AIN NEWS 1: छत्तीसगढ़ में एक महत्वपूर्ण घटना घटी है, जिसमें 11 परिवारों ने अपने सनातनी पूर्वजों से पुनः जुड़कर सनातन धर्म को अपनाया। इस विशेष कार्यक्रम का आयोजन प्रबल प्रताप सिंह जूदेव द्वारा किया गया, जिसमें वे प्रसिद्ध संत धीरेन्द्र कृष्ण शास्त्री के मार्गदर्शन में कार्य कर रहे थे।
इस कार्यक्रम में पूज्य बागेश्वर सरकार ने भी भाग लिया और उन्होंने अपने उद्बोधन में हिंदुओं पर हो रहे अत्याचारों की चिंता जताई। उन्होंने कहा कि देश के लगभग 200 जिलों में जनसांख्यिकी में बड़ा परिवर्तन हुआ है, जिसके कारण हिंदू समुदाय अल्पसंख्यक हो गया है।
कार्यक्रम का उद्देश्य उन परिवारों को पुनः धर्म में जोड़ना था, जो किसी कारणवश अपने पूर्वजों के धर्म से भटक गए थे। इस कार्य के पीछे का मुख्य उद्देश्य धर्म के प्रति जागरूकता फैलाना और लोगों को उनके वास्तविक संस्कारों की ओर लौटाना है। बागेश्वर सरकार ने अपने विचार व्यक्त करते हुए कहा कि आज के समय में हिंदू समाज को एकजुट होने की आवश्यकता है, ताकि वे अपने अधिकारों की रक्षा कर सकें।
उन्होंने यह भी कहा कि समाज में एकता और समर्पण का भाव होना आवश्यक है। बागेश्वर सरकार के अनुसार, जब हम अपने धर्म और संस्कृति को भूल जाते हैं, तब हम अपनी पहचान को खो देते हैं। इसलिए, इस तरह के कार्यक्रमों का आयोजन करना महत्वपूर्ण है, जिससे लोग अपने मूल धर्म को पहचान सकें और पुनः उसे अपनाने की दिशा में कदम बढ़ा सकें।
इस कार्यक्रम के माध्यम से उन परिवारों को पुनः सनातन धर्म में शामिल किया गया, जो अलग-अलग कारणों से इस धर्म से दूर हो गए थे। यह कार्यक्रम केवल एक धार्मिक समारोह नहीं था, बल्कि यह एक सामाजिक जागरूकता का प्रतीक भी था। इसमें उन सभी लोगों को आमंत्रित किया गया, जो अपने धर्म को लेकर चिंतित थे और जो अपनी पहचान को पुनः प्राप्त करना चाहते थे।
इस प्रकार, छत्तीसगढ़ में हुए इस घर वापसी कार्यक्रम ने न केवल 11 परिवारों को धर्म में पुनः शामिल किया, बल्कि समाज में एकता और जागरूकता फैलाने का कार्य भी किया। यह एक सकारात्मक कदम है जो कि आगे बढ़कर अन्य परिवारों को भी प्रेरित कर सकता है, ताकि वे अपने धर्म और संस्कृति को अपनाने में संकोच न करें।
इस घटना ने यह भी स्पष्ट किया है कि आज के समय में समाज में जागरूकता और शिक्षा का स्तर बढ़ाना अत्यंत आवश्यक है। ताकि लोग अपने धर्म को पहचानें और अपने पूर्वजों की परंपराओं को सम्मान दें। इस तरह के कार्यक्रमों से एक नया उत्साह और जागरूकता का संचार होगा, जो समाज को और अधिक मजबूत बनाएगा।
इस प्रकार, छत्तीसगढ़ में यह घर वापसी कार्यक्रम न केवल धार्मिक दृष्टि से महत्वपूर्ण है, बल्कि यह सामाजिक एकता और सामूहिक पहचान को भी पुनर्जीवित करने का एक प्रयास है।