AIN NEWS 1: दिल्ली में वायु गुणवत्ता का स्तर खतरनाक स्थिति में पहुंच गया है। केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड (CPCB) के अनुसार, अक्षरधाम मंदिर और उसके आसपास का क्षेत्र भी इस प्रदूषण से प्रभावित हुआ है। यहां की वायु गुणवत्ता सूचकांक (AQI) 415 तक पहुंच गया है, जो ‘गंभीर’ श्रेणी में आता है। इस स्तर के वायु प्रदूषण को स्वास्थ्य के लिए अत्यधिक हानिकारक माना जाता है।
प्रदूषण के असर से घटती दृश्यता
स्मॉग के कारण अक्षरधाम मंदिर के आसपास दृश्यता काफी कम हो गई है। स्मॉग में वृद्धि का मुख्य कारण वाहनों का धुआं, निर्माण कार्य से निकलने वाली धूल, और औद्योगिक प्रदूषण है। इसके अलावा, बदलते मौसम के साथ तापमान में गिरावट के कारण प्रदूषक तत्व हवा में बने रहते हैं और घने स्मॉग का निर्माण करते हैं। इससे न केवल दृश्यता में कमी आई है, बल्कि सांस लेने में भी कठिनाई हो रही है।
वायु प्रदूषण का स्वास्थ्य पर प्रभाव
‘गंभीर’ श्रेणी में आने वाले AQI स्तर से फेफड़े और हृदय रोगों से ग्रसित लोगों के लिए स्थिति और खतरनाक हो जाती है। विशेषज्ञों के अनुसार, उच्च AQI स्तर पर लंबे समय तक रहने से सांस की समस्या, एलर्जी, और आंखों में जलन जैसी समस्याएं आम हो सकती हैं। बच्चों, बुजुर्गों और गर्भवती महिलाओं को विशेष रूप से इस समय सतर्क रहने की सलाह दी गई है। डॉक्टर्स ने लोगों को जितना हो सके घर के अंदर ही रहने और बाहर जाने पर मास्क पहनने की सलाह दी है।
सरकार और प्रशासन की भूमिका
दिल्ली सरकार ने हाल के वर्षों में प्रदूषण से निपटने के लिए कई कदम उठाए हैं, जैसे कि ‘रेड लाइट ऑन, गाड़ी ऑफ’ अभियान, निर्माण कार्यों पर रोक, और जलने वाले कचरे पर नियंत्रण। हालांकि, प्रदूषण का स्तर इस समय इतना बढ़ गया है कि इन प्रयासों के बावजूद हवा की गुणवत्ता में सुधार नहीं हो पाया है।
क्या करें दिल्लीवासी?
विशेषज्ञों का कहना है कि दिल्ली के नागरिकों को प्रदूषण से बचने के लिए सावधानी बरतनी चाहिए। बाहर निकलते समय मास्क का उपयोग करना, घर में एयर प्यूरीफायर लगाना, और बच्चों को घर के अंदर ही खेलने देना बेहतर होगा। इसके साथ ही, फेफड़ों की देखभाल के लिए सांस लेने वाले व्यायाम करना भी फायदेमंद हो सकता है।
दिल्ली में बढ़ते प्रदूषण के चलते लोग सांस लेने में कठिनाई का सामना कर रहे हैं, और प्रशासन से और अधिक ठोस कदम उठाने की मांग भी कर रहे हैं। प्रदूषण को कम करने के लिए सभी को मिलकर प्रयास करना होगा, ताकि दिल्ली की हवा फिर से सांस लेने के योग्य बन सके।