नमस्कार,
कल की बड़ी खबर अयोध्या के राम मंदिर को बम से उड़ाने की धमकी की रही। एक खबर मणिपुर की थी, जहां CRPF चौकी पर हमला करने पहुंचे 10 कुकी उग्रवादियों को सुरक्षाबलों ने मार गिराया।
आज के प्रमुख इवेंट्स:
- प्रधानमंत्री मोदी की महाराष्ट्र में चुनावी सभाएं
- प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी आज महाराष्ट्र के चार प्रमुख शहरों में चुनावी रैलियां करेंगे।
- ये रैलियां चंद्रपुर, चिमूर, सोलापुर, और पुणे में आयोजित होंगी।
- महाराष्ट्र में आगामी चुनावों के मद्देनजर इन सभाओं को काफी अहम माना जा रहा है।
- दिल्ली में भारत-रूस इंटर गवर्नमेंटल कमीशन (IGC) की बैठक
- भारत और रूस के बीच आज दिल्ली में इंटर गवर्नमेंटल कमीशन (IGC) की महत्वपूर्ण बैठक होगी।
- इस बैठक की अध्यक्षता भारत की ओर से विदेश मंत्री एस. जयशंकर करेंगे, जो भारतीय डेलिगेशन का नेतृत्व करेंगे।
- इस बैठक का उद्देश्य भारत-रूस के बीच द्विपक्षीय संबंधों को और मजबूत करना है, जिसमें रक्षा, ऊर्जा, व्यापार, और सांस्कृतिक सहयोग पर चर्चा होने की संभावना है।
अब कल की बड़ी खबरें…
राम मंदिर उड़ाने की धमकी: खालिस्तानी आतंकी पन्नू ने दी चेतावनी, कहा- ‘हिंदुत्ववादी विचारधारा की नींव हिला देंगे’
अयोध्या को उड़ाने की धमकी
खालिस्तानी आतंकी संगठन सिख फॉर जस्टिस (SFJ) के चीफ गुरपतवंत सिंह पन्नू ने एक बार फिर भारत को धमकी दी है। इस बार पन्नू ने अयोध्या में बन रहे राम मंदिर को बम से उड़ाने की धमकी दी है। पन्नू का कहना है, “हम अयोध्या की नींव हिला देंगे, क्योंकि यह हिंसक हिंदुत्ववादी विचारधारा की जन्मस्थली है।” उसने चेतावनी दी कि 16 और 17 नवंबर को सिख फॉर जस्टिस राम मंदिर पर हमला करेगा।
पहले भी दे चुका है धमकियां
यह पहली बार नहीं है जब पन्नू ने धमकी दी है। पिछले महीने भी उसने कई धमकियां दी थीं:
- 21 अक्टूबर: पन्नू ने एअर इंडिया की फ्लाइट्स में बम ब्लास्ट की धमकी दी थी।
- 4 नवंबर: पन्नू ने फिर से एअर इंडिया के विमानों में बम धमाके की चेतावनी दी।
- 19 नवंबर: उसने दिल्ली एयरपोर्ट को बंद करने की धमकी दी थी, जबकि उसी दिन अहमदाबाद में क्रिकेट वर्ल्ड कप का फाइनल मैच खेला जाना था।
भारत की सुरक्षा एजेंसियां अलर्ट
लगातार मिल रही धमकियों के बाद भारतीय सुरक्षा एजेंसियां पूरी तरह से सतर्क हो गई हैं। राम मंदिर और एयरपोर्ट्स की सुरक्षा बढ़ा दी गई है। पुलिस और सुरक्षा बलों को हाई अलर्ट पर रखा गया है ताकि किसी भी संभावित खतरे को टाला जा सके।
कौन है गुरपतवंत सिंह पन्नू?
