महाराष्ट्र नवनिर्माण सेना (MNS) के अध्यक्ष राज ठाकरे ने महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव 2024 के लिए अपनी पार्टी का घोषणा पत्र जारी किया है। इस घोषणा पत्र का शीर्षक ‘हम यह करेंगे’ है, जिसमें विभिन्न मुद्दों पर फोकस किया गया है।
राज ठाकरे ने प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान घोषणा पत्र के कुछ महत्वपूर्ण बिंदुओं को उजागर किया। उन्होंने कहा कि सभी राजनीतिक दलों के मेनिफेस्टो पहले ही आ चुके हैं, और अब MNS ने भी अपना घोषणा पत्र प्रस्तुत कर दिया है।
MNS के घोषणा पत्र के मुख्य बिंदु
- बुनियादी सुविधाएं:
- पीने का पानी: सभी नागरिकों को स्वच्छ और सुरक्षित पेयजल उपलब्ध कराना।
- महिला सुरक्षा: महिलाओं की सुरक्षा को प्राथमिकता दी जाएगी, जिसके लिए विशेष योजनाएं लागू की जाएंगी।
- शिक्षा: उच्च गुणवत्ता वाली शिक्षा को बढ़ावा देने के लिए ठोस कदम उठाए जाएंगे।
- रोजगार: युवाओं के लिए रोजगार के नए अवसर सृजित किए जाएंगे।
- बिजली: महाराष्ट्र के हर क्षेत्र में निर्बाध बिजली आपूर्ति सुनिश्चित करना।
- कचरा प्रबंधन: शहरी और ग्रामीण क्षेत्रों में प्रभावी कचरा प्रबंधन प्रणाली स्थापित की जाएगी।
- इंटरनेट उपलब्धता: राज्य भर में हाई-स्पीड इंटरनेट की उपलब्धता सुनिश्चित करना।
- खेल और मनोरंजन: खेलने के लिए पर्याप्त स्थान और सुविधाएं उपलब्ध कराई जाएंगी।
- मराठी अस्मिता और संस्कृति:
- मराठी साहित्य और गढ़-किला संरक्षण: मराठी भाषा और साहित्य को बढ़ावा देने के साथ-साथ महाराष्ट्र के ऐतिहासिक किलों का संरक्षण।
- मराठी भाषा को राज्य के हर क्षेत्र में प्राथमिकता दी जाएगी।
- अलग बुकलेट ‘हमने क्या किया’:
- राज ठाकरे ने घोषणा पत्र के साथ एक और बुकलेट भी जारी की है, जिसमें MNS द्वारा किए गए आंदोलनों और कार्यों का विवरण है।
महायुति और महा विकास अघाड़ी के वादे
अन्य राजनीतिक गठबंधनों ने भी अपने-अपने घोषणा पत्र जारी किए हैं:
- महायुति (BJP-शिवसेना गठबंधन):
- महिलाओं को हर महीने 2100 रुपये की सहायता राशि।
- 2027 तक 50 लाख महिलाओं को “लखपति दीदी” बनाने का वादा।
- 10 लाख छात्रों को 10,000 रुपये का वजीफा देने का वादा।
- महा विकास अघाड़ी (MVA):
- महिलाओं के लिए महालक्ष्मी योजना, जिसमें हर महीने 3000 रुपये की वित्तीय सहायता।
- मुफ्त बस सेवा महिलाओं के लिए।
- छात्रों के लिए 4000 रुपये मासिक वजीफा।
राज ठाकरे का बयान
राज ठाकरे ने प्रशासन पर निशाना साधते हुए कहा कि वह 17 नवंबर को ठाणे और मुंबई में रैली करने वाले थे, लेकिन प्रशासनिक अनुमति में देरी के कारण रैली को स्थगित करना पड़ा। उन्होंने प्रशासनिक देरी को हास्यास्पद बताया और कहा कि चुनाव आयोग को यह बताना भी पड़ता है कि कितनी प्रतियां छापी गई हैं, जो एक हास्यास्पद नियम है।
निष्कर्ष
MNS का घोषणा पत्र इस बार राज्य के बुनियादी मुद्दों के साथ-साथ मराठी अस्मिता को बढ़ावा देने पर केंद्रित है। महाराष्ट्र के आगामी चुनावों में यह देखना दिलचस्प होगा कि राज ठाकरे की यह रणनीति MNS के लिए कितना प्रभावी साबित होती है। दूसरी ओर, महायुति और महा विकास अघाड़ी ने भी अपने वादों के साथ मतदाताओं को आकर्षित करने की कोशिश की है।