AIN NEWS 1: दिल्ली में यमुना नदी का एक डरावना दृश्य सामने आया है, जहां सफेद फोम ने नदी के पानी को पूरी तरह से ढक लिया है। यह वीडियो कालिंदी कुंज क्षेत्र का है, जिसमें साफ नजर आ रहा है कि नदी में पानी की तुलना में फोम अधिक है। सर्दियों की शुरुआत के साथ ही दिल्ली में प्रदूषण का स्तर बढ़ने लगा है, जिससे न केवल हवा बल्कि पानी भी जहरीला हो रहा है।
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छठ पर्व के नजदीक आने के कारण यमुना का यह प्रदूषण और भी चिंताजनक बन गया है। फोम के कारण नदी का दृश्य बर्फ के समान दिखाई दे रहा है, जिससे स्थानीय निवासियों और पर्यावरण प्रेमियों में भय का माहौल है। यह स्थिति इस बात का संकेत है कि प्रदूषण में वृद्धि हो रही है, जो लोगों की स्वास्थ्य संबंधी चिंताओं को बढ़ा रही है।
वायु प्रदूषण की बात करें तो दिल्ली में हाल के दिनों में एयर क्वालिटी इंडेक्स (AQI) तेजी से बढ़ा है। दिल्ली-एनसीआर के कई क्षेत्रों में AQI 300 के ऊपर पहुंच चुका है। 18 अक्टूबर को दिल्ली का औसत AQI 293 मापा गया, जो खराब श्रेणी में आता है, और यह बहुत खराब स्थिति के करीब है।
नवीनतम AQI स्तर के अनुसार, दिल्ली-एनसीआर के विभिन्न क्षेत्रों की स्थिति इस प्रकार है:
फरीदाबाद: 219 (मध्यम)
गाजियाबाद: 267 (खराब)
ग्रेटर नोएडा: 277 (खराब)
गुरुग्राम: 199 (मध्यम)
नोएडा: 236 (खराब)
AQI को समझने के लिए यह जानना जरूरी है कि इसे किस प्रकार मापा जाता है:
0-50: अच्छा
51-100: संतोषजनक
101-200: मध्यम
201-300: खराब
301-400: बहुत खराब
401-500: गंभीर
इस प्रकार, जब AQI 200 के ऊपर पहुंचता है, तो यह स्वास्थ्य के लिए हानिकारक हो सकता है, जिससे विभिन्न बीमारियों का खतरा बढ़ता है। प्रदूषण के इस स्तर ने दिल्लीवासियों को चिंता में डाल दिया है, क्योंकि यह न केवल उनकी सेहत पर प्रभाव डाल रहा है, बल्कि वातावरण को भी गंभीर नुकसान पहुंचा रहा है।
इस संदर्भ में, यमुना का प्रदूषण और अधिक चिंता का विषय बन गया है, खासकर जब छठ पूजा जैसे धार्मिक उत्सव नजदीक हैं। इसके कारण नदी में स्नान करने वाले भक्तों की सेहत को खतरा हो सकता है।
दिल्ली के प्रदूषण से निपटने के लिए सरकार और स्थानीय प्रशासन को ठोस कदम उठाने की आवश्यकता है, ताकि यमुना और अन्य जल स्रोतों की सफाई सुनिश्चित की जा सके और प्रदूषण के स्तर को नियंत्रित किया जा सके।