AIN NEWS 1: असम सरकार के एक्साइज विभाग में कार्यालय अधीक्षक पार्थ हज़ारिका को असम के निदेशालय Vigilance और Anti-Corruption द्वारा रिश्वतखोरी के आरोप में गिरफ्तार किया गया है। उन्हें डिसपुर के जनता भवन के मुख्य गेट के पास 24,500 रुपये की रिश्वत लेते हुए रंगे हाथ पकड़ा गया। यह रिश्वत एक शिकायतकर्ता से बार लाइसेंस जारी करने के बदले में ली गई थी।
पार्थ हज़ारिका की गिरफ्तारी के बाद, Vigilance और Anti-Corruption टीम ने उनके घर पर छापेमारी की, जहां से 47.30 लाख रुपये की संपत्ति बरामद की गई। इस कार्रवाई में बरामद की गई राशि को तात्कालिक रिश्वत के पैसे के रूप में देखा जा रहा है।
असम पुलिस के CPRO प्राणब ज्योति गोस्वामी ने इस संबंध में जानकारी देते हुए बताया कि पार्थ हज़ारिका की गिरफ्तारी राज्य में भ्रष्टाचार के खिलाफ चलाए जा रहे अभियान का हिस्सा है। अधिकारियों का मानना है कि हज़ारिका की गिरफ्तारी से यह संदेश जाएगा कि भ्रष्टाचार को बर्दाश्त नहीं किया जाएगा और जिम्मेदार अधिकारियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी।
इस घटनाक्रम से यह स्पष्ट होता है कि असम सरकार भ्रष्टाचार के खिलाफ सख्त कदम उठा रही है। इस संदर्भ में जनता को भी जागरूक करने की आवश्यकता है, ताकि लोग भ्रष्टाचार के खिलाफ आवाज उठा सकें। शिकायतकर्ताओं को प्रेरित किया जा रहा है कि वे अपनी समस्याओं को अधिकारियों के समक्ष रखें, ताकि सही कार्यवाही हो सके।
पार्थ हज़ारिका की गिरफ्तारी ने सरकारी विभागों में व्याप्त भ्रष्टाचार पर फिर से सवाल उठाए हैं। इसे देखते हुए, नागरिकों की जागरूकता और प्रशासन की सख्त कार्रवाई के लिए एकजुट होना आवश्यक है।
यह मामला असम में सरकारी कार्यों में पारदर्शिता और जवाबदेही को बढ़ावा देने के लिए एक महत्वपूर्ण कदम माना जा रहा है। अब देखना यह है कि सरकार इस दिशा में और कौन से कदम उठाती है और क्या आगे भी ऐसी कार्रवाई होती है।
असम के लिए यह एक महत्वपूर्ण समय है, जहां सरकार अपने अधिकारियों के खिलाफ कड़े कदम उठाने की दिशा में अग्रसर है। लोगों की उम्मीद है कि इस तरह की कार्रवाई से सरकारी कामकाज में सुधार होगा और भ्रष्टाचार पर अंकुश लगेगा।