AIN NEWS 1 दिल्ली: दिवाली के दौरान एक दिलचस्प घटना सामने आई, जब दिल्ली के एक व्यक्ति ने त्योहार के दिन चिकन बिरयानी ऑर्डर की और उसे लेकर उसे डिलीवरी एजेंट ने बुरी तरह डांट पिलाई। इस मामले का अनुभव व्यक्ति ने रेडिट पर साझा किया, जहां उन्होंने बताया कि किस तरह एक साधारण ऑर्डर पर डिलीवरी एजेंट ने उसे धार्मिक और सांस्कृतिक मूल्यों का पाठ पढ़ाना शुरू कर दिया।
दरअसल, हुआ यूं कि दिवाली के दिन उस शख्स ने एक फूड डिलीवरी ऐप से चिकन बिरयानी मंगवाई थी। जब डिलीवरी एजेंट खाना देने उसके घर पहुंचा, तो उसने व्यक्ति को बिरयानी ऑर्डर करने पर नाराजगी जताते हुए कहा, “दिवाली के दिन नॉन-वेज खाना गलत है। आपको इस पवित्र त्योहार पर ऐसा नहीं करना चाहिए।”
इस पर, व्यक्ति ने एजेंट से सवाल किया कि आखिर उसके खाने में क्या गलत है। इसके जवाब में डिलीवरी एजेंट ने कहा कि दिवाली के समय “शुद्ध” और “सात्विक” खाना खाना चाहिए, और चिकन या मटन जैसे नॉन-वेज भोजन से परहेज करना चाहिए।
रेडिट पर अपने अनुभव को साझा करते हुए उस व्यक्ति ने लिखा कि उसे डिलीवरी एजेंट की ये प्रतिक्रिया चौंकाने वाली लगी। उसने लिखा कि उसे समझ नहीं आया कि किसी के खाने के चुनाव पर इस तरह की प्रतिक्रिया देना क्यों जरूरी था। उसने यह भी जोड़ा कि खाने के चुनाव को लेकर किसी की व्यक्तिगत राय को दूसरों पर थोपना गलत है।
सोशल मीडिया पर यह घटना चर्चा का विषय बन गई है, जहां लोग इस पर अलग-अलग प्रतिक्रियाएं दे रहे हैं। कुछ लोग एजेंट के धार्मिक दृष्टिकोण का समर्थन कर रहे हैं, जबकि कई लोग इसे व्यक्तिगत स्वतंत्रता पर एक अनुचित हस्तक्षेप मान रहे हैं।
इस घटना ने यह सवाल खड़ा कर दिया है कि त्योहारों के दौरान किसी के खाने के विकल्प को लेकर इस तरह का हस्तक्षेप क्या वाजिब है? लोग अपने-अपने धार्मिक और सांस्कृतिक मान्यताओं के हिसाब से त्योहार मनाते हैं, लेकिन क्या दूसरों को भी उन्हीं मान्यताओं का पालन करने के लिए मजबूर किया जा सकता है?
यह घटना सिर्फ धार्मिक मान्यताओं पर नहीं, बल्कि आज के समय में व्यक्तिगत स्वतंत्रता और सामाजिक सहिष्णुता पर भी एक बहस खड़ी करती है।