों की निगरानी, चुनावी सामग्री का वितरण, और वोटरों की सुरक्षा सुनिश्चित करना शामिल है।

4. प्रशिक्षण और दिशा-निर्देश: पर्यवेक्षकों को विशेष दिशा-निर्देश दिए गए हैं, ताकि वे चुनावी प्रक्रिया के दौरान किसी भी तरह की अनियमितताओं का समय पर पता लगा सकें और उचित कार्रवाई कर सकें।

5. उप-चुनाव की महत्ता: उप-चुनाव की प्रक्रिया लोकतंत्र की मूलभूत गतिविधियों में से एक है। इस बार झारखंड और महाराष्ट्र में होने वाले उप-चुनाव से स्थानीय राजनीतिक परिदृश्य में महत्वपूर्ण बदलाव आ सकते हैं।

इस ब्रीफिंग का उद्देश्य यह सुनिश्चित करना है कि सभी पर्यवेक्षक अपने कार्यों को गंभीरता से लें और चुनावी प्रक्रिया में किसी भी प्रकार की गड़बड़ी से बचें। चुनाव आयोग का मानना है कि इन पर्यवेक्षकों की प्रभावी भूमिका से लोकतंत्र को मजबूत बनाया जा सकेगा।

निष्कर्ष: चुनाव आयोग ने इस बैठक के माध्यम से पर्यवेक्षकों को उनकी महत्वपूर्ण भूमिका और जिम्मेदारियों के प्रति जागरूक किया। यह सुनिश्चित करना कि चुनाव प्रक्रिया निष्पक्ष और पारदर्शी हो, हर नागरिक का अधिकार है और इस दिशा में आयोग की यह पहल सराहनीय है।

 

 

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सत्यमेव जयते नानृतं सत्येन पन्था विततो देवयानः।
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