कांग्रेस नेता और लोकसभा में नेता प्रतिपक्ष राहुल गांधी ने महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव को लेकर भारतीय जनता पार्टी (BJP) पर गंभीर आरोप लगाए हैं। उन्होंने कहा कि यह चुनाव एक “मैच फिक्सिंग” की तरह हुआ जिसमें लोकतंत्र को कमजोर करने की पूरी योजना थी।
🧾 राहुल गांधी का पांच-चरणीय आरोप:
राहुल गांधी ने अपने लेख (इंडियन एक्सप्रेस में प्रकाशित) और सोशल मीडिया पोस्ट में कहा कि बीजेपी ने एक पाँच-स्तरीय योजना के तहत चुनाव को प्रभावित किया:
-
चुनाव आयोग की चयन प्रक्रिया में हेरफेर
-
वोटर लिस्ट में फर्जी नाम जोड़े गए
-
वोटिंग आंकड़े कृत्रिम रूप से बढ़ाए गए
-
चुनिंदा क्षेत्रों में फर्जी वोटिंग कराई गई
-
चुनाव संबंधी सबूतों को छिपाया गया
📊 क्या कहते हैं आंकड़े?
राहुल गांधी के मुताबिक, महाराष्ट्र में 2019 में वोटर्स की संख्या 8.98 करोड़ थी जो 2024 में बढ़कर 9.29 करोड़ हो गई। लेकिन अगले 5 महीनों में ही यह संख्या 9.70 करोड़ हो गई — यानी अचानक 41 लाख वोटर्स जुड़ गए। राहुल का दावा है कि यह असामान्य बढ़ोतरी संदेहजनक है।
🔁 बीजेपी का पलटवार
बीजेपी प्रवक्ता तुहिन सिन्हा ने राहुल गांधी के आरोपों को सिरे से खारिज किया और कहा कि यह लोकतांत्रिक संस्थाओं का अपमान है। उन्होंने कहा कि चुनाव आयोग पहले भी ऐसे आरोपों पर सफाई दे चुका है और कांग्रेस अपने हार के लिए बहाने खोज रही है।
🧑⚖️ क्या बदला चुनाव आयोग में?
राहुल गांधी ने यह भी कहा कि 2023 में केंद्र सरकार ने चुनाव आयोग की चयन प्रक्रिया में बदलाव किया, जिससे अब मुख्य न्यायाधीश को हटा कर एक केंद्रीय मंत्री को शामिल किया गया है। इससे आयोग की निष्पक्षता पर सवाल उठता है।
🗳️ चुनाव आयोग का जवाब
चुनाव आयोग ने स्पष्ट किया है कि वोटरों की संख्या में बढ़ोतरी नए युवाओं के जुड़ने और जागरूकता अभियान के चलते हुई है। लेकिन राहुल गांधी इसे एक “सुनियोजित साजिश” मानते हैं।
Rahul Gandhi has alleged large-scale election fixing by the BJP in Maharashtra’s 2024 assembly elections. He claims the BJP used fake voter lists, manipulated voting data, and changed election commission appointments to rig the polls. This has sparked major political controversy with BJP denying all allegations and calling it an attack on democratic institutions. The issue highlights growing tensions in Indian politics around electoral transparency and fairness.