Sunday, December 22, 2024

Morning News Brief : UP के मदरसा स्टूडेंट सरकारी स्कूल नहीं जाएंगे; SC बोला- सरकारें हर प्राइवेट प्रॉपर्टी नहीं कब्जा सकतीं; IPL ऑक्शन 24-25 नवंबर को

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नमस्कार,

कल की बड़ी खबर सुप्रीम कोर्ट के दो फैसलों से जुड़ी रही। पहला फैसला UP मदरसा एक्ट को लेकर था, जिसे कोर्ट ने बरकरार रखा है। इसके चलते अब मदरसा स्टूडेंट सरकारी स्कूल नहीं भेजे जाएंगे। वहीं कोर्ट की दूसरी बेंच ने एक मामले पर कहा कि सरकारें सभी प्राइवेट प्रॉपर्टी पर कब्जा नहीं कर सकतीं। दूसरी खबर IPL से जुड़ी है, इस बार खिलाड़ियों की नीलामी 24 और 25 नवंबर को सऊदी अरब में होगी।

 

 

Table of Contents

आज के प्रमुख इवेंट्स:

  • NCP चुनाव चिह्न मामले पर सुप्रीम कोर्ट की सुनवाई
    सुप्रीम कोर्ट आज राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (NCP) के चुनाव चिह्न ‘घड़ी’ को लेकर शरद पवार की याचिका पर सुनवाई करेगा। यह मामला पार्टी के अंदर विवाद और चिह्न के स्वामित्व पर आधारित है।
  • कोलकाता आरजी कर रेप-मर्डर केस की सुनवाई
    सुप्रीम कोर्ट आज कोलकाता के आरजी कर मेडिकल कॉलेज में हुए रेप और मर्डर केस पर भी सुनवाई करेगा। इस मामले ने राज्य में कानून-व्यवस्था की स्थिति पर गंभीर सवाल उठाए हैं।
  • अमेरिका में राष्ट्रपति चुनाव की वोटों की गिनती शुरू
    अमेरिकी राष्ट्रपति चुनाव के लिए डाले गए वोटों की गिनती आज शुरू होगी। यह गिनती दुनिया भर के लिए महत्वपूर्ण होगी क्योंकि इसमें पूर्व राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प और वर्तमान उप-राष्ट्रपति कमला हैरिस के बीच कड़ा मुकाबला हो रहा है।

 

 

अब कल की बड़ी खबरें…

सुप्रीम कोर्ट ने UP मदरसा एक्ट को दी मंजूरी, 17 लाख छात्रों को सरकारी स्कूल जाने की आवश्यकता नहीं

UP मदरसा एक्ट को सुप्रीम कोर्ट ने बताया संवैधानिक, 17 लाख छात्रों को राहत -  MH One News

सुप्रीम कोर्ट ने सुनाया फैसला सुप्रीम कोर्ट ने मंगलवार को UP बोर्ड ऑफ मदरसा एजुकेशन एक्ट 2004 की वैधता को बरकरार रखा। इसके साथ ही, कोर्ट ने इलाहाबाद हाईकोर्ट के 8 महीने पुराने फैसले को खारिज कर दिया, जिसमें मदरसा एक्ट को असंवैधानिक करार दिया गया था। सुप्रीम कोर्ट ने अपने फैसले में स्पष्ट किया कि इस एक्ट के प्रावधान संविधान के मूल ढांचे या नागरिकों के मूल अधिकारों का उल्लंघन नहीं करते।

हाईकोर्ट का फैसला 22 मार्च 2024 को, इलाहाबाद हाईकोर्ट की लखनऊ बेंच ने एक 86 पेज के फैसले में UP मदरसा एक्ट को असंवैधानिक घोषित किया था। हाईकोर्ट ने कहा था कि यह एक्ट धर्मनिरपेक्षता के सिद्धांत के खिलाफ है और इससे विभिन्न धर्मों के छात्रों के बीच भेदभाव होता है। हाईकोर्ट के अनुसार, धर्म के आधार पर अलग-अलग प्रकार की शिक्षा देना धर्मनिरपेक्षता का उल्लंघन है।

सुप्रीम कोर्ट की राय सुप्रीम कोर्ट ने हाईकोर्ट से भिन्न विचार रखते हुए कहा कि धर्मनिरपेक्षता का अर्थ ‘जियो और जीने दो’ है। कोर्ट ने कहा कि UP मदरसा एक्ट संविधान के प्रावधानों का पालन करता है और इसे लागू रखना उचित है।

