तमिलनाडु के रामेश्वरम जाने वाले यात्रियों के लिए एक बड़ी खुशखबरी है। नया पंबन ब्रिज बनकर तैयार हो गया है, जो मंडपम से रामेश्वरम के बीच की यात्रा को तेज़ और सुगम बनाएगा। इस पुल के निर्माण से 1 घंटे का सफर अब सिर्फ 20 मिनट में पूरा हो सकेगा।
पंबन ब्रिज की खासियतें
- हिन्द महासागर पर निर्मित:
- नया पंबन ब्रिज तमिलनाडु के रामनाथपुरम जिले के पंबन और मंडपम स्टेशनों के बीच, हिन्द महासागर के ऊपर बनाया गया है।
- यह ब्रिज पुराने पंबन ब्रिज का प्रतिस्थापन है, जो 100 साल से भी अधिक पुराना था और अपनी उम्र पूरी कर चुका था।
- आधुनिक तकनीक:
- नए ब्रिज में वर्टिकल लिफ्ट गर्डर सिस्टम का उपयोग किया गया है। इस तकनीक की मदद से पुल का हिस्सा ऊपर उठाया जा सकता है, जिससे बड़े पोत इसके नीचे से गुजर सकते हैं।
- यह ब्रिज पुराने पुल से 3 मीटर ऊंचा है, जिससे समुद्री जहाजों के लिए और अधिक स्थान मिल सकेगा।
- उच्च गति की ट्रेन सेवा:
- ब्रिज के निरीक्षण के दौरान ट्रेन 80 किलोमीटर प्रति घंटे (KM/H) की रफ्तार से दौड़ी। जबकि पंबन से मंडपम के बीच ट्रेन 90 KM/H की गति से चलाई जा सकेगी।
- इस पुल में 18.3 मीटर के 100 स्पैन बनाए गए हैं, जो इसे एक अद्वितीय इंजीनियरिंग मार्वल बनाते हैं।
- इंजीनियरिंग की मिसाल:
- पंबन ब्रिज को रेल विकास निगम लिमिटेड (RVNL) द्वारा पुनर्निर्मित किया गया है। इसके निर्माण में 535 करोड़ रुपये की लागत आई है।
- यह ब्रिज भारत का सबसे लंबा पुल है, जो किसी खाड़ी पर निर्मित है।
- सीआरएस निरीक्षण और मंजूरी:
- ब्रिज का निरीक्षण कमिश्नर ऑफ रेल सेफ्टी (CRS) द्वारा किया गया, जिन्होंने इसे संचालन के लिए मंजूरी दे दी है।
- जल्द ही इस ब्रिज पर नियमित रेल सेवा शुरू कर दी जाएगी।
पंबन ब्रिज का महत्व
- रामेश्वरम एक प्रमुख तीर्थ स्थल है, और इस नए पुल के बनने से श्रद्धालुओं के लिए यात्रा आसान हो जाएगी।
- यह ब्रिज न केवल तमिलनाडु बल्कि पूरे दक्षिण भारत के इंफ्रास्ट्रक्चर में एक महत्वपूर्ण योगदान देगा।
- पंबन ब्रिज के माध्यम से तेज़ और सुरक्षित परिवहन सेवा से पर्यटन को भी बढ़ावा मिलेगा, जिससे स्थानीय अर्थव्यवस्था को लाभ होगा।
नया पंबन ब्रिज न केवल यात्रियों के समय की बचत करेगा, बल्कि इसे इंजीनियरिंग का चमत्कार माना जा रहा है। इसके निर्माण से भारत के बढ़ते इंफ्रास्ट्रक्चर और आधुनिक तकनीकी क्षमताओं की एक नई पहचान सामने आई है।