AIN NEWS 1 नई दिल्ली: बाल संत के नाम से मशहूर अभिनव अरोड़ा इन दिनों विवादों में घिर गए हैं। उनके माता-पिता को सोशल मीडिया पर उनके बारे में चल रहे नकारात्मक प्रचार के चलते गंभीर धमकियां मिली हैं। इस स्थिति पर उनके वकील किसलय पाण्डेय ने स्थानीय मीडिया से बातचीत की और बताया कि यह सब कुछ विशेष समूहों द्वारा एक खास एजेंडे के तहत किया जा रहा है।
अभिनव के बारे में सोशल मीडिया पर कई वीडियो वायरल हो रहे हैं, जिनमें आरोप लगाया गया है कि उनके माता-पिता अपने बच्चे को शोभा बढ़ाने के लिए कुछ भी करवा रहे हैं। किसलय पाण्डेय ने कहा कि अभिनव के खिलाफ किए जा रहे हमलों का मुख्य उद्देश्य उनकी छवि को नुकसान पहुंचाना है।
उन्होंने बताया कि धमकी भरे संदेशों में कहा गया है, “अपने बच्चे को समझा लो, वरना हम उसे राधा रानी के पास भेज देंगे।” यह संदेश अभिनव के माता-पिता को भेजा गया है, जो स्थिति को और भी चिंताजनक बनाता है। पाण्डेय ने स्पष्ट किया कि उन्होंने इस मामले की गंभीरता को देखते हुए पुलिस में शिकायत दर्ज कराई है।
अभिनव के वकील ने यह भी बताया कि कुछ लोग अभिनव के व्यक्तिगत वीडियो और फोटो का दुरुपयोग कर रहे हैं। ये लोग अपने वीडियो में इनका इस्तेमाल कर व्यूज और पैसे कमा रहे हैं। इससे अभिनव और उनके परिवार की छवि को गंभीर नुकसान पहुंच रहा है।
किसलय पाण्डेय ने कहा, “हम इन वीडियो बनाने वालों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की योजना बना रहे हैं। हमने पहले ही मानहानि, रंगदारी और छवि खराब करने के मामलों में केस दर्ज कराने की प्रक्रिया शुरू कर दी है।”
वकील के मुताबिक, इस तरह की धमकियां केवल अभिनव और उनके परिवार के लिए नहीं, बल्कि सभी उन बच्चों के लिए एक खतरा हैं जो सोशल मीडिया पर सक्रिय हैं। उन्होंने सभी से अपील की कि वे इस तरह के नकारात्मक प्रचार से दूर रहें और बच्चों की सुरक्षा का ध्यान रखें।
अभिनव के माता-पिता को मिली धमकी और उनके खिलाफ चल रहे प्रचार ने न केवल उनके परिवार को परेशान किया है, बल्कि यह पूरे समाज के लिए एक चेतावनी भी है कि सोशल मीडिया का दुरुपयोग किस प्रकार से किया जा सकता है।
इस मामले ने अब पुलिस और न्यायिक प्रणाली का ध्यान खींचा है, और ऐसे मामलों में कड़ी कार्रवाई की आवश्यकता को उजागर किया है। अभिनव और उनके परिवार को न्याय मिलने की उम्मीद है, लेकिन यह घटना एक महत्वपूर्ण सबक भी है कि बच्चों की सुरक्षा और उनके अधिकारों का सम्मान करना कितना जरूरी है।
इस प्रकार के मामलों में समाज को जागरूक रहना चाहिए और बच्चों के साथ किसी भी तरह की अनुचित गतिविधियों के खिलाफ आवाज उठानी चाहिए।