फैसले का असर सुप्रीम कोर्ट के इस फैसले का सीधा प्रभाव यह है कि अब उत्तर प्रदेश के 16 हजार मदरसों में पढ़ रहे लगभग 17 लाख छात्र सरकारी स्कूल जाने के लिए बाध्य नहीं होंगे। ये मदरसे पहले की तरह ही संचालित होते रहेंगे, और छात्रों की शिक्षा व्यवस्था में कोई बदलाव नहीं आएगा।

यह फैसला शिक्षा के क्षेत्र में मदरसों की भूमिका और धार्मिक स्वतंत्रता पर एक महत्वपूर्ण निर्णय है।

 

 

 

सुप्रीम कोर्ट का बड़ा फैसला: सरकारें हर निजी संपत्ति पर नहीं कर सकतीं कब्जा, 45 साल पुराना निर्णय पलटा

Explainer : आपकी प्रॉपर्टी पर नहीं चलेगी सरकार की मनमानी, Supreme Court का बड़ा  फैसला | Supreme Court Landmark decision, slashed state power to seize  private property – Money9live

सुप्रीम कोर्ट का नया फैसला सुप्रीम कोर्ट की 9 जजों की संविधान बेंच ने मंगलवार को 1978 में दिए गए अपने ही फैसले को पलट दिया। CJI की अध्यक्षता में इस बेंच ने 7:2 के बहुमत से यह निर्णय सुनाया। बेंच ने कहा, “हर निजी संपत्ति को सामुदायिक संपत्ति नहीं माना जा सकता। केवल कुछ विशेष संपत्तियों को ही सरकार आम जनता के हित में सामुदायिक संसाधन मानकर उपयोग कर सकती है।”

1978 के फैसले का सार 1978 में, सुप्रीम कोर्ट ने जस्टिस कृष्ण अय्यर की अध्यक्षता में एक फैसला दिया था, जिसमें कहा गया था कि राज्य सरकारें सभी निजी संपत्तियों पर कब्जा कर सकती हैं। यह फैसला उस समय की विशेष आर्थिक और समाजवादी विचारधारा से प्रभावित था।

फैसले का महत्व नए फैसले के अनुसार, निजी संपत्तियों के अधिकारों की सुरक्षा बढ़ेगी, और सरकारें केवल उन संपत्तियों का अधिग्रहण कर सकेंगी, जिन्हें सामुदायिक संसाधन के रूप में मान्यता दी गई है। इससे संपत्ति अधिकारों को लेकर कानूनी स्पष्टता बढ़ेगी और निजी संपत्ति धारकों को राहत मिलेगी।

 

 

 

IPL मेगा ऑक्शन 24-25 नवंबर को सऊदी अरब में, पंत, केएल और श्रेयस पर रहेगी खास नजर

IPL mega auction on 24-25 November jeddah saudi arabia | IPL मेगा ऑक्शन  24-25 नवंबर को: सऊदी अरब में नीलामी; पंत, केएल राहुल और श्रेयस पर बड़ी बोली  लगने की उम्मीद | Dainik Bhaskar

IPL मेगा ऑक्शन का आयोजन IPL 2024 का मेगा ऑक्शन 24 और 25 नवंबर को सऊदी अरब के जेद्दाह में होगा। यह पहली बार है जब ऑक्शन इस स्थान पर हो रहा है। पिछले साल मिनी ऑक्शन दुबई में आयोजित हुआ था। इस बार ऑक्शन में दिल्ली कैपिटल्स से रिलीज किए गए ऋषभ पंत, लखनऊ सुपर जायंट्स के पूर्व कप्तान केएल राहुल और कोलकाता नाइट राइडर्स के कप्तान श्रेयस अय्यर पर बड़ी बोली लगने की उम्मीद है।

खाली स्थानों की संख्या और नीलामी की स्थिति इस बार 10 टीमों ने कुल 46 खिलाड़ियों को रिटेन किया है। इससे टीमों में 204 स्थान खाली रह गए हैं। इन स्थानों के लिए 1000 से अधिक खिलाड़ी नीलामी में भाग लेंगे। IPL कमेटी ने खिलाड़ियों को रिटेन करने की अंतिम तारीख 31 अक्टूबर 2024 तय की थी, जिसके बाद टीमों ने अपने फैसले लिए।

मेगा ऑक्शन की परंपरा IPL का मेगा ऑक्शन हर 4 साल में एक बार आयोजित होता है, जबकि हर साल मिनी ऑक्शन होता है। पिछला मेगा ऑक्शन 2022 में हुआ था, जब लखनऊ सुपर जायंट्स और गुजरात टाइटन्स को IPL में शामिल किया गया था। 2023 में हुए मिनी ऑक्शन में मिचेल स्टार्क को 24.75 करोड़ और पैट कमिंस को 20.50 करोड़ रुपये में खरीदा गया था।