गुरपतवंत सिंह पन्नू खालिस्तानी संगठन सिख फॉर जस्टिस का मुखिया है, जो लंबे समय से भारत के खिलाफ उग्र बयानबाजी और आतंकी गतिविधियों में लिप्त है। भारत सरकार ने उसे आतंकवादी घोषित कर रखा है और उसके खिलाफ कई मामले दर्ज हैं।
ऐसे में पन्नू की धमकियों को हल्के में नहीं लिया जा रहा है और सभी सुरक्षा इंतजाम पुख्ता किए जा रहे हैं।
मणिपुर में सुरक्षाबलों की बड़ी कार्रवाई: CRPF चौकी पर हमला करने पहुंचे 10 कुकी उग्रवादी ढेर
CRPF चौकी और पुलिस स्टेशन पर हमला
मणिपुर के जिरिबाम जिले में कुकी उग्रवादियों ने सुरक्षा बलों पर बड़ा हमला किया। उन्होंने एक पुलिस स्टेशन और CRPF चौकी को निशाना बनाया। इस हमले के जवाब में सुरक्षाबलों ने त्वरित कार्रवाई करते हुए 10 उग्रवादियों को मार गिराया। जानकारी के अनुसार, इन उग्रवादियों ने सैनिकों जैसी वर्दी पहन रखी थी। मुठभेड़ में एक CRPF जवान भी घायल हुआ है। मारे गए सभी उग्रवादियों के शवों को बोरोबेक्रा पुलिस स्टेशन में रखा गया है।
स्थानीय नागरिकों पर हमला और आगजनी
पुलिस स्टेशन पर हमला करने के बाद उग्रवादी वहां से करीब एक किलोमीटर दूर स्थित एक बस्ती की ओर भाग निकले। वहां पहुंचकर उन्होंने घरों में आग लगा दी और गोलियों की बौछार शुरू कर दी। इस हमले में 5 स्थानीय लोग लापता बताए जा रहे हैं। आशंका है कि उग्रवादियों ने उन्हें अगवा कर लिया है।
राहत शिविरों पर खतरा
जिन राहत शिविरों में स्थानीय लोग शरण ले रहे हैं, वे भी कुकी उग्रवादियों के निशाने पर हैं। इस घटना के बाद इलाके में तनाव का माहौल है और सुरक्षा बलों की तैनाती बढ़ा दी गई है।
सुरक्षा बल अलर्ट पर
मणिपुर में बढ़ती उग्रवादी गतिविधियों को देखते हुए सुरक्षाबलों को हाई अलर्ट पर रखा गया है। पुलिस और CRPF की टीमें लगातार इलाके की सर्च ऑपरेशन चला रही हैं ताकि लापता लोगों का पता लगाया जा सके और किसी भी संभावित खतरे को रोका जा सके।
प्रयागराज में 10 हजार छात्रों का प्रदर्शन, लाठीचार्ज; ‘एक दिन-एक शिफ्ट’ में एग्जाम की मांग
छात्रों का प्रदर्शन और पुलिस की सख्ती
प्रयागराज में 10 हजार से ज्यादा छात्रों ने ‘एक दिन-एक शिफ्ट’ में परीक्षा कराने की मांग को लेकर जोरदार प्रदर्शन किया। छात्रों ने लोक सेवा आयोग (UPPSC) के कार्यालय की ओर मार्च किया, लेकिन पुलिस ने बैरिकेडिंग लगाकर उन्हें रोकने की कोशिश की। इसके बावजूद छात्रों ने बैरिकेडिंग तोड़ दी, जिसके बाद पुलिस ने लाठीचार्ज किया। इस घटना में कई छात्र घायल हो गए।
छात्रों की मांग क्या है?
आयोग ने PCS प्री परीक्षा 7 और 8 दिसंबर को दो शिफ्ट में आयोजित करने का निर्णय लिया है। वहीं, RO/ARO परीक्षा 22 और 23 दिसंबर को तीन शिफ्ट में होगी — दो शिफ्ट 22 दिसंबर को और एक शिफ्ट 23 दिसंबर को। छात्रों का कहना है कि सभी परीक्षाएं एक ही दिन और एक ही शिफ्ट में होनी चाहिए ताकि सबके लिए समान अवसर हो।
नॉर्मलाइजेशन पर भी विवाद
इस बार आयोग ने नॉर्मलाइजेशन प्रोसेस लागू किया है, जिसका भी विरोध हो रहा है। छात्रों का कहना है कि अलग-अलग शिफ्ट में पेपर होने से उनके स्कोर पर असर पड़ता है। नॉर्मलाइजेशन के तहत कठिन पेपर वाले छात्रों को कुछ अतिरिक्त अंक दिए जाते हैं, ताकि सभी शिफ्ट के अभ्यर्थियों को बराबरी का मौका मिल सके। लेकिन छात्रों का मानना है कि यह प्रक्रिया पूरी तरह से निष्पक्ष नहीं है।
आयोग का पक्ष
