AIN NEWS 1 तेहरान – ईरान के इस्लामिक आजाद विश्वविद्यालय में एक छात्रा के साथ ईरानी पुलिस ने अत्याचार की हदें पार कर दीं। घटना तब हुई जब एक छात्रा ने हिजाब तो पहन रखा था, लेकिन सिर पर स्कार्फ नहीं बांधा हुआ था। इसके बाद ईरान की मॉरल पुलिस ने उसे रोककर सरेआम मारपीट की और उसके कपड़े फाड़ दिए। इस घटना ने ईरान में महिलाओं के साथ होने वाले अत्याचार और उनके अधिकारों के हनन पर एक बार फिर सवाल खड़े कर दिए हैं। पुलिस के इस रवैये के विरोध में छात्रा ने अपना विरोध दर्ज करते हुए सार्वजनिक रूप से अपने कपड़े उतार दिए।
मॉरल पुलिस का ‘नूर’ अभियान
ईरान की इस्लामिक पुलिस लंबे समय से महिलाओं पर सख्त नियम थोप रही है, जिनमें हिजाब पहनना अनिवार्य है। इसके लिए पुलिस द्वारा ‘नूर’ अभियान चलाया जा रहा है, जिसके तहत हर महिला को सार्वजनिक स्थलों पर हिजाब पहनने के लिए मजबूर किया जाता है। जो महिलाएं इन नियमों का पालन नहीं करतीं, उन्हें तरह-तरह की सज़ाओं का सामना करना पड़ता है।
महिलाओं पर दबाव और अत्याचार
ईरानी कानून के मुताबिक, सार्वजनिक स्थलों पर महिलाओं के लिए हिजाब और सिर पर स्कार्फ पहनना अनिवार्य है। इन नियमों का पालन न करने वाली महिलाओं पर मॉरल पुलिस द्वारा भारी दबाव डाला जाता है। पिछले कुछ समय से देशभर में ऐसे कई मामले सामने आए हैं, जहां हिजाब न पहनने पर महिलाओं को सार्वजनिक रूप से प्रताड़ित किया गया है।
घटना के विरोध में कपड़े उतारे
तेहरान में घटी इस घटना ने छात्राओं और युवाओं के बीच आक्रोश पैदा कर दिया है। यह मामला तब सामने आया जब विश्वविद्यालय की एक छात्रा ने हिजाब तो पहन रखा था, लेकिन सिर पर स्कार्फ नहीं बांधा था। इस पर पुलिस ने उसके साथ बदसलूकी की, मारपीट की और उसके कपड़े फाड़ दिए। इस अमानवीय व्यवहार के विरोध में छात्रा ने सरेआम अपने कपड़े उतारकर अपना विरोध जताया।
महिलाओं के अधिकारों की मांग
इस घटना के बाद ईरान के युवाओं और महिलाओं में भारी आक्रोश देखने को मिला है। सोशल मीडिया पर लोग इस घटना के खिलाफ आवाज़ उठा रहे हैं और महिलाओं के लिए आज़ादी और उनके अधिकारों की मांग कर रहे हैं।
ईरान में महिलाओं की स्थिति पर सवाल
ईरान में महिलाओं के अधिकारों और स्वतंत्रता पर लगाई जा रही पाबंदियों को लेकर दुनियाभर में चिंता जताई जा रही है। कई मानवाधिकार संगठनों ने इस्लामिक पुलिस की आलोचना की है और महिलाओं के अधिकारों की रक्षा के लिए कदम उठाने की मांग की है।
इस घटना ने एक बार फिर से यह सवाल खड़ा कर दिया है कि क्या ईरान में महिलाओं को अपनी मर्जी से कपड़े पहनने और अपनी जीवनशैली चुनने का अधिकार है?