प्रमुख खिलाड़ी और संभावनाएं इस मेगा ऑक्शन में ऋषभ पंत, केएल राहुल और श्रेयस अय्यर जैसे स्टार खिलाड़ियों पर टीमें बड़ा दांव लगा सकती हैं, जिससे ऑक्शन का माहौल बेहद रोमांचक होने की उम्मीद है।

 

 

 

‘बिहार कोकिला’ शारदा सिन्हा का 72 की उम्र में निधन, छठ गीतों की आवाज अब खामोश

लोक गायिका शारदा सिन्हा का निधन लोकप्रिय गायिका शारदा सिन्हा, जिन्हें ‘बिहार कोकिला’ के नाम से जाना जाता था, का मंगलवार को 72 वर्ष की उम्र में निधन हो गया। उन्हें कैंसर था और तबीयत बिगड़ने पर 26 अक्टूबर को दिल्ली के एम्स अस्पताल में भर्ती कराया गया था। शारदा सिन्हा छठ महापर्व के गीतों के लिए विशेष रूप से मशहूर थीं और उनके गानों ने इस त्योहार की रौनक को बढ़ाया।

सम्मान और उपलब्धियां शारदा सिन्हा को 1991 में पद्म श्री और 2018 में पद्म भूषण जैसे प्रतिष्ठित पुरस्कारों से सम्मानित किया गया था। उनके गीतों ने न सिर्फ बिहार बल्कि पूरे देश में छठ पर्व के महत्व को विशेष पहचान दिलाई। उन्होंने बॉलीवुड और भोजपुरी फिल्मों में भी अपनी आवाज का जादू बिखेरा। अपने संपूर्ण करियर में, उन्होंने 9 एल्बमों में कुल 62 छठ गीत गाए।

संगीत जगत में योगदान शारदा सिन्हा की मधुर आवाज ने पारंपरिक लोकगीतों को एक नई पहचान दी और उन्हें आम लोगों के दिलों तक पहुंचाया। उनके निधन से संगीत प्रेमियों के बीच शोक की लहर दौड़ गई है। उनका योगदान भारतीय लोक संगीत के क्षेत्र में सदैव याद किया जाएगा।

 

 

 

 

जयशंकर बोले- चीन से डिसइंगेजमेंट खत्म, अब विदेश मंत्रियों और NSA की बैठक पर ध्यान

S. Jaishankar Update; India China Border | LAC Patrolling Agreement | जयशंकर  बोले- बॉर्डर से पीछे हटीं भारत-चीन सेनाएं: जल्द मिलेंगे दोनों देशों के  विदेश मंत्री और NSA; 21 ...

डिसइंगेजमेंट का अंत विदेश मंत्री एस. जयशंकर ने मंगलवार को बताया कि चीन के साथ सीमा विवाद का ‘डिसइंगेजमेंट चैप्टर’ समाप्त हो चुका है। भारतीय और चीनी सेनाएं LAC (लाइन ऑफ एक्चुअल कंट्रोल) के विवादित क्षेत्रों देपसांग और डेमचोक से अपनी वापसी पूरी कर चुकी हैं। अब दोनों देशों का ध्यान डी-एस्केलेशन यानी तनाव कम करने पर होगा। इसके लिए जल्द ही दोनों देशों के विदेश मंत्रियों और राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकारों (NSA) की बैठक आयोजित की जाएगी।

गलवान झड़प की पृष्ठभूमि 2020 में पूर्वी लद्दाख की गलवान घाटी में भारत और चीन के सैनिकों के बीच गंभीर झड़प हुई थी। इस झड़प में 20 भारतीय सैनिक शहीद हुए थे, जबकि चीन के भी कई सैनिक मारे गए थे, हालांकि चीन ने अपने हताहतों की संख्या का खुलासा नहीं किया। भारत और चीन 3,440 किमी लंबी सीमा साझा करते हैं, और 2020 से ही सीमा पर तनाव बना हुआ था।

कैसे हुई सेनाओं की वापसी दो साल की लंबी बातचीत के बाद, भारत और चीन के बीच विवादित क्षेत्रों से सेनाओं के पीछे हटने पर सहमति बनी। देपसांग और डेमचोक जैसे प्रमुख बिंदुओं से सेनाओं ने वापसी की, हालांकि गलवान घाटी और गोगरा हॉट स्प्रिंग्स में गश्त पर कोई विशेष निर्णय नहीं हुआ।

 

 

 

अमेरिकी राष्ट्रपति चुनाव: ट्रम्प और कमला हैरिस के बीच कड़ी टक्कर, आज होगी काउंटिंग

US President Election 2024: कमला हैरिस और ट्रंप के बीच कड़ी टक्कर, सबसे  करीबी मुकाबले वाले 5 अमेरिकी राष्ट्रपति चुनाव के बारे में जानिए - us  president election 2024 ...

