AIN NEWS 1: हाल ही में जामिया मिल्लिया इस्लामिया में दीपावली का कार्यक्रम आयोजित किया गया। यह आयोजन शांतिपूर्ण ढंग से किया जा रहा था, लेकिन इसे कुछ कट्टरपंथी छात्रों ने बाधित करने की कोशिश की।
दीपावली के इस कार्यक्रम में छात्रों ने उत्साहपूर्वक भाग लिया और दीयों के साथ साथ खुशियों का इज़हार किया। लेकिन अचानक, कुछ छात्रों ने वहां उपद्रव शुरू कर दिया। उन्होंने नारेबाज़ी करते हुए कहा कि यह मुसलमानों की यूनिवर्सिटी है और यहां हिंदुओं को दीवाली नहीं मनाने दिया जाएगा।
इस दौरान, कट्टरपंथी छात्रों ने ‘अल्लाह हू अकबर’ और ‘फिलिस्तीन जिंदाबाद’ जैसे नारे भी लगाए। यह देखकर वहां मौजूद अन्य छात्र और लोग हैरान रह गए। कार्यक्रम में भाग ले रहे छात्रों का कहना था कि दीपावली का त्योहार सभी धर्मों के लिए महत्वपूर्ण है और इसे मनाने का अधिकार सभी को है।
इस घटना ने जामिया मिल्लिया इस्लामिया की विविधता और सहिष्णुता पर सवाल उठाया है। छात्र संगठनों के बीच यह मामला गरमा गया है, जिससे विश्वविद्यालय के माहौल में तनाव पैदा हो गया है।
इस घटनाक्रम से स्पष्ट होता है कि हमारे समाज में धार्मिक सहिष्णुता और आपसी सम्मान की आवश्यकता है। विभिन्न धर्मों के अनुयायियों को एक साथ मिलकर त्योहार मनाने का अवसर मिलना चाहिए।
अध्यापक और प्रबंधन ने इस घटना की निंदा की है और कहा है कि विश्वविद्यालय में किसी भी तरह का उपद्रव बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। उन्होंने सभी छात्रों से अपील की है कि वे एक-दूसरे के धर्म और संस्कृति का सम्मान करें।
यह स्थिति यह दर्शाती है कि शिक्षण संस्थानों को न केवल ज्ञान का केंद्र होना चाहिए, बल्कि उन्हें सहिष्णुता और आपसी समझ का भी प्रतीक बनना चाहिए।
दीपावली का पर्व भारतीय संस्कृति का अभिन्न हिस्सा है, और इसे मनाने का अधिकार हर व्यक्ति को है। ऐसे समय में जब देश में धार्मिक सौहार्द की जरूरत है, इस तरह की घटनाएं चिंताजनक हैं।
आगे की कार्रवाई के तहत विश्वविद्यालय प्रशासन ने तय किया है कि इस तरह के उपद्रव की पुनरावृत्ति को रोकने के लिए सख्त कदम उठाए जाएंगे। साथ ही, छात्रों को सहिष्णुता और आपसी सम्मान के महत्व पर विशेष ध्यान देने की सलाह दी गई है।
इस घटना ने पूरे देश में धार्मिक असहिष्णुता के बढ़ते मामले की ओर ध्यान आकर्षित किया है। सभी को यह समझना होगा कि किसी भी प्रकार की कट्टरता समाज के विकास में बाधा डालती है।
इस प्रकार, जामिया मिल्लिया इस्लामिया में दीपावली समारोह पर हुआ उपद्रव एक गंभीर विषय है, जो न केवल विश्वविद्यालय, बल्कि पूरे समाज के लिए चिंताजनक है।