AIN NEWS 1: झारखंड में इन दिनों चुनावी माहौल गरमाया हुआ है। राजनीतिक दलों के नेता अलग-अलग इलाकों में जाकर जनता से अपने-अपने उम्मीदवारों के लिए समर्थन मांग रहे हैं। इसी कड़ी में जन अधिकार पार्टी के प्रमुख और बिहार के पूर्व सांसद पप्पू यादव झारखंड के एक गांव में मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन की पत्नी कल्पना सोरेन के लिए प्रचार करने पहुंचे।
पप्पू यादव ने ग्रामीणों से कल्पना सोरेन के लिए वोट डालने की अपील की। उन्होंने हेमंत सोरेन सरकार की उपलब्धियां गिनाते हुए कहा कि राज्य में विकास कार्य तेजी से हो रहे हैं और कल्पना सोरेन को जिताना इस काम को आगे बढ़ाने में मदद करेगा।
लेकिन गांव की महिलाओं और बेटियों ने पप्पू यादव की बातों पर सहमति नहीं जताई। उन्होंने कहा, “हम तो बीजेपी को ही वोट देंगे।” महिलाओं ने आगे कहा, “हम उसी पार्टी को समर्थन देंगे जिसने राम मंदिर बनवाया है। बीजेपी ने हमारे धार्मिक और सांस्कृतिक भावनाओं का सम्मान किया है, और हम उनके साथ हैं।”
पप्पू यादव ने जनता को मनाने की पूरी कोशिश की, लेकिन महिलाओं के इस जवाब ने साफ कर दिया कि गांव में बीजेपी की पकड़ मजबूत है। इस घटनाक्रम से झारखंड की राजनीति में यह संकेत मिलता है कि चुनाव में धार्मिक और भावनात्मक मुद्दों का बड़ा प्रभाव हो सकता है।
हेमंत सोरेन की पत्नी कल्पना सोरेन इस बार चुनावी मैदान में हैं, और उनके लिए प्रचार करने कई नेता झारखंड के विभिन्न क्षेत्रों में सक्रिय हैं। लेकिन इस घटना ने यह सवाल खड़ा कर दिया है कि क्या झारखंड में बीजेपी की लोकप्रियता और धार्मिक मुद्दे चुनावी नतीजों को प्रभावित करेंगे।
झारखंड की राजनीति में महिलाओं की भूमिका भी अब अहम होती जा रही है। गांव की बेटियों का खुलकर अपनी राय व्यक्त करना यह दिखाता है कि वे अब राजनीति के प्रति जागरूक हो रही हैं और अपनी पसंद-नापसंद को खुलकर जाहिर कर रही हैं।
यह घटना झारखंड के चुनावी समीकरणों को नई दिशा देती है। अब देखना यह होगा कि क्या पप्पू यादव जैसे नेताओं की अपील ग्रामीण जनता को लुभा पाती है या बीजेपी का प्रभाव बरकरार रहता है।