चुनाव प्रक्रिया और उम्मीदवार अमेरिका में 47वें राष्ट्रपति चुनाव की वोटिंग भारतीय समयानुसार 6 नवंबर की सुबह 4:30 बजे समाप्त हो गई। आज काउंटिंग होगी, जिसमें रिपब्लिकन पार्टी के डोनाल्ड ट्रम्प और डेमोक्रेटिक पार्टी की ओर से भारतवंशी कमला हैरिस के बीच कड़ा मुकाबला देखने को मिलेगा। कमला हैरिस वर्तमान में अमेरिका की उप-राष्ट्रपति हैं, जबकि ट्रम्प 2017 से 2021 तक राष्ट्रपति रह चुके हैं।

जीत के लिए जरूरी सीटें अमेरिकी राष्ट्रपति बनने के लिए 538 इलेक्टोरेल वोट्स में से किसी भी उम्मीदवार को 270 सीटों की आवश्यकता होती है। 50 राज्यों और वॉशिंगटन डीसी में इन वोट्स का बंटवारा होता है, और बहुमत हासिल करने वाला उम्मीदवार राष्ट्रपति चुना जाता है।

नए कार्यकाल की शुरुआत नए अमेरिकी राष्ट्रपति का कार्यकाल हर बार 20 जनवरी को दोपहर के समय शुरू होता है। यदि 20 जनवरी को रविवार पड़ता है, तो शपथ ग्रहण 21 जनवरी को होता है। इस परंपरा को 1933 में लागू किया गया था, जब 20वें संविधान संशोधन के तहत राष्ट्रपति फ्रैंकलिन डी. रूजवेल्ट के शपथ ग्रहण से पहले मार्च के बजाय जनवरी में शपथ लेने की व्यवस्था शुरू की गई, ताकि चुनाव के बाद अधिक समय बर्बाद न हो।

इस चुनाव में ट्रम्प और कमला हैरिस के बीच का मुकाबला न केवल अमेरिका के लिए, बल्कि अंतरराष्ट्रीय राजनीति के लिए भी बेहद महत्वपूर्ण है।

 

 

 

ओलिंपिक-2036 के लिए भारत की दावेदारी, अहमदाबाद में आयोजन की संभावना

India Olympics 2036: भारत ने 2036 ओलंपिक की मेज़बानी के लिए दावेदारी पेश  की, इस रिपोर्ट में हुआ बड़ा खुलासा - Ghamasan News

2036 ओलिंपिक मेजबानी के लिए भारत की दावेदारी भारत ने 2036 के ओलिंपिक गेम्स की मेजबानी के लिए अपनी दावेदारी प्रस्तुत कर दी है। इंडियन ओलिंपिक एसोसिएशन (IOA) ने इंटरनेशनल ओलिंपिक काउंसिल (IOC) को औपचारिक पत्र लिखकर यह प्रस्ताव रखा है। यदि भारत को मेजबानी की मंजूरी मिलती है, तो खेल अहमदाबाद के सरदार पटेल स्पोर्ट्स कॉम्प्लेक्स में आयोजित किए जा सकते हैं।

पूर्व के मेजबान और बिडिंग प्रक्रिया 2032 तक के ओलिंपिक मेजबान पहले से ही तय हैं। 2028 के ओलिंपिक लॉस एंजिलिस, अमेरिका में होंगे, जबकि 2032 का आयोजन ऑस्ट्रेलिया के ब्रिस्बेन में किया जाएगा। 2036 की मेजबानी के लिए बिडिंग प्रक्रिया शुरू होने वाली है, जिसमें भारत प्रमुख दावेदारों में शामिल है।

भारत का मेजबानी अनुभव भारत अब तक 3 बड़े मल्टी स्पोर्ट्स इवेंट्स की मेजबानी कर चुका है। 2010 में देश ने कॉमनवेल्थ गेम्स का आयोजन किया था। इसके पहले, भारत में 1982 और 1951 में एशियन गेम्स हो चुके हैं। यदि भारत को 2036 के ओलिंपिक की मेजबानी मिलती है, तो यह भारतीय खेल इतिहास में एक बड़ी उपलब्धि होगी।

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सत्यमेव जयते नानृतं सत्येन पन्था विततो देवयानः।
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