Thursday, November 14, 2024

महाराष्ट्र में सीएम पद के लिए खींचतान: महायुति और एमवीए के बीच मचेगी हलचल

- Advertisement -
Ads
- Advertisement -
Ads

AIN NEWS 1 | महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव के नतीजे आने के बाद, सीएम पद को लेकर दोनों प्रमुख गठबंधनों — महाविकास आघाड़ी (एमवीए) और सत्तारूढ़ महायुति में गहमा-गहमी देखने को मिल सकती है। पिछले पांच वर्षों में राज्य को तीन मुख्यमंत्री मिले हैं और इस दौरान शिवसेना व एनसीपी में भी टूट हो चुकी है। अब, सवाल यह है कि क्या इन दोनों गठबंधनों में शामिल दल अपने पुराने गठबंधन के प्रति निष्ठा बनाए रखेंगे या नहीं?

सीएम पद को लेकर गठबंधनों में मतभेद

मौजूदा विधानसभा के पांच साल के कार्यकाल के दौरान, सीएम पद के लिए हुए विवादों ने राज्य की राजनीति को झकझोर दिया। एकनाथ शिंदे को सीएम बनाए जाने के बाद, भाजपा ने उन्हें चुनाव में अपना चेहरा नहीं बनाया। भाजपा के गृह मंत्री अमित शाह ने कहा कि इस सवाल का फैसला चुनाव के बाद होगा। दूसरी ओर, एनसीपी प्रमुख शरद पवार ने भी इस मुद्दे पर कुछ इसी तरह का रुख अपनाया, जिसमें उनका कहना था कि नतीजे आने के बाद सीएम पद के बारे में चर्चा की जाएगी।

एमवीए के भीतर, विशेष रूप से शिवसेना और कांग्रेस के बीच, विभिन्न मुद्दों पर मतभेद बने हुए हैं, जैसे जाति जनगणना, सावरकर पर बयान, और हिंदुत्व के मुद्दे। वहीं महायुति में एनसीपी (अजीत) का भाजपा के नारों पर सवाल उठाना भी समस्या पैदा कर सकता है।

पिछले घटनाक्रम और सीएम पद का इतिहास

2019 के विधानसभा चुनाव के बाद जब सीएम पद पर मतभेद उठे, तो राज्यपाल ने फडणवीस को शपथ दिलवाकर अजीत पवार को डिप्टी सीएम बनाया, लेकिन महज 80 घंटों में शिवसेना ने एनसीपी और कांग्रेस के साथ मिलकर सरकार बनाई। इसके बाद शिवसेना में टूट हुई, जिससे एकनाथ शिंदे ने भाजपा के साथ मिलकर नई सरकार बनाई। इस तरह, पिछले पांच साल में महाराष्ट्र ने तीन मुख्यमंत्री देखे।

सीएम पद की अहमियत

सीएम पद दोनों गठबंधनों के लिए अहम है, क्योंकि यह हर दल की राजनीतिक रणनीति का केंद्र बिंदु है। शिवसेना का राजग से अलग होना, एनसीपी में विद्रोह, भाजपा और उद्धव ठाकरे के बीच अनबन — ये सब सीएम पद के विवाद के कारण ही हुए। अब कांग्रेस और एनसीपी दोनों ही सरकार का नेतृत्व करने की महत्वाकांक्षा रख रहे हैं। वहीं, भाजपा की भी सरकार का नेतृत्व करने की इच्छा रही है, जिसे मजबूरी में शिंदे को सीएम बनाने की स्थिति में देखा गया था।

सीएम पद के लिए बढ़ेगी दावेदारी

चुनाव नतीजों के बाद, दोनों गठबंधनों के भीतर सीएम पद को लेकर खींचतान बढ़ने की संभावना है। राज्य में वोट बैंक को लेकर भी जोड़-तोड़ की स्थिति बन सकती है, क्योंकि हर दल अपनी सीटों में वृद्धि करने की कोशिश करेगा ताकि सीएम पद पर अपनी दावेदारी प्रस्तुत कर सके। शिंदे गुट मराठा वोट बैंक पर कब्जा करना चाहता है, जबकि अजीत गुट एनसीपी के पुराने वोट बैंक में सेंध लगाने की कोशिश करेगा। भाजपा ओबीसी और अगड़ा समीकरण के माध्यम से अपने प्रदर्शन को मजबूत करने की कोशिश कर सकती है।

सरकार गठन के लिए समय की कमी

चुनाव नतीजे 23 नवंबर को आएंगे, जबकि वर्तमान विधानसभा का कार्यकाल 26 नवंबर को खत्म हो जाएगा। सरकार गठन के लिए दोनों गठबंधनों के पास महज 72 घंटे का समय होगा, और इस छोटे से समय में सीएम पद पर फैसला लेना दोनों गठबंधनों के लिए बड़ी चुनौती बन सकता है।

- Advertisement -
Ads
AIN NEWS 1
AIN NEWS 1https://ainnews1.com
सत्यमेव जयते नानृतं सत्येन पन्था विततो देवयानः।
Ads

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here

Advertisement
Polls
Trending
Rashifal
Live Cricket Score
Weather Forecast
Latest news
Related news
- Advertisement -
Ads