AIN NEWS 1: राजस्थान के जयपुर में, हाल ही में वक्फ बोर्ड द्वारा लगाई गई नोटिस बोर्ड ने राजनीतिक और सामुदायिक तनाव पैदा कर दिया है। सोमवार (21 अक्टूबर) रात मुस्लिम समुदाय के सदस्यों ने गलता गेट थाने का घेराव किया और बीजेपी विधायक बालमुकुंद आचार्य के खिलाफ कार्रवाई की मांग की।
यह मामला तब शुरू हुआ जब बदनपुर इलाके में वक्फ बोर्ड ने एक खाली जमीन पर नोटिस बोर्ड लगाया। जब स्थानीय लोगों को इस बारे में पता चला, तो उन्होंने तुरंत विधायक आचार्य को इसकी जानकारी दी। विधायक ने मौके पर पहुंचकर भारी भीड़ को संबोधित किया। उन्होंने स्पष्ट किया कि वह किसी भी हाल में जमीन पर कब्जा नहीं होने देंगे।
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विधायक बालमुकुंद आचार्य ने कहा कि वक्फ बोर्ड ने रातों-रात बिना किसी सूचना के बोर्ड लगाकर जमीन पर कब्जा करने का प्रयास किया है। उन्होंने यह भी आरोप लगाया कि वक्फ बोर्ड द्वारा लगाई गई नोटिस पर जमीन का खसरा नंबर भी नहीं लिखा है, जिससे यह स्पष्ट होता है कि यह जमीन पर कब्जा करने के लिए किया गया है। विधायक ने मौके पर उपस्थित लोगों से कहा, “कागज दिखाओ,” यह स्पष्ट करते हुए कि वह बिना उचित दस्तावेजों के किसी भी प्रकार के कब्जे को मान्यता नहीं देंगे।
इस घटना के दौरान दोनों समुदाय के लोग एकत्रित हो गए। मुस्लिम समाज के लोग हंगामा करते रहे और उन्होंने अपने अधिकारों के संरक्षण की बात की। विधायक आचार्य ने स्थिति को नियंत्रित करने की कोशिश की और लोगों को शांत रहने का आग्रह किया। उन्होंने कहा कि जमीन के अधिकारों का सम्मान होना चाहिए और किसी भी तरह की अव्यवस्था स्वीकार नहीं की जाएगी।
पुलिस बल भी घटना स्थल पर पहुंचा और स्थिति को संभालने का प्रयास किया। विवाद बढ़ते देख, विधायक ने यह आश्वासन दिया कि वह इस मामले में आवश्यक कार्रवाई करेंगे और किसी को भी जमीन पर कब्जा करने की अनुमति नहीं दी जाएगी।
इस घटना ने राजस्थान में सामुदायिक संबंधों और राजनीतिक स्थिति पर नई बहस छेड़ दी है। वक्फ बोर्ड की ओर से लगाए गए नोटिस और विधायक के आरोपों ने दोनों समुदायों में तनाव बढ़ा दिया है। आगे की कार्रवाई का इंतजार है, जिसमें यह तय होगा कि क्या वक्फ बोर्ड के दावे कानूनी रूप से मान्य हैं या नहीं।
इस पूरे घटनाक्रम ने यह स्पष्ट कर दिया है कि जमीन के अधिकारों और वक्फ बोर्ड की गतिविधियों के संदर्भ में विवाद अब और गहरा होता जा रहा है।