UPPSC ने स्पष्ट किया है कि एक ही दिन में परीक्षा आयोजित करने के लिए 1758 परीक्षा केंद्रों की जरूरत है, जबकि 41 जिलों में केवल 978 योग्य सेंटर ही उपलब्ध हो पाए हैं। इन 978 सेंटरों पर करीब 4,35,074 अभ्यर्थी एक साथ परीक्षा दे सकते हैं। इसलिए परीक्षा को दो दिनों में आयोजित करने का निर्णय लिया गया है।
छात्रों का सवाल है कि केवल 41 जिलों में ही परीक्षा क्यों करवाई जा रही है, बाकी 34 जिलों में केंद्र क्यों नहीं बनाए गए। इस पर आयोग ने कोई स्पष्ट जवाब नहीं दिया है।
आगे की स्थिति
प्रदर्शन के बाद भी छात्रों का विरोध जारी है, और उन्होंने अपने आंदोलन को और तेज करने की चेतावनी दी है। वहीं, प्रशासन ने स्थिति को नियंत्रित करने के लिए सुरक्षाबलों की तैनाती बढ़ा दी है। मामले को लेकर छात्रों और प्रशासन के बीच टकराव की स्थिति बनी हुई है।
बॉर्डर-गावस्कर ट्रॉफी: गौतम गंभीर का रिकी पोंटिंग को जवाब, बोले- ‘मैं दबाव में नहीं, पोंटिंग अपनी टीम पर ध्यान दें’
गंभीर ने पोंटिंग की चिंता को किया खारिज
बॉर्डर-गावस्कर ट्रॉफी की शुरुआत से पहले भारतीय टीम के कोच गौतम गंभीर ने किसी भी तरह के दबाव से इनकार किया है। पूर्व ऑस्ट्रेलियाई कप्तान रिकी पोंटिंग के बयान पर गंभीर ने पलटवार करते हुए कहा, “इंडियन क्रिकेट के बारे में पोंटिंग क्यों चिंतित हैं? उन्हें अपनी ऑस्ट्रेलियन टीम के बारे में सोचना चाहिए। हम दबाव में नहीं हैं।” बॉर्डर-गावस्कर ट्रॉफी 22 नवंबर से शुरू हो रही है और इसे लेकर दोनों टीमों के बीच माहौल गर्म हो चुका है।
भारत-ऑस्ट्रेलिया टेस्ट सीरीज का इतिहास
भारत और ऑस्ट्रेलिया के बीच टेस्ट सीरीज की शुरुआत 1947-48 में हुई थी। इस सीरीज का एक बार भारत में और दूसरी बार ऑस्ट्रेलिया में आयोजन होता है। भारत ने पहली बार 1979 में 6 मैचों की टेस्ट सीरीज को 2-0 से जीतकर इतिहास रचा था।
- बॉर्डर-गावस्कर ट्रॉफी: 1996 में इस सीरीज को ‘बॉर्डर-गावस्कर ट्रॉफी’ का नाम दिया गया।
- ओवरऑल रिकॉर्ड: अब तक खेले गए 28 सीरीज में से ऑस्ट्रेलिया ने 12 बार जीत हासिल की है, जबकि भारत ने 11 बार ट्रॉफी अपने नाम की है। 5 सीरीज ड्रॉ रही हैं।
- हालिया रिकॉर्ड: पिछले 7 सीरीज में से 6 में कंगारू टीम ने जीत दर्ज की, जबकि 1 सीरीज ड्रॉ रही।
इस बार की ट्रॉफी क्यों है खास?
इस बार की बॉर्डर-गावस्कर ट्रॉफी दोनों टीमों के लिए अहम है, क्योंकि दोनों ही टीमों के पास अपने-अपने घर में बेहतरीन प्रदर्शन का रिकॉर्ड है। भारत जहां घरेलू मैदान पर जीत का सिलसिला बरकरार रखना चाहेगा, वहीं ऑस्ट्रेलिया भारत की चुनौतीपूर्ण पिचों पर जीत दर्ज करना चाहेगा।
गंभीर और पोंटिंग की बयानबाजी से बढ़ा रोमांच
गंभीर और पोंटिंग के बीच बयानबाजी ने सीरीज से पहले ही माहौल को गर्म कर दिया है। फैन्स और क्रिकेट प्रेमी अब इस बहुप्रतीक्षित मुकाबले का बेसब्री से इंतजार कर रहे हैं।
क्या इस बार भारत अपनी घरेलू सरजमीं पर ऑस्ट्रेलिया को मात देकर ट्रॉफी पर कब्जा कर पाएगा, या कंगारू टीम भारत के मजबूत किले को भेदने में सफल होगी? इसका फैसला आने वाले मैचों में होगा।
जस्टिस संजीव खन्ना बने देश के 51वें चीफ जस्टिस, 6 महीने का होगा कार्यकाल
संक्षिप्त कार्यकाल
जस्टिस संजीव खन्ना ने देश के 51वें चीफ जस्टिस (CJI) के रूप में शपथ ली है। उनका कार्यकाल मात्र 6 महीने का होगा, क्योंकि वह 64 साल की उम्र में 13 मई 2025 को सेवानिवृत्त हो जाएंगे।
न्यायिक सफर
- दिल्ली हाईकोर्ट से सुप्रीम कोर्ट तक: 2005 में जस्टिस खन्ना को दिल्ली हाईकोर्ट का जज नियुक्त किया गया, जहां उन्होंने 13 साल तक अपनी सेवाएं दीं।
- सुप्रीम कोर्ट में योगदान: 2019 में सुप्रीम कोर्ट के जज बने। सुप्रीम कोर्ट में अपने 6 साल के कार्यकाल के दौरान उन्होंने 450 से अधिक बेंचों का हिस्सा बनते हुए 115 महत्वपूर्ण फैसले लिखे हैं।
प्रमुख फैसले
- आर्टिकल 370: जस्टिस खन्ना की बेंच ने जम्मू-कश्मीर को विशेष दर्जा देने वाले अनुच्छेद 370 को हटाए जाने के मामले पर सुनवाई की।
- इलेक्टोरल बॉन्ड: चुनावी फंडिंग के मुद्दे पर जस्टिस खन्ना ने अपने फैसले से नई मिसाल कायम की।
- दिल्ली के पूर्व CM अरविंद केजरीवाल को जमानत: जुलाई 2023 में, जस्टिस खन्ना और जस्टिस दीपांकर दत्ता की बेंच ने दिल्ली के पूर्व मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल को जमानत दी थी।
- AMU को माइनॉरिटी स्टेटस: 8 नवंबर 2023 को, जस्टिस खन्ना ने अलीगढ़ मुस्लिम यूनिवर्सिटी (AMU) को माइनॉरिटी स्टेटस दिए जाने के समर्थन में फैसला सुनाया।
उनकी न्यायिक दृष्टि और निष्पक्षता की प्रशंसा
जस्टिस संजीव खन्ना को उनके बेबाक और निष्पक्ष फैसलों के लिए जाना जाता है। उनकी नियुक्ति के बाद कानूनी विशेषज्ञों और वरिष्ठ वकीलों ने उम्मीद जताई है कि उनके नेतृत्व में न्यायपालिका के स्तर पर और भी महत्वपूर्ण सुधार देखने को मिल सकते हैं।
जस्टिस खन्ना के इस संक्षिप्त लेकिन महत्वपूर्ण कार्यकाल से कई बड़े और ऐतिहासिक फैसलों की उम्मीद की जा रही है।
डोनाल्ड ट्रम्प और व्लादिमीर पुतिन की बातचीत पर विवाद, रूस ने किया खंडन
अमेरिकी मीडिया का दावा
वॉशिंगटन पोस्ट की रिपोर्ट के अनुसार, अमेरिका के पूर्व राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प ने 7 नवंबर को रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन से बातचीत की थी। रिपोर्ट में कहा गया है कि पुतिन ने ट्रम्प को चुनाव में जीत की बधाई दी और अमेरिका के साथ संबंध सुधारने की इच्छा जताई। ट्रम्प ने पुतिन को यूक्रेन में चल रहे युद्ध को और न बढ़ाने की सलाह दी थी।
रूस ने किया खंडन
हालांकि, रूस ने इस दावे का खंडन किया है। क्रेमलिन के प्रवक्ता दिमित्री पेस्कोव ने अमेरिकी मीडिया की रिपोर्ट्स को गलत बताते हुए कहा, “दोनों नेताओं के बीच ऐसी कोई बातचीत नहीं हुई है।” उन्होंने स्पष्ट किया कि यह जानकारी पूरी तरह से झूठी है और इसमें कोई सच्चाई नहीं है।
70 देशों के नेताओं से बातचीत का ट्रम्प का दावा
डोनाल्ड ट्रम्प ने 7 नवंबर को बयान दिया था कि चुनाव में जीत के बाद से वे 70 देशों के नेताओं से बातचीत कर चुके हैं। इस सूची में भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, यूक्रेन के राष्ट्रपति वोलोदिमीर जेलेंस्की और इजराइल के प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू भी शामिल हैं। नेतन्याहू ने तो यहां तक कहा कि वे ट्रम्प से उनकी जीत के बाद 3 बार बातचीत कर चुके हैं।
बातचीत के मायने और विवाद
ट्रम्प और पुतिन के बीच कथित बातचीत की खबरों ने अंतरराष्ट्रीय राजनीति में हलचल मचा दी है। यदि यह बातचीत सच होती, तो यह यूक्रेन युद्ध और अमेरिका-रूस संबंधों के लिहाज से बेहद महत्वपूर्ण होती। लेकिन रूस के खंडन के बाद इस मामले पर संशय बरकरार है।
क्या है ट्रम्प का अगला कदम?
डोनाल्ड ट्रम्प के इन बयानों से यह संकेत मिलता है कि उनकी नजरें 2024 के राष्ट्रपति चुनाव पर हैं और वे अमेरिका की विदेश नीति को लेकर नई दिशा देने की कोशिश कर सकते हैं। लेकिन रूस के इनकार के बाद यह देखना दिलचस्प होगा कि ट्रम्प आगे क्या रुख अपनाते हैं।
यह विवाद ऐसे समय में सामने आया है जब दुनिया भर की नजरें यूक्रेन युद्ध और वैश्विक कूटनीतिक संबंधों पर टिकी हुई हैं।